समूचे देश की निगाहें इस वक्त चद्रयान-3 पर टिकी हुई हैं और आज इस यात्रा में एक अहम पड़ाव आने वाला है। आज से विक्रम लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा और लैंडिंग तक अपना सफर अकेले तय करेगा। दरअसल, मिशन चंद्रयान 3 को लेकर आज एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे। आज लैंडर विक्रम को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग किया जाएगा। दोपहर करीब 1 बजे प्रोपल्शन मॉड्यूल की मदद से विक्रम लैंडर रोवर के साथ चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचेगा जिसके बाद आगे का सफर लैंडर विक्रम अपने आप ही तय करेगा।
दरअसल, चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा। चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा। वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा। 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी।
जब चांद से न्यूनतम दूरी जब 30 किलोमीटर रह जाएगी तब लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने की यात्रा शुरू करेगा और ये 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 पर होगा। हालांकि सॉफ्ट लैंडिंग की इस प्रक्रिया में अभी कई चुनौतियां हैं। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा का आधे से ज्यादा स्पेसक्राफ्ट पूरा कर चुका है और 23 अगस्त को यान चंद्रमा पर लैंड करेगा।