
बेंगलुरु। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मंगलवार देर रात बेंगलुरु के एम.एस. रमैया अस्पताल में भर्ती कराया गया। 82 वर्षीय वरिष्ठ नेता को लगातार बुखार की शिकायत थी, जिसके बाद चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, खड़गे को भर्ती करने के तुरंत बाद कई मेडिकल जांचें की गईं और डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। शुरुआती जांच में फिलहाल किसी गंभीर समस्या का पता नहीं चला है, लेकिन उनकी उम्र और हाल के व्यस्त राजनीतिक कार्यक्रमों को देखते हुए चिकित्सक कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।
डॉक्टरों का बयान
अस्पताल प्रशासन ने एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कहा कि “श्री मल्लिकार्जुन खड़गे को बुखार की शिकायत के बाद भर्ती किया गया है। उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। उन्हें निगरानी में रखा गया है और कुछ और जांचें की जा रही हैं, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।”
डॉक्टरों का कहना है कि बुखार के कारण का पता लगाने के लिए ब्लड और अन्य पैथोलॉजिकल टेस्ट किए गए हैं। परिणाम मिलने के बाद ही उपचार की आगे की दिशा तय की जाएगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चिंता
खड़गे के अस्पताल में भर्ती होने की खबर जैसे ही सामने आई, पूरे देश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में चिंता की लहर दौड़ गई। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक, पार्टी नेताओं ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने #GetWellSoonKharge और #StayStrongKharge जैसे हैशटैग के साथ संदेश साझा किए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा –
“खड़गे जी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हम सब उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है।”
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर संदेश लिखते हुए कहा –
“खड़गे जी हमारे मार्गदर्शक और कांग्रेस परिवार की ताकत हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वे जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ हों और हमारे बीच सक्रिय भूमिका निभाते रहें।”
विपक्षी दलों से भी मिले संदेश
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी खड़गे के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा –
“खड़गे जी के स्वास्थ्य लाभ की खबर पाकर राहत मिली। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और एनसीपी सुप्रिया सुले ने भी खड़गे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि देश की राजनीति में उनकी भूमिका बेहद अहम है।
लगातार व्यस्त कार्यक्रमों से सेहत पर असर?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हाल के दिनों में खड़गे का कार्यक्रम बेहद व्यस्त रहा है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की बैठकों में सक्रिय भूमिका निभाने के कारण वे लगातार यात्रा और बैठकों में व्यस्त रहे।
इसके अलावा, कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्य में कांग्रेस की सत्ता होने के कारण खड़गे को बार-बार बेंगलुरु और दिल्ली के बीच आना-जाना करना पड़ता है। उम्रदराज़ होने के बावजूद उनकी सक्रियता पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रही है।
खड़गे का राजनीतिक सफर
मल्लिकार्जुन खड़गे भारतीय राजनीति में एक सशक्त और वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। वे कर्नाटक की राजनीति से उभरे और कई दशकों से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय हैं। उन्होंने विधायक, मंत्री और संसद सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ संभालीं। 2022 में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया, और वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बाद पार्टी के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए।
खड़गे का अध्यक्ष बनना कांग्रेस के लिए इसलिए भी खास माना गया क्योंकि वे गांधी परिवार से बाहर के पहले ऐसे नेता बने, जिन्होंने कई वर्षों बाद पार्टी की कमान संभाली। उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई राज्यों में संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया है।
पार्टी पर असर
खड़गे की बीमारी की खबर ऐसे समय आई है जब कांग्रेस कई महत्वपूर्ण मोर्चों पर सक्रिय है। महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में आगामी चुनाव की तैयारियाँ चल रही हैं, वहीं केंद्र में विपक्षी एकजुटता को बनाए रखने की चुनौती भी उनके सामने है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी अस्थायी स्वास्थ्य समस्या से पार्टी के कामकाज पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कांग्रेस के पास अनुभवी नेतृत्व मौजूद है। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खड़गे की मौजूदगी एक मनोबल बढ़ाने वाला कारक है।
फिलहाल डॉक्टरों का कहना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे की हालत स्थिर है और चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन उनकी उम्र और व्यस्त राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए उन्हें निगरानी में रखा गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की दुआएं उनके साथ हैं।
आने वाले कुछ दिनों में जांच रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि खड़गे को कितने समय तक आराम की जरूरत होगी। फिलहाल पूरा देश यही चाहता है कि वे जल्द स्वस्थ होकर सक्रिय राजनीति में लौटें और कांग्रेस को अपनी अनुभवी नेतृत्व क्षमता से आगे बढ़ाते रहें।