देशफीचर्ड

बेंगलुरु : तनाव न लें, प्रयास करने में संकोच न करें क्योंकि गलती हो सकती है- उपराष्‍ट्रपति

खबर को सुने

उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ ने भारतीय नवाचार, अनुसंधान और उद्यमिता की शक्ति पर प्रकाश डाला और नागरिकों से भारत की बढ़ती उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया। वह बेंगलुरु में आज गोकुल एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय डॉ एम. एस. रमैया के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति ने सामाजिक परिवर्तन को सक्षम करने में शिक्षा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही नालंदा, तक्षशिला, वल्लभी और विक्रमशिला जैसे शिक्षा के महान अध्‍ययन केन्‍द्रों का घर रहा है। श्री धनखड़ ने भारत के शिक्षा क्षेत्र में अधिक समावेश और उत्कृष्टता लाने में नई शिक्षा नीति के महत्व पर जोर दिया। एनईपी-2020 को वर्तमान स्थिति में बदलाव बताते हुए उन्होंने कहा कि, “यह हमारी शिक्षा प्रणाली में आमूल परिवर्तन लाएगा, यह हमें डिग्री केन्द्रित संस्कृति से दूर करेगा और हमें एक उत्पादक पथ पर ले जाएगा।”

छात्रों को किसी प्रकार का बोझ और तनाव न लेने की सलाह देते हुए, उन्होंने उन्हें प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में नहीं फंसने के लिए कहा। उपराष्‍ट्रपति ने कहा, “कोशिश करने में संकोच न करें क्योंकि गलती हो सकती है। बिना गिरे कुछ भी बड़ा हासिल नहीं हुआ है।”

धनखड़ ने वैश्विक पटल पर भारत के बेरोक उदय की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्व भारत का सम्मान करता है और भारत की आवाज सुनता है।

संसद को सरकार को जवाबदेह ठहराने का एक मंच बताते हुए, उपराष्ट्रपति ने सदन में व्यवधान की बढ़ती घटनाओं पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए एक जन आंदोलन का आह्वान करते हुए, उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे जनता को मनाने के लिए जनमत तैयार करें और सांसदों से अनुरोध किया कि वे इस तरह का आचरण करें जो सभी के लिए अनुकरणीय हो।

भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में यह धनखड़ की कर्नाटक राज्य की पहली यात्रा है। कर्नाटक राजभवन में अपने प्रवास के दौरान, उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई सहित राज्य के कई गणमान्य लोगों से मुलाकात की।

इससे पहले दिन में उन्होंने डॉ सुदेश धनखड़ के साथ बेंगलुरु में डोड्डा गणपति, बुल मंदिर और गवी गंगाधरेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की और राष्ट्र की शांति और समृद्धि और सभी नागरिकों की भलाई के लिए प्रार्थना की।

स अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के  कानून मंत्री जे.सी. मधुस्वामी,  गोकुल एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. एम. आर. जयराम, गोकुल एजुकेशन फाउंडेशन के उपाध्यक्ष  एम. आर. सीताराम और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Image

Image

Image

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button