
नैनीताल/रामनगर। नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) की टेंडर प्रक्रिया के दौरान माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे सात लोगों को पुलिस ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि ठेका आवंटन के दौरान कुछ लोग न केवल अनावश्यक दबाव बना रहे थे, बल्कि अफसरों को प्रभावित कर प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर रहे थे। सूचना मिलते ही नैनीताल एसएसपी डॉ. मंजुनाथ टी.सी. ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए कठोर कार्रवाई के आदेश दिए।
कैसे भड़का विवाद—टेंडर स्थल पर दबंगई की कोशिश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैलपाड़व क्षेत्र के निवासी दयाल सिंह पन्नू और उसके छह साथी PWD की टेंडर प्रक्रिया के दौरान अचानक स्थल पर पहुँच गए। इसके बाद उन्होंने न केवल अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की, बल्कि माहौल को अशांत करने वाला व्यवहार भी किया।
खबर मिलते ही संबंधित विभागीय अधिकारियों ने घटनाक्रम की सूचना तत्काल उच्च पुलिस अधिकारियों को दी। मामला संवेदनशील होने के कारण SSP ने इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
SSP का त्वरित एक्शन: कोतवाली प्रभारी को भेजी विशेष टीम
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए SSP डॉ. मंजुनाथ टी.सी. ने रामनगर कोतवाली प्रभारी सुशील कुमार को त्वरित पुलिस बल के साथ मौके पर भेजा। पुलिस टीम ने पहुँचते ही माहौल शांत कराया और हंगामा कर रहे सभी सात व्यक्तियों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सरकारी कार्य में बाधा पहुँचाने की कोशिश कर रहे थे, जो कानूनन एक गंभीर अपराध है।
रामनगर पुलिस की सख्त कार्रवाई: वाहन सीज, रिवॉल्वर जब्त
हिरासत में लिए जाने के बाद सभी आरोपियों को कोतवाली लाया गया। पूछताछ के दौरान पुलिस को दयाल सिंह पन्नू के पास से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर भी मिली।
पुलिस ने बताया कि—
- मौके की स्थिति को देखते हुए हथियार के दुरुपयोग की आशंका थी,
- इसलिए रिवॉल्वर को तत्काल जब्त कर लिया गया,
- और उसके लाइसेंस को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इसके साथ ही सभी आरोपियों के वाहनों को भी सीज किया गया है, ताकि आगे किसी प्रकार की अवैध गतिविधि या दबाव प्रयास को रोका जा सके।
SSP ने दी कड़ी चेतावनी: “सरकारी प्रक्रियाओं में दखल देने वालों पर सख्त कार्रवाई”
एसएसपी डॉ. मंजुनाथ टी.सी. ने घटना के बाद स्पष्ट संदेश देते हुए कहा:
“सरकारी कार्यों में बाधा डालने, दबंगई दिखाने या माहौल बिगाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को कतई बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे मामलों में सीधे गुंडा अधिनियम, जिला बदर और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ऐसे तत्वों पर लगातार नजर रखेगी और जिले में कानून–व्यवस्था को कठोरता से लागू किया जाएगा।
कौन-कौन गिरफ्तार हुए — सभी बन्नाखेड़ा निवासी
पुलिस ने जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- सज्जन सिंह
- दयाल सिंह पन्नू
- नरेंद्र सिंह
- सर्वजीत सिंह
- विक्की सिंह
- सुखराज सिंह
- सरदूल सिंह
सभी आरोपी बन्नाखेड़ा क्षेत्र के निवासी बताए गए हैं। पुलिस इनके आपराधिक इतिहास की भी जाँच कर रही है।
PWD टेंडर में दबाव बनाने की कोशिश क्यों?
स्थानीय सूत्रों का मानना है कि बड़ी रकम के ठेकों में दबाव या दखल देने की कोशिशें पहले भी सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार प्रशासन पहले से ज्यादा सतर्क था। विभागीय अधिकारियों ने भी घटना को बेहद गंभीरता से लिया और तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाए रखने के लिए ऐसी सख्त कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है।
जिले की कानून–व्यवस्था पर पुलिस की सख्त नजर
रामनगर और आसपास के क्षेत्रों में हाल के महीनों में पुलिस ने कई बार अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। SSP ने यह भी संकेत दिया कि आगे भी सरकारी प्रक्रियाओं, निविदाओं, निर्माण कार्यों और अन्य प्रशासनिक कार्रवाइयों में दखल देने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करती है, बल्कि सरकारी विभागों में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मियों को भी सुरक्षा का भरोसा देती है।
निष्कर्ष
PWD टेंडर प्रक्रिया में दबाव डालने की कोशिश को जिस तीव्रता से पुलिस ने नाकाम किया, उससे जिले में स्पष्ट संदेश गया है कि कानून–व्यवस्था से खिलवाड़ का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। SSP की सख्त चेतावनी और त्वरित कार्रवाई ने प्रशासनिक मशीनरी में विश्वास को और मजबूत किया है।
इस पूरे प्रकरण ने यह भी संकेत दिया है कि उत्तराखंड पुलिस सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।



