
देहरादून, 29 जुलाई 2025: अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाघ संरक्षण को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों की सीधी तैनाती की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स में 80 से अधिक अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी, जो न केवल बाघों और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे, बल्कि वन्यजीव अपराधों पर भी कड़ा शिकंजा कसेंगे। यह कदम न सिर्फ बाघ संरक्षण को नई दिशा देगा, बल्कि सेना से प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार का भी सशक्त अवसर प्रदान करेगा।
बाघों की रक्षा में अब सेना से प्रशिक्षित अग्निवीर होंगे मुस्तैद
मुख्यमंत्री ने बताया कि टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का मुख्य कार्य अवैध शिकार की रोकथाम, वन क्षेत्रों में गश्त, खुफिया जानकारी एकत्र करना और अपराधियों पर कार्रवाई करना होगा। इसके अलावा यह फोर्स लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और वन भूमि पर अतिक्रमण जैसे मामलों से भी निपटेगी।
सीएम धामी ने कहा, “यह फोर्स मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी कारगर सिद्ध होगी। कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में घुस आते हैं, जिससे खतरा बढ़ता है। ऐसे समय में यह फोर्स प्रशिक्षित रूप से संकट को संभालेगी और दोनों पक्षों की रक्षा करेगी।”
आधुनिक तकनीक से लैस होगी टाइगर फोर्स
फोर्स को ड्रोन, थर्मल इमेजिंग, GPS ट्रैकिंग जैसे आधुनिक निगरानी उपकरणों से लैस किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे निगरानी की प्रभावशीलता बढ़ेगी और बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
अग्निवीरों की भागीदारी से वन सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम
मुख्यमंत्री ने अग्निवीरों की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि सेना से प्रशिक्षित ये युवा शारीरिक रूप से सक्षम, मानसिक रूप से दृढ़, और रणनीतिक निर्णय लेने में कुशल होते हैं। इनके पास आधुनिक हथियार और संचार तकनीक का अनुभव होता है, जो वन्यजीव सुरक्षा के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
धामी ने कहा, “वन्यजीव संरक्षण भी राष्ट्र सेवा का ही एक रूप है, और अग्निवीरों के भीतर देश सेवा की भावना रची-बसी होती है। उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि उनके पास इलाके की भौगोलिक और सांस्कृतिक समझ भी होगी, जो इस कार्य में सहायक होगी।”
राष्ट्रीय मॉडल बन सकता है उत्तराखंड का यह प्रयास
कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में अग्निवीरों की तैनाती बाघ संरक्षण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी मॉडल बन सकती है। यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इसे देश के अन्य टाइगर रिज़र्व और संरक्षित क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी की यह घोषणा उनके वन्यजीव संरक्षण के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह कदम न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में बाघों के सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक मजबूत मील का पत्थर माना जा रहा है।
बाघों की दहाड़ अब सुरक्षित होगी, क्योंकि उनकी सुरक्षा अब भारत के अग्निवीरों के हाथ में है।