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यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलें देगा अमेरिका, ट्रंप ने बदली रणनीति — पुतिन से ‘निराशा’ के बाद बड़ा फैसला

वॉशिंगटन, 14 जुलाई 2025: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिकी नीति में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को घोषणा की कि उनका प्रशासन यूक्रेन को पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम मुहैया कराएगा। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि अमेरिका इस सैन्य सहायता का वित्तीय बोझ खुद नहीं उठाएगा — बल्कि यूक्रेन को इन हथियारों का पूर्ण भुगतान करना होगा

ट्रंप ने वाशिंगटन लौटते वक्त मैरीलैंड के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज़ में संवाददाताओं से कहा:

“हम उनके लिए कुछ भी भुगतान नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम उन्हें पैट्रियट्स देंगे, जिनकी उन्हें सख्त ज़रूरत है।”


‘पैट्रियट’ मिसाइलों की अहमियत क्या है?

पैट्रियट (Patriot) एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका की सबसे आधुनिक और प्रभावी मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो दुश्मन के बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइल हमलों को सटीकता से नष्ट करने की क्षमता रखती है।
यूक्रेन ने बार-बार यह अनुरोध किया था कि उसे रूसी हवाई हमलों से सुरक्षा के लिए उन्नत रक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, खासकर कीव, खारकीव और ओडेसा जैसे शहरों की रक्षा के लिए।


शर्त: यूक्रेन को करना होगा 100% भुगतान

यह पहली बार है जब ट्रंप प्रशासन ने सैन्य सहायता के बदले पूर्ण आर्थिक भुगतान की शर्त रखी है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका हथियार तो देगा, लेकिन उसका खर्च यूक्रेनी सरकार वहन करेगी।
इस बयान को ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत देखा जा रहा है, जिसके तहत वे विदेशी सहायता को “वापसी योग्य” या “वाणिज्यिक सौदे” के रूप में पेश करते रहे हैं।


पुतिन से बदली धारणा, यू-टर्न की कूटनीति?

डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की आलोचना करते हुए उन्हें “तानाशाह” और “असफल हास्य कलाकार” कहा था, अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपनी निराशा जताने लगे हैं।

उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा:

“हमने शांति की अपील की थी, लेकिन पुतिन ने इसे नजरअंदाज कर यूक्रेनी शहरों पर भीषण हमले किए। अब हमें और देर नहीं करनी चाहिए।”

यह बयान स्पष्ट करता है कि पुतिन द्वारा हालिया बमबारी और सीजफायर प्रस्ताव को नकारना ट्रंप की रणनीति को बदलने की क्लाइमेटिक बिंदु बना।


पेंटागन की शिपमेंट रोक नीति पलटी

ट्रंप के फैसले से पहले पेंटागन ने यूक्रेन को सैन्य शिपमेंट अस्थायी रूप से रोक दिया था, जिससे यह संकेत मिलने लगे थे कि अमेरिका यूक्रेन से पीछे हट रहा है
ट्रंप की घोषणा अब उस निर्णय को पलटती है और यह दर्शाती है कि अमेरिका अब भी रूस के खिलाफ एक सशक्त रणनीतिक रेखा बनाए रखना चाहता है।


जेलेंस्की की प्रतिक्रिया: सहयोग की उम्मीद जगी

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, जो पिछले कई महीनों से यूरोपीय और अमेरिकी सहयोगियों के साथ लगातार वार्ता कर रहे थे, ने कहा कि:

“अमेरिका द्वारा घोषित डिफेंस सपोर्ट एक निर्णायक क्षण हो सकता है। हमारी उम्मीदें फिर से जगी हैं।”

रिपोर्टों के अनुसार, पिछले हफ्ते रोम में अमेरिका और नाटो प्रतिनिधियों के साथ हुई मीटिंग के बाद यूक्रेन को विश्वास था कि अमेरिका अपने रुख में नरमी लाएगा।


विश्लेषण: ट्रंप की ‘रणनीतिक अस्थिरता’ या चुनावी मजबूरी?

ट्रंप की यह नीति पलटी ऐसे समय में हुई है जब:

  • अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के लिए अभियान तेज़ हो रहा है
  • ट्रंप पर “रूस समर्थक रुख” रखने के आरोप लगते रहे हैं
  • रिपब्लिकन पार्टी में भी आंतरिक मतभेद उभर चुके हैं
  • यूरोपीय सहयोगियों ने वाशिंगटन से ‘स्पष्ट प्रतिबद्धता’ की मांग की थी

राजनयिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की यह पहल भले ही “पूर्ण सहयोग” न हो, लेकिन यह रूस के खिलाफ साफ कूटनीतिक सन्देश है कि अमेरिका अभी पूरी तरह मैदान छोड़ने को तैयार नहीं।


सीमित सहायता, लेकिन कड़ा संदेश

राष्ट्रपति ट्रंप का निर्णय प्रतीकात्मक और सामरिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है —
• एक ओर अमेरिका यूक्रेन को प्रत्यक्ष आर्थिक राहत नहीं दे रहा,
• दूसरी ओर उन्नत हथियार प्रणाली की अनुमति देकर रूस को रणनीतिक चेतावनी भी दे रहा है।

अब यह देखना होगा कि क्या ये मिसाइलें यूक्रेन की हवाई सुरक्षा प्रणाली को प्रभावी रूप से मजबूत कर पाएंगी, या यह केवल भूराजनीतिक दबाव में लिया गया कदम बनकर रह जाएगा।

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