
राहुल गांधी ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “अगर हमें गुजरात के लोगों से जुड़ना है, तो हमें दो काम करने होंगे. पहला काम वफादारों और बागियों के ग्रुप को अलग करना है. अगर हमें 10, 15, 20, 30, 40 लोगों को भी हटाना पड़े, तो हम एक उदाहरण स्थापित करने के लिए ऐसा करने के लिए तैयार हैं.”
राहुल गांधी ने इसे लेकर एक पोस्ट भी किया है. जिसमें उन्होंने लिखा. कांग्रेस पार्टी को मूल नेतृत्व गुजरात ने दिया, जिसने हमें सोचने, लड़ने और जीने का तरीका सिखाया. गांधीजी के बिना कांग्रेस पार्टी देश को आज़ादी नहीं दिलवा पाती, और गुजरात के बिना गांधी जी नहीं होते. उनके एक कदम पीछे, गुजरात ने हमें सरदार पटेल जी को दिया. आज वही गुजरात रास्ता ढूंढ रहा है. यहां के छोटे व्यापारी, उद्यमी, किसान – सब संकट में हैं. डायमंड, टेक्सटाइल और सिरेमिक इंडस्ट्रीज बर्बाद हो रही हैं. गुजरात के लोग कह रहे हैं कि हमें नया विज़न चाहिए, क्योंकि जो विज़न पिछले 20-25 साल से चल रहा है, वह पूरी तरह फेल हो चुका है. गुजरात नया विकल्प चाह रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उसे दिशा नहीं दिखा पा रही है. यह सच्चाई है, और इसे कहने में मुझे कोई शर्म या डर नहीं है. हमें कांग्रेस की उसी विचारधारा पर लौटना होगा, जो गुजरात की विचारधारा है – जो गांधी जी और सरदार पटेल जी ने हमें सिखाई थी. हमें जनता के बीच जाना होगा, उनकी बातें सुननी होंगी. हमें दिखाना होगा कि हम सिर्फ नारे लगाने नहीं, बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने आए हैं. ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ से हमने साबित किया कि कांग्रेस आसानी से जनता से जुड़ सकती है. जैसे ही हम यह बदलाव लाएंगे और अपने कर्तव्यों को निभाने लगेंगे, गुजरात के लोग हमारे साथ खड़े हो जाएंगे.
राहुल ने कहा, “कांग्रेस में जो लोग गुप्त रूप से .बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें सामने आना चाहिए और .बीजेपी के लिए खुलकर काम करना चाहिए. आइए, उन्हें देखें. .बीजेपी के पास आपके लिए जगह नहीं होगी. वे आपको बाहर निकाल देंगे.” राहुल गांधी ने शनिवार को माना कि कांग्रेस पिछले तीन दशकों में गुजरात के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में असमर्थ रही है, क्योंकि कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग बीजेपी के साथ अंदर से मिलीभगत रखता है.