
नवी मुंबई (महाराष्ट्र): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Navi Mumbai International Airport – NMIA) का भव्य उद्घाटन किया। यह एयरपोर्ट भारत के विमानन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पड़ाव माना जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना “विकसित भारत” की नई उड़ान का प्रतीक है और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में एक नई ऊर्जा का संचार करेगी।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। पीएम मोदी ने बटन दबाकर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया और परिसर में बने अत्याधुनिक टर्मिनल का निरीक्षण भी किया।
मुंबई के इंतजार का अंत, नई उड़ान की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज मुंबई का लंबा इंतजार खत्म हुआ है। शहर को अब अपना दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिल गया है। यह एयरपोर्ट सिर्फ एक इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि भारत की नई पहचान है। यह एशिया के सबसे बड़े कनेक्टिविटी हब में से एक बनने जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि नवी मुंबई एयरपोर्ट से न सिर्फ मुंबई बल्कि ठाणे, रायगढ़, पुणे और कोंकण क्षेत्र के लोगों को भी सीधा लाभ मिलेगा। इससे मुंबई के मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) पर बढ़ते यात्री भार में कमी आएगी।
“जब सपनों को साकार करने का संकल्प हो, जब देशवासियों तक विकास का लाभ पहुंचाने की इच्छा शक्ति हो, तो नतीजे भी मिलते हैं। मेरा सपना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर कर सके, और आज भारत की एविएशन इंडस्ट्री इसका प्रमाण है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने हवाई यात्रा के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है।
“2014 से पहले देश में सिर्फ 70 से कुछ अधिक एयरपोर्ट थे, आज यह संख्या 150 के पार पहुंच चुकी है। हवाई सेवाओं का यह विस्तार सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि अब छोटे-छोटे कस्बे भी देश के हवाई नक्शे पर जुड़ रहे हैं,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री ने इस एयरपोर्ट को “मेक इन इंडिया, ड्रीम इन इंडिया और बिल्ड इन इंडिया” का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत के आधुनिक, पर्यावरण-संवेदनशील और तकनीकी रूप से उन्नत विकास मॉडल की पहचान बनेगी।
भूमिगत मेट्रो भी ‘नए भारत’ का प्रतीक
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने मुंबई में शुरू की गई भूमिगत मेट्रो परियोजना का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “आज मुंबई को पूरी तरह से भूमिगत मेट्रो भी मिली है। इससे शहर में परिवहन आसान होगा और लोगों का समय बचेगा। यह भूमिगत मेट्रो विकसित होते भारत का जीवंत प्रतीक है। मुंबई जैसे व्यस्त शहर में, ऐतिहासिक इमारतों को सुरक्षित रखते हुए यह शानदार मेट्रो बनाई गई है — इसके लिए मैं सभी इंजीनियरों और श्रमिकों को बधाई देता हूं।”
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश के मेट्रो नेटवर्क का विस्तार तेज़ी से हुआ है। 2014 में जहां सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो थी, वहीं अब 20 से अधिक शहरों में मेट्रो ट्रेनें दौड़ रही हैं।
तकनीकी रूप से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट्स में शुमार
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अदानी समूह के नेतृत्व में किया गया है। यह एयरपोर्ट मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) और सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (CIDCO) के सहयोग से तैयार हुआ है।
एयरपोर्ट का पहला चरण करीब 16,700 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है। इसमें एक 3,700 मीटर लंबा रनवे, एक विशाल टर्मिनल बिल्डिंग, 108 पार्किंग स्टैंड, और आधुनिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर शामिल हैं।
डिजाइन को पूरी तरह “इको-फ्रेंडली” रखा गया है। सोलर पावर, वर्षा जल संचयन, और अपशिष्ट पुनर्चक्रण जैसी तकनीकों से यह एयरपोर्ट कार्बन-न्यूट्रल ऑपरेशन की दिशा में अग्रसर होगा।
इस एयरपोर्ट की वार्षिक यात्री क्षमता पहले चरण में 2 करोड़ यात्रियों की है, जबकि अंतिम चरण में यह क्षमता बढ़कर 9 करोड़ यात्रियों प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी।
एशिया का नया एविएशन हब बनेगा NMIA
विशेषज्ञों के मुताबिक, नवी मुंबई एयरपोर्ट के संचालन से मुंबई जल्द ही सिंगापुर और दुबई की तर्ज़ पर एक वैश्विक एविएशन और लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरेगा।
यहां कार्गो हैंडलिंग के लिए अलग समर्पित जोन, अत्याधुनिक कंट्रोल्ड तापमान वेयरहाउस, और फ्रेट कॉरिडोर कनेक्शन तैयार किए जा रहे हैं, जिससे निर्यातक कंपनियों को बड़ा फायदा होगा।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से गति मिलेगी और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
पर्यावरण और स्थानीय विकास पर जोर
एयरपोर्ट के डिजाइन में पर्यावरणीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है। परियोजना के तहत मांगांव और पनवेल तालुका के विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए विशेष टाउनशिप बनाई गई है।
साथ ही एयरपोर्ट के आसपास ग्रीन जोन और जैव विविधता पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना “विकास और संरक्षण के बीच संतुलन” का एक मॉडल बनेगी।
मुंबई के लोगों को बड़ी राहत
इस एयरपोर्ट के शुरू होने से छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) पर बढ़ते भीड़-भाड़ में कमी आएगी। अब यात्रियों को दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई पहुंचने में 30 से 40 मिनट का ही समय लगेगा, क्योंकि मुम्ब्रा-थाणे टनल, सागरमाला कॉरिडोर, और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) जैसी परियोजनाएं एयरपोर्ट को जोड़ेंगी।
‘भारत की उड़ान अब अजेय’
समापन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“आज का भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। नवी मुंबई एयरपोर्ट न केवल एक इमारत या रनवे है, बल्कि यह उस भारत की सोच है जो आत्मनिर्भर, आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार है। यह एयरपोर्ट हमारे युवाओं के सपनों को पंख देगा, व्यापार को ताकत देगा और पर्यटन को नई दिशा देगा।”
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट सिर्फ मुंबई की जरूरत नहीं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान को सुदृढ़ करने का अवसर भी था। इस परियोजना के उद्घाटन के साथ, भारत ने वैश्विक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रतिस्पर्धा में एक और मजबूत कदम रख दिया है।