
देहरादून। चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत जबरदस्त उत्साह के साथ हुई है। केवल पहले ही दिन केदारनाथ धाम में 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। साथ ही, यमुनोत्री और गंगोत्री धामों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। अब तक इन तीन धामों में कुल 46,896 भक्त दर्शन कर चुके हैं।
केदारनाथ में पहले ही दिन पहुंचे 30,154 श्रद्धालु
2 मई को विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। कपाट खुलने के दिन ही 30,154 श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे। धाम परिसर ‘जय बाबा केदार’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा। इस भीड़ को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या नए रिकॉर्ड बनाएगी।
यमुनोत्री में अब तक 29,534 श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खोले गए थे। कपाट खुलने के बाद से अब तक 29,534 भक्त मां यमुना के दर्शन कर चुके हैं। इसमें 15,750 पुरुष, 12,792 महिलाएं और 992 बच्चे शामिल हैं। केवल 2 मई को ही 7,112 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम में हाजिरी दी।
गंगोत्री धाम में 17,362 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
गंगोत्री धाम के कपाट भी 30 अप्रैल को ही खोले गए। तब से लेकर 2 मई तक 17,362 भक्त मां गंगा के चरणों में शीश नवाने पहुंच चुके हैं। इनमें 9,382 पुरुष, 7,048 महिलाएं और 932 बच्चे शामिल हैं। 2 मई को कुल 7,408 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री में दर्शन किए।
बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की बारी अब
चारधाम यात्रा की अंतिम कड़ी — बदरीनाथ धाम — के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। वहीं, सिख श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे।
पर्यटन में बदलाव और सरकार के सामने चुनौतियाँ
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पर्यटन विश्लेषक मान रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के कारण कई पर्यटक अब उत्तराखंड और हिमाचल की ओर रुख कर सकते हैं। इसके चलते उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों, विशेषकर चारधाम और हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ का दबाव पड़ सकता है। आने वाले समय में गर्मियों की छुट्टियों और तापमान में वृद्धि के साथ यह रुझान और तेज़ हो सकता है।
सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा प्रबंधन
हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जैसे प्रवेश स्थलों पर होटल और धर्मशालाएं लगभग फुल हो चुकी हैं। ऐसे में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। प्रशासन ने तैयारियों के दावे तो किए हैं, लेकिन वास्तविकता में इनका परीक्षण अब शुरू हो चुका है।