
देहरादून:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नेपाल से सटी राज्य की सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। पड़ोसी देश नेपाल के मौजूदा राजनीतिक हालातों को देखते हुए बैठक में सीमा की सुरक्षा और राज्य की आंतरिक कानून व्यवस्था को बनाए रखने पर विशेष चर्चा की गई।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सीमा सुरक्षा बल (SSB) के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी इंटेलिजेंस, कुमाऊं कमिश्नर, आईजी कुमाऊं सहित चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिलों के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।
नेपाल सीमा से लगे जिलों पर विशेष नजर
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि नेपाल से लगे संवेदनशील जिलों—चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर—में सुरक्षा एजेंसियां विशेष चौकसी बरतें।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन को मजबूत किया जाए।
- संदिग्ध गतिविधियों, अवैध आवाजाही और तस्करी पर रोकथाम के लिए जांच-चौकियों पर सतत निगरानी रखी जाए।
- सीमावर्ती थानों और चौकियों को तकनीकी उपकरणों और आधुनिक संसाधनों से लैस करने के निर्देश दिए गए।
खुफिया इनपुट्स पर तेजी से कार्रवाई
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि खुफिया एजेंसियां नेपाल सीमा से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखें। किसी भी संदिग्ध मूवमेंट या अवैध गतिविधि की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस तत्काल संयुक्त कार्रवाई सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि राज्य की सुरक्षा को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नेपाल की राजनीति और सुरक्षा चुनौतियाँ
नेपाल में हाल के दिनों में सरकार अस्थिरता और राजनीतिक असंतुलन की खबरें लगातार आ रही हैं। इसके असर को देखते हुए उत्तराखंड सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।
विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल की आंतरिक राजनीति का सीधा असर सीमावर्ती भारतीय राज्यों—उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और सिक्किम—पर पड़ सकता है। ऐसे हालात में घुसपैठ, तस्करी, आपराधिक गतिविधियों और संदिग्ध तत्वों की आवाजाही की आशंका रहती है।
मुख्यमंत्री धामी का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में कहा,
“प्रदेश की सीमाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। नेपाल के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। जिला प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बल आपसी तालमेल के साथ काम करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोकें।”
सीमावर्ती जनता से अपील
मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों से भी अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जनता सुरक्षा एजेंसियों की आंख और कान की तरह काम करती है।
विकास और सुरक्षा दोनों पर फोकस
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुरक्षा उपायों के साथ-साथ सीमावर्ती इलाकों में जनसुविधाओं और विकास योजनाओं को भी तेजी से आगे बढ़ाया जाए।
- सड़क, बिजली और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाए।
- सीमावर्ती युवाओं को रोजगार और कौशल विकास योजनाओं से जोड़ा जाए।
- इससे न केवल सुरक्षा तंत्र को सहयोग मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र मजबूत सामाजिक ढांचे के साथ खड़े होंगे।
नेपाल की राजनीति में हो रहे बदलावों पर उत्तराखंड सरकार की यह हाई-लेवल सुरक्षा समीक्षा बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा।
आगामी दिनों में सीमावर्ती जिलों में निगरानी और सख्ती और बढ़ाई जाएगी, ताकि किसी भी तरह की अवैध गतिविधि, घुसपैठ या तस्करी को रोककर राज्य की सीमाओं को सुरक्षित रखा जा सके।