नागौर (राजस्थान): राजस्थान के नागौर जिले से एक शर्मनाक और विचलित करने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक निजी स्कूल में क्रिसमस (Christmas) के उपलक्ष्य में आयोजित बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम में कुछ असामाजिक तत्वों ने डंडों के साथ घुसकर जमकर तांडव मचाया। आरोपियों ने न केवल स्कूल परिसर में तोड़फोड़ की, बल्कि महिला और पुरुष स्टाफ के साथ मारपीट करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।
इस घटना के बाद स्कूल में मौजूद नन्हे बच्चों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन युवकों को हिरासत में ले लिया है।
खुशियों के माहौल में अचानक मची अफरा-तफरी
जानकारी के अनुसार, नागौर के एक नामी निजी स्कूल में बुधवार को क्रिसमस डे के अवसर पर छोटे बच्चों के लिए एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया था। स्कूल परिसर को गुब्बारों, लाइटों और क्रिसमस ट्री से सजाया गया था। बच्चे सांता क्लॉज के साथ खेल रहे थे और उपहार बांट रहे थे।
तभी, अचानक लाठी-डंडों से लैस कुछ युवकों का समूह स्कूल के गेट पर पहुंचा और सुरक्षाकर्मियों को धता बताते हुए जबरन अंदर दाखिल हो गया। चश्मदीदों के अनुसार, युवकों के तेवर बेहद आक्रामक थे और वे सीधे उस जगह पहुंचे जहां बच्चे कार्यक्रम देख रहे थे।
“हमें सांता क्लॉज मंजूर नहीं”: विरोध के नाम पर गुंडागर्दी
पुलिस की प्राथमिक जांच और स्कूल प्रशासन के बयानों के अनुसार, आरोपी युवकों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि वे स्कूल परिसर में ‘सांता क्लॉज’ को नहीं देखना चाहते। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनकी संस्कृति के खिलाफ है। इसके तुरंत बाद युवकों ने वहां लगी सजावट को उखाड़ना शुरू कर दिया।
घटनाक्रम की मुख्य बातें:
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बच्चों में दहशत: डंडे लहराते युवकों को देखकर प्राथमिक कक्षा के बच्चे बुरी तरह सहम गए और अपनी जान बचाने के लिए क्लासरूम की ओर भागने लगे।
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स्टाफ के साथ मारपीट: जब शिक्षकों और स्कूल स्टाफ ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उनके साथ हाथापाई की। आरोप है कि स्टाफ को भद्दी गालियां दी गईं और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
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संपत्ति को नुकसान: उपद्रवियों ने कुर्सियां, साउंड सिस्टम और क्रिसमस डेकोरेशन को डंडों से मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: 3 युवक गिरफ्तार
घटना की गंभीरता को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने तुरंत कोतवाली थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने घटनास्थल से ही हंगामा कर रहे तीन युवकों को दबोच लिया, जबकि कुछ अन्य मौके से फरार होने में कामयाब रहे।
नागौर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “प्रारंभिक सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजी गई थी। स्कूल स्टाफ की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि अन्य आरोपियों की पहचान की जा सके।”
स्कूल प्रशासन का बयान: ‘यह सिर्फ बच्चों का मनोरंजन था’
स्कूल के प्रधानाचार्य ने मीडिया से बात करते हुए इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। यह विशुद्ध रूप से छोटे बच्चों के मनोरंजन और उन्हें विभिन्न संस्कृतियों से परिचित कराने का एक छोटा सा प्रयास था। बच्चों को इस तरह डराना-धमकाना निंदनीय है। हमारे कई टीचर्स इस हमले में चोटिल हुए हैं।”
राजस्थान में कानून-व्यवस्था पर सवाल
नागौर की इस घटना ने एक बार फिर राज्य में शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा और धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ते मामलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षाविदों और अभिभावकों ने मांग की है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी त्योहार पर बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न हो सके।
निष्कर्ष: शांति और सौहार्द की अपील
फिलहाल स्कूल के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून को अपने हाथ में न लें।



