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Uttarakhand: धामी कैबिनेट के बड़े फैसले: PNG-CNG पर वैट घटा, कलाकारों की पेंशन दोगुनी और डॉक्टरों को 50% अतिरिक्त भत्ता

देहरादून | न्यूज़ डेस्क मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास, जन-कल्याण और बुनियादी ढांचे को मजबूती देने वाले कई ऐतिहासिक निर्णयों पर मुहर लगी है। सरकार ने एक ओर जहां आम आदमी को सस्ती ऊर्जा (Clean Energy) का तोहफा दिया है, वहीं दूसरी ओर दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेषज्ञों को भारी प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है।

कैबिनेट के इन फैसलों से न केवल औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और सामाजिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी उत्तराखंड नई ऊंचाइयों को छुएगा।


1. हरित ऊर्जा को बढ़ावा: PNG और CNG पर वैट 20% से घटकर 5%

पर्यावरण संरक्षण और ‘क्लीन-ग्रीन एनर्जी’ की अवधारणा को साकार करने के लिए कैबिनेट ने राज्य में नैचुरल गैस (PNG और CNG) पर लागू वैट (VAT) की दर को 20 प्रतिशत से घटाकर मात्र 5 प्रतिशत करने का क्रांतिकारी निर्णय लिया है।

  • प्रभाव: इस कटौती से प्रदेश में प्रदूषण मुक्त औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को गति मिलेगी और आम जनता के लिए वाहनों व रसोई गैस की कीमतों में कमी आने की संभावना है।


2. कलाकारों और लेखकों की पेंशन हुई दोगुनी

प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संजोने वाले वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों व लेखकों के लिए कैबिनेट ने बड़ा दिल दिखाया है।

  • बढ़ोत्तरी: वर्ष 2010 से चली आ रही ₹3000 की मासिक पेंशन को अब ₹6000 प्रति माह कर दिया गया है।

  • महंगाई दर को देखते हुए ‘उत्तराखण्ड वृद्ध एवं विपन्न कलाकार तथा लेखक पेंशन (संशोधन) नियमावली, 2025’ को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य के हजारों लोक कलाकारों को संबल मिलेगा।


3. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: डॉक्टरों को 50% एक्स्ट्रा भत्ता और भर्ती नियमों में बदलाव

पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने ‘इंसेंटिव मॉडल’ पर दांव खेला है:

  • विशेषज्ञ भत्ता: दुर्गम और अति-दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनके मूल वेतन का 50% अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा। यह 2014 के 20% भत्ते का स्थान लेगा। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में संबद्ध डॉक्टरों को यह लाभ नहीं मिलेगा।

  • आयु सीमा में छूट: मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की अधिकतम आयु 50 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। साथ ही हल्द्वानी के स्वामी राम कैंसर संस्थान के लिए नए पदों का सृजन किया गया है।

  • आयुष्मान योजना: अब अटल आयुष्मान योजना 100% इंश्योरेंस मोड पर चलेगी, जबकि गोल्डन कार्ड होल्डर्स के लिए हाइब्रिड मॉडल (5 लाख तक इंश्योरेंस, ऊपर ट्रस्ट मोड) लागू होगा।


4. किसानों को राहत: उत्तरकाशी के सेबों का सरकारी उपार्जन

आपदा प्रभावित धराली और उत्तरकाशी के सेब उत्पादकों के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा को कैबिनेट ने मंजूरी दी।

  • उपार्जन दर: रॉयल डिलीशियस सेब ₹51/किलोग्राम और रेड डिलीशियस ₹45/किलोग्राम की दर से उद्यान विभाग द्वारा खरीदे जाएंगे। ग्रेड-सी को छोड़कर अन्य सेबों का पैसा मुख्यमंत्री घोषणा मद से दिया जाएगा।


5. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस: नक्शा पास कराना हुआ आसान

भवन निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए Ease of Doing Business (EoDB) के तहत बड़े बदलाव किए गए हैं:

  • सेल्फ सर्टिफिकेशन: कम जोखिम वाले भवनों (सिंगल आवासीय घर और छोटे व्यावसायिक भवन) के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। सूचीबद्ध (Empanelled) आर्किटेक्ट द्वारा स्वप्रमाणित (Self-certified) नक्शों को ही मान्य माना जाएगा।

  • औद्योगिक विस्तार: औद्योगिक भूखंडों के लिए ‘ग्राउंड कवरेज’ को बढ़ा दिया गया है, जिससे MSME इकाइयों को विस्तार करने में आसानी होगी।


6. अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

  • बांस एवं रेशा विकास परिषद्: परिषद के ढांचे का पुनर्गठन करते हुए तकनीकी पदों को आउटसोर्स या ओपन मार्केट से भरने की अनुमति दी गई है।

  • पेंशन लाभ: सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के वर्कचार्ज कार्मिकों की सेवा अवधि को अब पेंशन गणना में जोड़ा जाएगा।

  • प्रेस क्लब: देहरादून परेड ग्राउंड स्थित प्रेस क्लब की भूमि सूचना विभाग को हस्तांतरित होगी। अब सूचना विभाग स्वयं प्रेस क्लब का आधुनिक भवन बनाकर पत्रकारों को सौंपेगा।

  • मेडिकल कॉलेज श्रीनगर: यहां कार्यरत 277 संविदा/नियत वेतन कर्मियों को ‘समान कार्य-समान वेतन’ देने का मामला कैबिनेट उपसमिति को भेजा गया है।


निष्कर्ष: समग्र विकास की ओर अग्रसर उत्तराखंड

कैबिनेट के इन निर्णयों से साफ है कि धामी सरकार का फोकस ‘अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति’ और ‘भविष्य की ऊर्जा’ दोनों पर है। जहां एक ओर वैट घटाकर उद्योगों को राहत दी गई है, वहीं कलाकारों की पेंशन बढ़ाकर संस्कृति का मान रखा गया है। डॉक्टरों को विशेष भत्ता देने का निर्णय निश्चित रूप से पहाड़ की स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई जान फूंकेगा।

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