
अल्मोड़ा/ताड़ीखेत | 22 दिसंबर 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अल्मोड़ा जनपद के ताड़ीखेत में “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” अभियान के तहत आयोजित विशाल बहुउद्देशीय शिविर में शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिले के विकास को नई गति देते हुए 77.25 करोड़ रुपये की कुल 32 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक शासन की योजनाओं को पहुँचाना है।
विकास का महाकुंभ: 77.25 करोड़ की योजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री ने ताड़ीखेत के मंच से अल्मोड़ा की जनता के लिए विकास का रोडमैप साझा किया। कुल 32 परियोजनाओं में से:
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47.85 करोड़ रुपये की लागत वाली 9 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।
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29.40 करोड़ रुपये की लागत वाली 23 जनहित योजनाओं का लोकार्पण कर जनता को समर्पित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार शिलान्यास भी करती है और लोकार्पण भी। हम जो संकल्प लेते हैं, उसे सिद्धि तक पहुँचाते हैं।”
रानीखेत विधानसभा के लिए बड़ी घोषणाएं: हैलीपैड से लेकर मिनी स्टेडियम तक
रानीखेत के क्षेत्रीय विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल की मांग और क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए सीएम धामी ने विकास कार्यों की झड़ी लगा दी:
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खेल इंफ्रास्ट्रक्चर: देवलीखेत, चौनलिया, खिरखेत और भुजान के राजकीय इंटर कॉलेजों में आधुनिक मिनी स्टेडियमों का निर्माण होगा।
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रानीखेत स्टेडियम: एनसीसी ग्राउंड/स्टेडियम निर्माण के लिए तत्काल 1 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई।
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पर्यटन और कनेक्टिविटी: रानीखेत में हैलीपैड निर्माण और प्रसिद्ध रानीझील का विस्तारीकरण एवं सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
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नदी तटबंध: भिकियासैंण में गगास और रामगंगा नदियों पर तटबंध निर्माण के साथ नए पैदल पथ बनाए जाएंगे।
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सिंचाई: सनणा सिंचाई लिफ्टिंग योजना का उच्चीकरण किया जाएगा।
“जन-जन की सरकार”: प्रशासन अब जनता के द्वार पर
मुख्यमंत्री ने शिविर में मौजूद हजारों ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अब “प्रशासन जनता के पास” जाने की संस्कृति विकसित की है। उन्होंने कहा, “बहुउद्देशीय शिविरों का उद्देश्य फाइलों को दफ्तरों से बाहर निकालकर सीधे जनता के बीच लाना है। ऑनलाइन सेवाओं और न्याय पंचायत स्तर पर इन शिविरों के माध्यम से समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया जा रहा है।”
उत्तराखंड में ‘रिवर्स पलायन’ के नए कीर्तिमान
पलायन पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण डेटा साझा किया। उन्होंने बताया कि पलायन निवारण आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में रिवर्स पलायन (पहाड़ों की ओर वापसी) में 44 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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स्थानीय अर्थव्यवस्था: स्थानीय उत्पादों और पर्यटन को बढ़ावा देने से लोग अब अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं।
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मातृशक्ति का सम्मान: ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत प्रदेश की 1.68 लाख बहनें आत्मनिर्भर बनी हैं। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिला 30% क्षैतिज आरक्षण उनके सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर है।
बुनियादी ढांचे और पेयजल पर फोकस
रानीखेत क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री ने पेयजल संकट के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि:
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17 करोड़ रुपये की लागत से ‘भवानी देवी पेयजल योजना’ का कार्य प्रगति पर है।
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5 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘भतरौजखान रामगंगा पम्पिंग पेयजल योजना’ से क्षेत्र की वर्षों पुरानी प्यास बुझेगी।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्थान: ‘मानसखंड’ का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का उल्लेख करते हुए सीएम धामी ने कहा कि केदारखंड की तर्ज पर ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन’ के तहत कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। उत्तराखंड को विश्व की ‘आध्यात्मिक राजधानी’ बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथि
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टमटा ने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, जिलाधिकारी अंशुल सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मुख्य संदेश (Takeaway): मुख्यमंत्री के इस दौरे ने न केवल अल्मोड़ा और रानीखेत के लिए विकास के नए द्वार खोले हैं, बल्कि “रिवर्स पलायन” के आंकड़ों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड अब आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से अग्रसर है।



