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अंडों का सेवन पूरी तरह सुरक्षित, कैंसर से जोड़ने वाले दावे भ्रामक और निराधार: FSSAI

नई दिल्ली। देश में अंडों को लेकर फैल रही आशंकाओं और कैंसर से जोड़ने वाले हालिया दावों पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सख्त और स्पष्ट रुख अपनाया है। खाद्य सुरक्षा नियामक ने इन दावों को भ्रामक, वैज्ञानिक रूप से निराधार और आम लोगों में अनावश्यक भय पैदा करने वाला बताते हुए साफ किया है कि भारत में उपलब्ध अंडे मानव उपभोग के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं।
एफएसएसएआई ने शनिवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि अंडों में कैंसरकारी तत्वों की मौजूदगी से जुड़े आरोपों का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। नियामक संस्था ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया और कुछ अप्रमाणित स्रोतों पर फैल रही जानकारी न केवल गलत है, बल्कि इससे लोगों के पोषण और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

अंडों को लेकर क्यों उठा विवाद

हाल के दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कुछ डिजिटल माध्यमों पर यह दावा किया जाने लगा कि अंडों में ऐसे रसायन या तत्व मौजूद हैं, जो लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। इन दावों के वायरल होते ही आम उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, खासकर उन लोगों के बीच जो अंडों को अपने रोजमर्रा के आहार का अहम हिस्सा मानते हैं।

इसी पृष्ठभूमि में FSSAI ने हस्तक्षेप करते हुए स्थिति स्पष्ट की और कहा कि बिना वैज्ञानिक जांच और प्रमाण के इस तरह की बातें फैलाना गैर-जिम्मेदाराना है।

FSSAI का आधिकारिक बयान

एफएसएसएआई ने अपने बयान में कहा,

देश में उपलब्ध अंडे खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप हैं और उनका सेवन सुरक्षित है। अंडों में कैंसरकारी पदार्थ होने के दावे पूरी तरह निराधार हैं और इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।”

नियामक संस्था ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में अंडों के उत्पादन, भंडारण, परिवहन और बिक्री की प्रक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाती है। समय-समय पर नमूनों की जांच की जाती है और यदि कहीं मानकों का उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

अंडे: पोषण का महत्वपूर्ण स्रोत

पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, अंडा एक संपूर्ण आहार माना जाता है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, विटामिन A, D, B12, फोलिक एसिड, आयरन और सेलेनियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यही वजह है कि बच्चों, युवाओं, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के आहार में अंडे को खास महत्व दिया जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अंडे न केवल मांसपेशियों की मजबूती में मदद करते हैं, बल्कि

  • इम्युनिटी बढ़ाने
  • दिमागी विकास
  • आंखों की सेहत
  • वजन संतुलन

जैसे कई पहलुओं में भी सहायक होते हैं।

वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर हुए कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह सामने आया है कि संतुलित मात्रा में अंडों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कई पोषण संस्थानों की रिपोर्ट में भी अंडों को सुरक्षित और पोषक खाद्य पदार्थ बताया गया है।

हालांकि, विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि किसी भी खाद्य पदार्थ की तरह अंडों का सेवन भी संतुलित मात्रा में होना चाहिए। अत्यधिक तला-भुना या प्रोसेस्ड रूप में सेवन करने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अंडा अपने आप में हानिकारक है।

अफवाहों से होने वाला नुकसान

एफएसएसएआई ने अपने बयान में यह भी चेतावनी दी कि इस तरह की अफवाहें गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को अधिक प्रभावित करती हैं, क्योंकि अंडा सस्ता और सुलभ प्रोटीन स्रोत है। अगर लोग डर के कारण अंडों का सेवन बंद कर देते हैं, तो इससे

  • कुपोषण
  • प्रोटीन की कमी
  • बच्चों और महिलाओं में एनीमिया जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

खाद्य नियामक ने कहा कि गलत सूचनाएं फैलाना केवल डर पैदा नहीं करता, बल्कि यह राष्ट्रीय पोषण लक्ष्यों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

उपभोक्ताओं के लिए FSSAI की सलाह

एफएसएसएआई ने आम लोगों से अपील की है कि

  • वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अप्रमाणित खबरों पर भरोसा न करें
  • केवल सरकारी और वैज्ञानिक स्रोतों से मिली जानकारी को ही सच मानें
  • संतुलित और विविध आहार अपनाएं

साथ ही, नियामक संस्था ने यह भी कहा कि यदि किसी खाद्य पदार्थ को लेकर संदेह हो, तो उपभोक्ता FSSAI के आधिकारिक पोर्टल या हेल्पलाइन से जानकारी ले सकते हैं।

पोल्ट्री उद्योग को भी मिली राहत

एफएसएसएआई के इस स्पष्टीकरण से देश के पोल्ट्री उद्योग को भी बड़ी राहत मिली है। उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि अफवाहों के कारण अंडों की मांग पर असर पड़ सकता था, जिससे किसानों और छोटे उत्पादकों को नुकसान होता।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, FSSAI का बयान न केवल उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाएगा, बल्कि पोल्ट्री सेक्टर में स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करेगा।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, अंडों को कैंसर से जोड़ने वाले दावे पूरी तरह गलत और निराधार हैं। FSSAI की स्पष्टता के बाद यह साफ हो गया है कि अंडे सुरक्षित, पौष्टिक और संतुलित आहार का अहम हिस्सा हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों और खाद्य नियामक संस्थाओं की सलाह यही है कि लोग अफवाहों से दूर रहें, वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करें और अपने दैनिक आहार में पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

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