
देहरादून, 13 दिसंबर 2025। उत्तराखंड में विकास कार्यों को गति देने और विभिन्न विभागों की प्रमुख परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से धरातल पर उतारने के उद्देश्य से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय व्यय वित्त समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत विकास प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई और कई अहम परियोजनाओं को संस्तुति प्रदान की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद केवल स्वीकृति तक सीमित न रहा जाए, बल्कि प्रस्ताव स्वीकृति से लेकर कार्य पूर्ण होने तक प्रत्येक स्तर पर स्पष्ट समय-सीमा तय की जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग आवश्यक है, ताकि देरी और गुणवत्ता संबंधी शिकायतों से बचा जा सके।
समयबद्धता और गुणवत्ता पर विशेष जोर
मुख्य सचिव ने विभागों को निर्देशित किया कि वे परियोजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल निर्माण कार्य पूरा करना नहीं, बल्कि स्थायी, टिकाऊ और जनहितकारी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फील्ड स्तर पर निरीक्षण को बढ़ाया जाए और कार्यों की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए।
नंदा राजजात यात्रा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता
बैठक में आगामी नंदा राजजात यात्रा को लेकर भी विशेष चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि यात्रा से जुड़े सभी निर्माण और सुधार कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर हर हाल में पूर्ण किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यात्रा प्रारंभ होने से पहले सभी आवश्यक सुविधाएं, सड़कें, पेयजल, ठहराव और अन्य व्यवस्थाएं पूरी तरह तैयार होनी चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
पेयजल और शहरी ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी
व्यय वित्त समिति की बैठक में पेयजल और शहरी विकास से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें पेयजल विभाग की लोहाघाट टाउन पंपिंग पेयजल योजना (कुल लागत ₹8444.67 लाख) को महत्वपूर्ण मंजूरी प्रदान की गई। यह परियोजना लोहाघाट क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
इसके अलावा रामनगर (नैनीताल) में मल्टीस्टोरी पार्किंग निर्माण परियोजना (कुल लागत ₹3857.64 लाख) को भी समिति की संस्तुति मिली। इस परियोजना से पर्यटन सीजन के दौरान बढ़ने वाले यातायात दबाव को कम करने और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
सड़क और भवन निर्माण परियोजनाओं को भी हरी झंडी
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नंदप्रयाग घाट–सुतोल–कनोल मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई, जिसकी कुल लागत ₹1289.21 लाख है। यह सड़क क्षेत्रीय संपर्क को बेहतर बनाने के साथ-साथ स्थानीय आबादी और यात्रियों को सुरक्षित व सुगम आवागमन सुविधा उपलब्ध कराएगी।
इसके साथ ही टनकपुर (चम्पावत) में मीडिया सेंटर, गेस्ट हाउस और कम्युनिटी हॉल के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर ₹1424.52 लाख की लागत आएगी और इससे प्रशासनिक, सामाजिक तथा मीडिया संबंधी गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।
सुरक्षा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ावा
बैठक में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी अहम निर्णय लिए गए। पीएसी बटालियन रुद्रपुर के लिए आरटीसी एवं 188 बैडेड बैरक के निर्माण को मंजूरी दी गई, जिसकी कुल लागत ₹1991.54 लाख निर्धारित की गई है। इससे सुरक्षा बलों की आवासीय और प्रशिक्षण सुविधाओं में सुधार होगा।
इसके अतिरिक्त देहरादून में साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्माण प्रस्ताव को भी समिति की स्वीकृति मिली। इस परियोजना पर ₹3034.78 लाख की लागत आएगी और इसका उद्देश्य साइबर अपराधों से निपटने, डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़ करने तथा आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है।
AMRUT 2.0 के तहत शहरी विकास पर फोकस
मुख्य सचिव ने AMRUT 2.0 योजना के तहत विभिन्न स्थानीय निकायों में पेयजल आपूर्ति, पार्कों के विकास और जलाशयों के कायाकल्प से जुड़े प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में हरित स्थलों और जल स्रोतों के संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
व्यय वित्त समिति की इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव शैलेश बगौली, श्रीधर बाबू अद्दांकी, विनोद कुमार सुमन, एस.एन. पाण्डेय, युगल किशोर पंत, तथा अपर सचिव विनीत कुमार, निवेदिता कुकरेती, विम्मी सचदेव सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
विकास को गति देने की दिशा में अहम कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि इन परियोजनाओं को मिली स्वीकृति से उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, शहरी सुविधाओं, सुरक्षा और डिजिटल क्षमताओं को नया बल मिलेगा। साथ ही, मुख्य सचिव द्वारा दिए गए समयबद्धता और गुणवत्ता के निर्देश यह संकेत देते हैं कि राज्य सरकार अब केवल योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने पर भी समान रूप से जोर दे रही है।



