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उत्तराखंड में योजनाओं की पहुँच बढ़ाने की पहल: मुख्यमंत्री धामी ने ‘मेरी योजना’ पुस्तकों और पोर्टल का किया लोकार्पण

देहरादून, 10 दिसंबर। राज्य में सरकारी योजनाओं को आमजन तक सरल और सहज तरीके से पहुँचाने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईआरडीटी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में आयोजित कार्यक्रम में ‘मेरी योजना’ पुस्तकों के तीन संस्करणों—‘मेरी योजना’, ‘मेरी योजना–राज्य सरकार’ और ‘मेरी योजना–केंद्र सरकार’—का विमोचन किया। इसके साथ ही उन्होंने ‘मेरी योजना पोर्टल उत्तराखंड (myscheme.gov.in)’ की भी औपचारिक शुरुआत की।

कार्यक्रम का आयोजन कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग, उत्तराखंड द्वारा किया गया था। विभाग का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को एकीकृत एवं सरल रूप में जनता के समक्ष उपलब्ध कराना है।


“हर नागरिक तक योजना की पूरी जानकारी पहुँचे”—मुख्यमंत्री धामी

कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन पुस्तकों का मुख्य उद्देश्य सरकार की योजनाओं को सरल भाषा में आम नागरिक के बीच पहुँचाना है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति जानकारी के अभाव में लाभ से वंचित न रहे।

उन्होंने कहा कि तीनों संस्करण केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा विवरण देते हैं—योजना का उद्देश्य, पात्रता शर्तें, आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया और लाभ से जुड़ी प्रमुख जानकारी।

मुख्यमंत्री के अनुसार, “हमारी सरकार का प्रयास है कि हर पात्र नागरिक को समयबद्ध तरीके से योजनाओं का लाभ मिले। इन पुस्तकों और पोर्टल के माध्यम से योजना संबंधी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और योजना क्रियान्वयन की गति भी तेज होगी।”


प्रधानमंत्री मोदी की कार्यसंस्कृति का उदाहरण: पारदर्शिता और जवाबदेही

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक नई कार्यसंस्कृति विकसित की है, जिसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकेंद्रित नीतियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कहा कि आज अधिकांश सरकारी लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुँच रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका लगभग समाप्त हो गई है।

राज्य सरकार भी इसी दिशा में “सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि” के मंत्र के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि सामाजिक कल्याण विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाओं की राशि भी डीबीटी के माध्यम से पात्र व्यक्तियों तक नियमित रूप से पहुँच रही है।


राज्य विकास की प्राथमिकताएँ: शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर कनेक्टिविटी तक

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार विकास के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर समान ध्यान दे रही है—

  • शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए आधुनिक सुविधाएँ,
  • सड़क और हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार,
  • पेयजल और खेल संरचना को मजबूत करना।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय नवाचार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “हम विकसित भारत के साथ विकसित उत्तराखंड का सपना साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।”


स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को नई ऊर्जा

मुख्यमंत्री ने राज्य में चल रही कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उल्लेख किया, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं—

  • एक जनपद, दो उत्पाद (ODOP)—स्थानीय आजीविका को बढ़ावा
  • हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड—पारंपरिक उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान
  • स्टेट मिलेट मिशन—मिलेट उत्पादन के लिए प्रोत्साहन
  • एप्पल मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, होमस्टे नीति, नई पर्यटन नीति, वेड इन उत्तराखंड
  • सौर स्वरोजगार योजना—स्थानीय लोगों को ऊर्जा-आधारित रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं ने न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी है, बल्कि पहाड़ों से होने वाले पलायन को कम करने में भी योगदान दिया है।


स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने की अपील

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने सभी विभागों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि विभिन्न कार्यक्रमों में स्मृति चिन्ह के रूप में राज्य में निर्मित उत्पादों को ही प्राथमिकता दी जाए।

उन्होंने कहा, “मैं स्वयं जब भी किसी कार्यक्रम में जाता हूँ या किसी विशिष्ट व्यक्ति से भेंट करता हूँ, तो उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद ही भेंट करता हूँ। यह हमारे कारीगरों, हस्तशिल्पियों और मातृशक्ति को प्रोत्साहन देने का सबसे सरल तरीका है।”


मंत्री और अधिकारियों ने बताए ‘मेरी योजना’ पोर्टल के लाभ

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि ‘मेरी योजना’ पोर्टल अंत्योदय की भावना का प्रतीक है और इसका उद्देश्य है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचे।

उन्होंने कहा कि एकीकृत पोर्टल पात्र व्यक्तियों को घर बैठे सभी योजनाओं की जानकारी देगा, जिससे योजना लाभप्राप्ति प्रक्रिया और अधिक सरल बन सकेगी।

सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन दीपक कुमार ने बताया कि पोर्टल और पुस्तकों में योजनाओं की पात्रता, प्रक्रिया, आवेदन फॉर्म, दस्तावेज और लाभ की जानकारी को अत्यंत सरल ढंग से संरक्षित किया गया है।


कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में विधायक खजान दास, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी सहित कई जनप्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने ‘मेरी योजना’ पुस्तकों और पोर्टल को राज्य सरकार की एक दूरदर्शी पहल बताया।

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