
नई दिल्ली/पणजी: गोवा के प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र में स्थित एक नाइटक्लब में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हादसे के बाद अब इस मामले का नया और हैरान करने वाला पहलू सामने आया है — नाइटक्लब के मालिक और मुख्य आरोपी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा आग की घटना के कुछ घंटों के भीतर ही भारत छोड़कर थाईलैंड के फुकेत भाग गए। गोवा पुलिस के लिए उन्हें वापस भारत लाना अब एक बड़ी चुनौती बन गया है।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि घटना के बाद जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि दोनों आरोपी 7 दिसंबर की सुबह मुंबई एयरपोर्ट से फुकेत के लिए उड़ान (6E 1073) में सवार हुए थे। यह उड़ान आग की घटना के करीब पांच घंटे बाद थी। खुफिया एजेंसियों की शुरुआती जांच में स्पष्ट हुआ है कि दोनों मालिकों ने भागने की योजना पूर्व-निर्धारित तरीके से बनाई थी।
CBI-INTERPOL से संपर्क में गोवा पुलिस
गोवा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि आरोपियों को पकड़ने के लिए CBI के इंटरपोल विंग के साथ संपर्क स्थापित किया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) पहले ही जारी किया जा चुका था, लेकिन वे इससे पहले ही देश से बाहर निकल चुके थे।
अधिकारी ने कहा:
“हमने CBI और इंटरपोल से औपचारिक सहायता मांगी है। उनके खिलाफ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दोनों आरोपी भारत से भाग चुके हैं, इसलिए अब उन्हें वापस लाने में समय और प्रक्रिया दोनों लगेंगे।”
एजेंसियों को यह स्पष्ट नहीं है कि आरोपी अभी भी फुकेत में हैं या वहां से किसी अन्य देश में भाग गए हैं। थाईलैंड से प्रत्यर्पण (extradition) की प्रक्रिया लंबी और कानूनी रूप से जटिल मानी जाती है, इसलिए जांच एजेंसियां अब इंटरपोल नोटिस के माध्यम से उन्हें पकड़ने का प्रयास कर रही हैं।
क्या है फुकेत? जहां भागे हैं आरोपी
थाईलैंड का फुकेत देश का सबसे बड़ा द्वीप और विश्वभर में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
यहां की प्रमुख विशेषताएं:
- सफेद रेत वाले समुद्र तट (विशेषकर पटोंग, काटा और करोन)
- फ़िरोज़ा नीला पानी
- जीवंत नाइटलाइफ़
- घने पहाड़ी क्षेत्र और समुद्री सौंदर्य
फुकेत राजधानी बैंकॉक से करीब 862 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह 576 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और दुनिया के सबसे व्यस्त पर्यटन द्वीपों में गिना जाता है। कई भारतीय पर्यटक यहां नियमित रूप से आते हैं, जिसके चलते गिरफ्तारी और निगरानी में अतिरिक्त मुश्किलें सामने आ सकती हैं।
भीषण आग: 25 की मौत, कई घायल — क्या हुआ था उस रात?
पणजी से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित नाइटक्लब “बर्च बाय रोमियो लेन” में शनिवार देर रात भीषण आग लग गई थी। घटना इतनी गंभीर थी कि कुछ ही मिनटों में आग पूरे परिसर में फैल गई।
आग में कुल 25 लोगों की मौत हुई, जिनमें—
- 20 नाइटक्लब कर्मचारी,
- 5 पर्यटक, जिनमें से 4 दिल्ली निवासी थे।
इसके अतिरिक्त, कई लोग झुलस गए और 5 घायलों का इलाज गोवा मेडिकल कॉलेज (GMCH) में जारी है। पुलिस और दमकल कर्मियों ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई लोगों को बचाया नहीं जा सका।
आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि नाइटक्लब में सुरक्षा मानकों और अग्नि सुरक्षा नियमों की गंभीर अनदेखी की गई थी।
हादसे के तुरंत बाद भी मुंबई से फुकेत भागे आरोपी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आग लगने की घटना आधी रात के करीब हुई। सुबह तक जब शुरुआती जांच और मृतकों की पहचान का काम चल रहा था, उसी दौरान दिल्ली निवासी दोनों भाई—नाइटक्लब मालिक गौरव और सौरभ लूथरा—मुंबई से फुकेत जाने वाली अपनी उड़ान में सवार हो चुके थे।
पुलिस ने बताया:
- आग की घटना आधी रात को
- आरोपी 7 दिसंबर की सुबह करीब 5:30 बजे फुकेत के लिए उड़ान में
- LOC जारी होने से पहले ही देश छोड़ चुके थे
- IB और BOI ने जांच में इसकी पुष्टि की
यह घटनाक्रम इस बात का संकेत देता है कि दोनों ने यह भागने की योजना पहले ही बना ली थी और मौका मिलते ही देश से निकल गए।
भारत लाना क्यों मुश्किल?
थाईलैंड और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि है, लेकिन प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है:
- इंटरपोल नोटिस जारी
- थाई पुलिस द्वारा संदिग्धों का पता लगाना
- स्थानीय अदालत में केस दायर
- आरोपी की गिरफ्तारी
- प्रत्यर्पण पर सुनवाई
- भारत को सुपुर्दगी
इस पूरी प्रक्रिया में हफ्तों से लेकर महीनों तक लग सकते हैं। यदि आरोपी फुकेत से किसी अन्य देश भाग चुके हैं, तो मामला और भी जटिल हो सकता है।
नाइटक्लब की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
घटना के बाद गोवा सरकार और पुलिस दोनों पर सवाल उठे हैं कि—
- नाइटक्लब को लाइसेंस कैसे मिला?
- क्या अग्नि सुरक्षा उपकरण काम कर रहे थे?
- क्या आपातकालीन निकास पर्याप्त थे?
- क्यों निरीक्षण में लापरवाही रही?
सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित करने की घोषणा की है।
हालांकि, स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है कि गोवा में कई नाइटक्लब बिना उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के संचालित होते हैं। यह हादसा भविष्य में ऐसी लापरवाहियों का बड़ा उदाहरण बन गया है।
निष्कर्ष
गोवा नाइटक्लब हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासन, सुरक्षा और प्रणाली की कई खामियों को उजागर करता है। 25 लोगों की जिंदगी अचानक खत्म हो गई, जबकि मुख्य आरोपी देश छोड़कर भागने में सफल हो गए। अब उन्हें भारत वापस लाना कानून एजेंसियों के लिए एक लंबी लड़ाई साबित हो सकता है।
जांच एजेंसियों की चुनौती अब यह है कि—
- आरोपी कहाँ हैं?
- क्या वे फुकेत में ही हैं?
- या किसी अन्य देश भाग गए?
सवाल कई हैं, और जवाब आने में समय लगेगा।



