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Uttarakhand: गरुड़–बैजनाथ में मुख्यमंत्री धामी का संवाद: मातृशक्ति, युवा और नवाचार आधारित विकास मॉडल की आधारशिला मजबूत

बागेश्वर, उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने दो दिवसीय जनपद भ्रमण के प्रथम चरण में सोमवार को गरुड़–बैजनाथ क्षेत्र में एक व्यापक संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने प्रबुद्ध जनों, राज्य आंदोलनकारियों, स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं, सामाजिक संगठनों एवं विभिन्न एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद कर उनके सुझाव सुने और राज्य के विकास एजेंडा पर खुलकर चर्चा की।

कार्यक्रम में उपस्थित सेकड़ों प्रतिभागियों ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, स्वरोजगार, पर्यटन, महिला सशक्तिकरण और वन–पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर अपने सुझाव रखे। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जनता के अनुभव और जमीनी सुझाव भविष्य की नीतिगत दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभाएँगे।


“जनता की सहभागिता से ही विकसित उत्तराखंड का सपना पूरा होगा” — मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास की सबसे बड़ी ताकत यहाँ की जनता है, जो हर स्तर पर भागीदारी निभा रही है। उन्होंने कहा:

“यह संवाद केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि राज्य की नीतियों के निर्माण की आधारशिला है। आपके सुझावों को सरकार प्राथमिकता के साथ योजनाओं में शामिल करेगी।”

मुख्यमंत्री ने विभिन्न संगठनों और एसोसिएशनों को समाज और सरकार के बीच सशक्त सेतु बताते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश के विकसित राज्यों में शामिल होगा।


लाखों बहनों को मिली आर्थिक मजबूती — ‘लखपति दीदी’ मॉडल बना प्रेरणा

कार्यक्रम की सबसे अहम चर्चा रही—महिला स्वयं सहायता समूहों की सफलता

सीएम धामी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति तेजी से मजबूत हुई है। आज लाखों बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। उनके द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पाद न केवल राज्य में, बल्कि देश और विदेश तक पहुँच रहे हैं।

उन्होंने कहा:

“मातृशक्ति ने विपरीत परिस्थितियों में भी विकास के नए मानक स्थापित किए हैं। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”


एप्पल–कीवी मिशन, होमस्टे और हेली सेवा—रोजगार की नई दिशा

मुख्यमंत्री धामी ने पहाड़ी अर्थव्यवस्था से जुड़े प्रमुख मिशनों की प्रगति साझा की, जिनमें—

✔ एप्पल मिशन और कीवी मिशन

इन योजनाओं में सब्सिडी और तकनीकी सहायता के माध्यम से बागवानी को तेजी मिली है। उन्होंने बताया कि हजारों किसान आधुनिक तकनीकों से जुड़कर उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन की ओर बढ़ रहे हैं।

✔ होमस्टे योजना

धामी ने बताया कि ग्रामीण पर्यटन की रीढ़ बन चुकी यह योजना युवाओं और महिलाओं के लिए स्थायी आय का नया विकल्प बन गई है। राज्य में सैकड़ों नए होमस्टे तैयार हो चुके हैं, जिससे स्थानीय रोजगार बढ़ा है।

✔ हेली सेवा का विस्तार

सीएम ने कहा कि प्रयास है कि हर जिले के प्रमुख स्थलों को हेली सेवा से जोड़ा जाए। इससे पर्यटन, तीर्थाटन और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को जबरदस्त गति मिलेगी।


इकोलॉजी–इकोनॉमी–टेक्नोलॉजी: उत्तराखंड के विकास का नया मंत्र

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि उत्तराखंड का भविष्य तीन स्तंभों पर आधारित है—
पर्यावरण संरक्षण (Ecology), आर्थिक प्रगति (Economy) और तकनीकी नवाचार (Technology)।

धामी ने विश्वास जताया कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा और इस यात्रा में मातृशक्ति अग्रणी भूमिका निभाएगी


धार्मिक–आध्यात्मिक स्थलों के विकास पर भी दिया जोर

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति, वेशभूषा और आस्था को वैश्विक पहचान दिलाई गई है।
उन्होंने बताया कि:

  • मानसखंड–केदारखंड कॉरिडोर
  • धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार
  • नए ट्रेकिंग रूट
  • आधुनिक सुविधाओं का विस्तार

इन सभी ने राज्य में पर्यटन की संभावनाओं को कई गुना बढ़ाया है।


“विकसित भारत” संकल्प की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा उत्तराखंड

बैजनाथ में आयोजित मंथन एवं संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में उत्तराखंड मजबूत बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा में लगातार प्रगति कर रहा है।


कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की व्यापक उपस्थिति

संवाद कार्यक्रम के दौरान—

  • विधायक सुरेश गढ़िया
  • विधायक पार्वती दास
  • जिलाधिकारी आकांक्षा कौंडे
  • जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी
  • स्थानीय जनप्रतिनिधि

बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

सभी ने क्षेत्रीय आवश्यकताओं, चल रही परियोजनाओं और भविष्य की जरूरतों पर विस्तार से चर्चा की और मुख्यमंत्री को सुझाव दिए।


निष्कर्ष

गरुड़–बैजनाथ का यह संवाद कार्यक्रम केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उत्तराखंड के भविष्य की दिशा तय करने वाली संवाद श्रृंखला का महत्वपूर्ण पड़ाव रहा। मुख्यमंत्री धामी ने न केवल सुझाव सुने बल्कि उन्हें नीति निर्माण में शामिल करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। राज्य में:

  • महिलाओं का सशक्तिकरण,
  • कृषि–बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था,
  • पर्यटन का विस्तार,
  • तकनीक आधारित ग्रामीण विकास,
  • और बेहतर कनेक्टिविटी

जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति हो रही है। धामी के शब्दों में—“जब जनता और सरकार साथ चलते हैं, तभी विकास यात्रा गति पकड़ती है।”

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