उत्तराखंडफीचर्ड

धामी सरकार की बड़ी पहल: इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल के ‘री-यूज़’ पर सख्त निगरानी, RUCO मिशन में उत्तराखंड ने रचा रिकॉर्ड

देहरादून, 06 दिसंबर 2025। उत्तराखंड सरकार ने खाद्य सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल के पुनः उपयोग पर कड़ी निगरानी के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में RUCO मिशन (Repurpose Used Cooking Oil) को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है।

राज्य सरकार के इन प्रयासों ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित किया है, जहाँ इस्तेमाल किए गए तेल को खाद्य श्रृंखला में वापस जाने से रोककर उसे बायोफ्यूल जैसे सुरक्षित, गैर-खाद्य उपयोगों में बदला जा रहा है।


खाद्य तेल के ‘री-यूज़’ की समस्या क्यों गंभीर?

फूड डिलीवरी एप्स और रेडी-टू-ईट संस्कृति के बढ़ते चलन ने लोगों की खान-पान की आदतों में बड़ा बदलाव किया है। युवा पीढ़ी बड़ी संख्या में बाजार के भोजन पर निर्भर होती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट अक्सर तेल को बार-बार गर्म कर उपयोग करते हैं, जिससे उसमें कैंसरकारी और हृदय रोग बढ़ाने वाले विषैले रसायन बन जाते हैं।

अपर आयुक्त FDA ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार, इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा गर्म करने से एल्डिहाइड्स, पॉलीमराइज्ड कंपाउंड्स और ट्रांस फैट अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाते हैं। ये पदार्थ हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की आशंका कई गुना बढ़ा देते हैं।

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की 2022 की रिपोर्ट इस खतरे की गंभीरता को रेखांकित करती है। रिपोर्ट के अनुसार, शहरी भारत में लगभग 60 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ खाना पकाने वाला तेल किसी न किसी रूप में वापस खाद्य श्रृंखला में लौट आता है, जो बड़े स्वास्थ्य संकट का संकेत है।


2018 में शुरू हुआ देशव्यापी RUCO मिशन

FSSAI ने इस गंभीर स्वास्थ्य खतरे को देखते हुए 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर RUCO मिशन शुरू किया। इसका उद्देश्य स्पष्ट था—
एक बार इस्तेमाल हो चुके तेल को खाद्य उपयोग में दोबारा न आने देना और उसे बायोडीज़ल जैसे पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों में परिवर्तित करना।

2018 की राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति भी इस दिशा में बड़े उद्देश्यों का समर्थन करती है, जिसके तहत राज्य स्तर पर मजबूत आपूर्ति तंत्र विकसित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है।


उत्तराखंड बना देश का मॉडल राज्य

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों पर स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार ने RUCO मिशन को राज्यभर में तेजी से लागू किया। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड ने बीते वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

विस्तृत जन-जागरूकता मुहिम

FDA ने मिशन को सफल बनाने के लिए राज्यभर में—

  • फूड बिजनेस ऑपरेटरों,
  • होटल/ढाबा संचालकों,
  • एग्रीगेटर्स और रीसायकलर्स,
  • छात्र समूहों,
  • स्वयंसेवी संस्थाओं

के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए।

कैफे-टॉक्स, कार्यशालाएं, प्रशिक्षण सत्र, मीडिया संवाद और कॉलेज आउटरीच कार्यक्रमों ने RUCO को एक सामाजिक आंदोलन का रूप दिया।


सिर्फ 600 लीटर से 1 लाख किलो तक की उपलब्धि

अपर आयुक्त FDA ताजबर सिंह जग्गी बताते हैं कि RUCO मॉडल उत्तराखंड में 2019 में शुरू हुआ था।
पहले वर्ष महज 600 लीटर इस्तेमाल किया गया तेल ही एकत्र किया जा सका था। लेकिन पाँच वर्षों के भीतर यह आंकड़ा बढ़कर 1,06,414 किलो तक पहुँच गया — जो राज्य की प्रतिबद्धता और मिशन की सफलता का स्पष्ट प्रमाण है।

चारधाम यात्रा भी बनी प्रेरक थीम

2025 की चारधाम यात्रा को भी RUCO थीम पर आयोजित किया गया।

  • यात्रामार्ग पर खाद्य तेल के पुनः उपयोग पर कड़ी निगरानी
  • खाद्य कारोबारियों का प्रशिक्षण
  • बड़े पैमाने पर जागरूकता
  • और इस्तेमाल किए गए 1,200 किलो तेल का सफल संग्रहण एवं बायोफ्यूल में परिवर्तन

इस अभियान ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।


‘दून मॉडल’ बना राष्ट्रीय उदाहरण

FDA उत्तराखंड की यह पहल ‘Eat Right India’ और RUCO मिशन के तहत विकसित एक अभिनव प्रणाली है, जिसकी सराहना स्वयं FSSAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की है।
‘दून मॉडल’ को अब चरणबद्ध तरीके से गढ़वाल और कुमाऊँ दोनों मंडलों में लागू किया जाएगा।

इस मॉडल का मुख्य लक्ष्य है—

  • सुरक्षित खाद्य तेल
  • स्वच्छता
  • और उपयोग किए गए तेल का वैज्ञानिक पुनर्चक्रण

नोडल अधिकारी गणेश कंडवाल की महत्वपूर्ण भूमिका

RUCO पहल को प्रभावी बनाने में उप आयुक्त एवं नोडल अधिकारी (Eat Right India – RUCO Initiative) गणेश कंडवाल ने केंद्रीय भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में यह मॉडल उत्तराखंड में एक मिसाल के रूप में विकसित हो रहा है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान

मुख्यमंत्री ने कहा—

“राज्य सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि जनता के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस्तेमाल किए गए तेल का दोबारा उपयोग रोकना केवल नियम लागू करने भर की बात नहीं है, यह नागरिकों की सेहत बचाने का संकल्प है। उत्तराखंड ने RUCO को जागरूकता अभियान में बदल कर देश के सामने नया मानक स्थापित किया है। हम इस मिशन को और व्यापक रूप से आगे बढ़ाएंगे।”


स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान

डॉ. राजेश कुमार ने कहा—

“मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि एक बार इस्तेमाल हुआ तेल किसी भी हालत में खाद्य श्रृंखला में वापस न जाए। फूड बिजनेस ऑपरेटरों का प्रशिक्षण, तकनीकी निगरानी, बड़े पैमाने पर संग्रहण तंत्र और बायोफ्यूल निर्माण क्षमता को और मजबूत करने पर कार्य चल रहा है। यह केवल स्वास्थ्य सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी महत्वपूर्ण कदम है।”


निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार की यह पहल देश में खाद्य तेल के पुनः उपयोग पर नियंत्रण का एक सशक्त मॉडल बनकर उभरी है। RUCO मिशन के माध्यम से सरकार ने न सिर्फ स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत किया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। राज्य सरकार के अनुसार आने वाले वर्षों में इस अभियान को और तेज़ गति से आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि स्वस्थ और सुरक्षित उत्तराखंड के लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त किया जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button