
नई दिल्ली, 6 दिसंबर। देश में हवाई यात्रा व्यवस्था उस समय चरम अव्यवस्था में आ गई जब इंडिगो की कई उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं। इससे न केवल यात्रियों में भारी नाराज़गी फैली बल्कि देश के कई बड़े एयरपोर्ट यात्रियों की भीड़ से पट गए। हवाई अड्डों पर फंसे हजारों यात्रियों के सामने यात्रा जारी रखने का संकट खड़ा हो गया। इस स्थिति को देखते हुए भारतीय रेलवे ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए अभूतपूर्व कदम उठाए और यात्रियों के दबाव को कम करने के लिए देशभर की 37 ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़ने की घोषणा की।
रेल मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने के बाद यात्रियों की यात्रा मांग में अचानक भारी उछाल दर्ज किया गया। मंत्रालय ने कहा कि रेलवे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी यात्री को यात्रा की अनिवार्य आवश्यकता के दौरान असुविधा न हो और देशभर में रहने व सीट उपलब्धता सहज रूप से सुनिश्चित की जा सके।
एयरपोर्ट पर अफरातफरी—यात्रियों ने जताई नाराज़गी
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने की खबर फैलते ही देश के कई बड़े एयरपोर्टों पर अफरातफरी मच गई। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गईं।
कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें उड़ान रद्द होने की जानकारी काफी देर से मिली, जिससे उनके पास वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था का समय नहीं रहा। सोशल मीडिया पर भी यात्रियों का गुस्सा फूटा—कई लोग इसे “अभूतपूर्व लापरवाही” बता रहे हैं।
एक यात्री ने कहा—“सुबह से हम एयरपोर्ट पर फंसे हैं। टिकट का पैसा वापस नहीं मिला, अगले 48 घंटों तक कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है। ऐसे में क्या करें?”
इसी तरह की शिकायतों के बीच रेलवे ने जो कदम उठाए, उसे यात्रियों ने राहत की सांस के रूप में देखा।
रेलवे का त्वरित एक्शन—37 ट्रेनें बनीं यात्रियों की लाइफलाइन
रेल मंत्रालय के अनुसार अचानक बढ़ी यात्रा मांग को देखते हुए विभिन्न रूटों पर कुल 116 अतिरिक्त कोच जोड़े गए। इन कोचों के साथ देशभर में 114 से ज्यादा एक्स्ट्रा ट्रिप्स संचालित की जा रही हैं, ताकि यात्रियों का दबाव कम किया जा सके।
अतिरिक्त कोच मुख्य रूप से उन रूटों पर लगाए गए हैं जहां हवाई यात्रा से रेल मार्ग की ओर यात्री संख्या तेजी से बढ़ी है—जैसे दिल्ली–मुंबई, दिल्ली–बेंगलुरु, कोलकाता–दिल्ली, चेन्नई–हैदराबाद, पुणे–दिल्ली आदि।
रेलवे ने स्पष्ट किया कि ये कोच एसी चेयरकार, 3AC, स्लीपर और जनरल श्रेणी में जोड़े गए हैं, ताकि हर बजट के यात्रियों को विकल्प उपलब्ध हो सके।
क्यों रद्द हुई इंडिगो की इतनी उड़ानें?
हालांकि इंडिगो की ओर से जारी बयान में तकनीकी कारणों, ऑपरेशनल चुनौतियों और क्रू मैनेजमेंट समस्याओं का हवाला दिया गया है, परंतु विशेषज्ञों का कहना है कि यह “सिस्टम लेवल फेलियर” जैसा ঘটনা है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक—
- मौसम में अचानक बदलाव,
- विमानों की अप्रत्याशित तकनीकी समस्याएं,
- और क्रू की कमी—
इन सबने मिलकर उड़ानों को प्रभावित किया।
हालांकि एयरलाइन ने यात्रियों से माफी मांगी है और जल्द स्थिति सामान्य करने का भरोसा दिया है।
रेलवे की भूमिका बढ़ी—परिवहन तंत्र में दिखाई दी मजबूती
भारतीय रेलवे ने जिस तेजी से स्थिति संभाली, उसने यह साबित कर दिया कि देश का रेल नेटवर्क किसी भी आपात स्थिति में करोड़ों यात्रियों का भार उठा सकता है।
रेल मंत्रालय का कहना है कि यह कदम केवल तात्कालिक राहत नहीं है, बल्कि यह उस दिशा में भी संकेत है कि भारत में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट को लेकर तालमेल लगातार मजबूत हो रहा है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, रातों-रात कोच तैयार करना, उन्हें ट्रेनों में जोड़ना, क्रू शेड्यूलिंग और पटरियों पर स्लॉट उपलब्ध कराना एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन रेलवे इसे युद्धस्तर पर कर रहा है।
इन रूटों पर बढ़ी क्षमता—मुख्य ट्रेनें जिनमें कोच बढ़ाए गए
(आप चाहें तो मैं इसे ‘बोर्ड-टाइप सारणी / रेट-लिस्ट जैसे टेबल फॉर्मेट’ में भी दे सकता हूँ।)
कुछ प्रमुख ट्रेनें जिनमें अतिरिक्त कोच जोड़े गए:
- राजधानी, शताब्दी और दुर्ग–नई दिल्ली रूट की प्रमुख ट्रेनों में 3AC और चेयर कार कोच
- मुंबई–दिल्ली रूट पर 10 से अधिक ट्रिप्स में स्लीपर और एसी कोच
- बेंगलुरु–दिल्ली और चेन्नई–दिल्ली रूट पर कई ट्रेनों में अतिरिक्त 3AC कोच
- पूर्वोत्तर व पूर्वी भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में जनरल और स्लीपर कोच
कुल 37 ट्रेनों के माध्यम से रेलवे ने 114 अतिरिक्त ट्रिप्स तैयार की हैं, जो अगले कुछ दिनों तक जारी रहेंगी।
यात्रियों को मिला बड़ा विकल्प—टिकट उपलब्धता में सुधार
अतिरिक्त कोच जोड़ने का सीधा लाभ यह हुआ है कि कई रूटों पर सीट उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। रेलवे ने यह भी कहा कि वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को प्राथमिकता दी जा रही है।
इसके अलावा IRCTC ने टिकट बुकिंग साइट पर अलर्ट मोड में काम करना शुरू किया है। कई जगहों पर तत्काल टिकट और स्पेशल ट्रेनें चलाने पर भी विचार किया जा रहा है।
स्थिति कितनी गंभीर थी?
- दिल्ली एयरपोर्ट पर 12 घंटे में 20000+ यात्री फंसे रहे
- मुंबई में कई उड़ानें 12 घंटे देरी से चलीं
- बैंगलुरु और हैदराबाद में यात्रियों ने एयरलाइन काउंटर पर विरोध प्रदर्शन किया
- कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुईं
यात्रियों के लिए यह स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी। लेकिन रेल मंत्रालय के कदमों ने संकट को काफी हद तक कम किया।
निष्कर्ष—मजबूत समन्वय के बिना संभव नहीं होता यह प्रबंधन
इंडिगो उड़ानों के रद्द होने से उपजे राष्ट्रीय स्तर के संकट में रेलवे ने जिस तरह सक्रिय और त्वरित हस्तक्षेप किया, वह भारत के परिवहन तंत्र की मजबूती का प्रतीक है।
एक तरफ एयरलाइनें अपने ऑपरेशन सामान्य करने में लगी हैं, वहीं दूसरी ओर रेलवे ने देश के लाखों यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध कराया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारत को एकीकृत परिवहन नीति की ओर और अधिक ध्यान देने का अवसर देती है—जहां एयर, रेल और रोड सिस्टम एक-दूसरे के पूरक के तौर पर काम कर सकें।



