
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने रिलायंस समूह के दो उपक्रमों—रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL)—की 1,120 करोड़ रुपये की अतिरिक्त संपत्तियां कुर्क कर दी हैं। इस कार्रवाई के साथ ही इस मामले में अब तक कुल कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
ईडी ने शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई स्थित रिलायंस सेंटर, एक गेस्टहाउस, कई आवासीय संपत्तियां, और चेन्नई में 231 भूखंडों का व्यापक नेटवर्क शामिल है। एजेंसी ने इन संपत्तियों को धनशोधन निवारण कानून (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
धोखाधड़ी में Yes Bank लिंक और फंड डायवर्जन की जांच
यह पूरा मामला यस बैंक में कथित धोखाधड़ी और उससे जुड़े बहु-स्तरीय फंड डायवर्जन का है। ईडी के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस द्वारा लिए गए बड़े पैमाने के ऋणों को फर्जी कंपनियों और शेल एंटिटीज में ट्रांसफर किया गया, जिससे अंततः हजारों करोड़ रुपये के धन का दुरुपयोग हुआ।
इस धोखाधड़ी की जांच में ईडी ने पाया कि:
- कंपनियों ने गैर-अस्तित्व वाली या कागज़ी कंपनियों को भारी ऋण जारी किए,
- इन फंडों को कथित तौर पर समूह की अन्य कंपनियों में स्थानांतरित किया गया,
- और अंततः इनका उपयोग ऋण दायित्वों की पूर्ति के बजाय अन्य गैर-घोषित उद्देश्यों में किया गया।
एजेंसी money trail के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रॉपर्टीज, जमाओं और भूमि को इस कथित अपराध की आय के रूप में चिन्हित कर चुकी है।
कौन-कौन सी संपत्तियां कुर्क हुईं?
ईडी ने अपने बयान में उन प्रमुख संपत्तियों का विवरण भी साझा किया, जिन्हें इस चरण में कुर्क किया गया है:
मुंबई में कुर्क संपत्तियां
- रिलायंस सेंटर (सांताक्रूज़) – समूह की प्रमुख कमर्शियल संपत्तियों में से एक
- एक गेस्टहाउस
- कई उच्च-मूल्य आवासीय संपत्तियां
चेन्नई में संपत्तियां
- 231 भूखंड, जिनका कुल क्षेत्रफल बड़ा है, जिन्हें अचल संपत्ति निवेश के रूप में चिन्हित किया गया था
इन सभी संपत्तियों का सामूहिक मूल्य ₹1,120 करोड़ आंका गया है।
अंबानी समूह पर बढ़ता कानूनी दबाव
रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस दोनों ही Anil Ambani–led Reliance Capital समूह के तहत operated entities रहे हैं। 2019 में वित्तीय संकट के समय दोनों कंपनियों पर कई बैंकों का भारी बकाया था।
ईडी जांच के बाद:
- कई डायरेक्टर्स और अधिकारी पूछताछ का सामना कर चुके हैं,
- बैंकिंग रेगुलेटर्स ने अलग से उल्लंघनों की जांच शुरू की,
- और निवेशकों के नुकसान के मुद्दे अदालतों में भी उठे।
एजेंसी के मुताबिक यह कुर्की भविष्य में आरोपियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
इससे पहले भी हो चुकी हैं बड़ी कुर्कियां
इससे पूर्व ईडी ने इसी केस में 8,800 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां विभिन्न चरणों में कुर्क की थीं, जिनमें वाणिज्यिक भवन, भूमि, बैंक खाते और कंपनियों में शेयरधारिता शामिल थी।
ताज़ा कार्रवाई के साथ कुर्की का कुल आंकड़ा 10,000 करोड़ रुपये के पार चला गया है—जो हाल के वर्षों में किसी एकल वित्तीय धोखाधड़ी केस में सबसे अधिक माना जा रहा है।
यस बैंक मामले की पृष्ठभूमि
यह केस यस बैंक और उसके सह-संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ 2020 में दर्ज एफआईआर से शुरू हुआ था। आरोप था कि बैंक में क्रेडिट सुविधाओं के बदले:
- रिश्वत,
- महंगे प्रॉपर्टी डील,
- और कंपनियों को फ़ेवर देने की शिकायतें सामने आई थीं।
यही केस आगे बढ़ते हुए रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस तक पहुंचा।
अगले चरण में क्या?
ईडी अब:
- धन के सटीक प्रवाह (fund trail) की पड़ताल कर रही है,
- शेल कंपनियों की अंतिम लाभार्थी मालिकों (UBOs) की पहचान कर रही है,
- और इस मामले में शेष संपत्तियों की भी जांच जारी है।
मामला अदालत में लंबित है और एजेंसी की ओर से जल्द ही पूरक आरोप-पत्र (supplementary chargesheet) दाखिल किए जाने की संभावना है।



