
देहरादून: राजधानी में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव, शहर के केंद्र में यातायात बाधाओं और सुगम कनेक्टिविटी की चुनौती को देखते हुए जिला प्रशासन ने दो प्रमुख एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजनाओं—रिस्पना–विंदाल एलिवेटेड रोड और आशारोड़ी–झाझरा (NH-7)—को गति देने की दिशा में व्यापक और निर्णायक कदम उठाए हैं। गुरुवार को ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी सविन बंसल ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी प्रक्रियाएँ निर्धारित समयसीमा में पूरी हों और परियोजनाओं की प्रगति में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली परियोजना: रिस्पना–विंदाल एलिवेटेड रोड पर कार्रवाई हुई तेज
जिलाधिकारी बंसल ने बैठक के दौरान कहा कि रिस्पना–विंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता सूची में शामिल है और इसके लिए प्रशासन सभी विभागों के साथ समन्वय करते हुए तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने नगर निगम देहरादून और एमडीडीए को निर्देशित किया कि परियोजना में प्रस्तावित भूमि का रिकॉर्ड बिना किसी विलंब के उपलब्ध कराया जाए, ताकि भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण हटाने और सर्वेक्षण जैसी प्रक्रिया को तुरंत आगे बढ़ाया जा सके।
डीएम ने एलिवेटेड कॉरिडोर सर्वेक्षण समिति को निर्देश दिए कि विभागवार प्रभावित भूमि का विस्तृत और अद्यतन ब्यौरा तैयार किया जाए। साथ ही, लोनिवि (PWD) और राजस्व विभाग के अधिकारियों को मौके पर तैनात रहते हुए चिन्हित सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों और संरचनाओं का पूरा विवरण निर्धारित प्रारूप में संकलित करने को कहा गया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रस्तावित भूमि के रिकॉर्ड के संकलन के बाद—
- धारा 11 के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना शीघ्र जारी की जाए,
- पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए,
ताकि परियोजना में किसी प्रकार की प्रशासनिक देरी न हो।
आशारोड़ी–झाझरा (NH-7) परियोजना में ग्रामीणों की आपत्तियाँ: डीएम ने दिए त्वरित समाधान के आदेश
एनएच-7 पर प्रस्तावित आशारोड़ी–झाझरा खंड की समीक्षा के दौरान ईस्ट होप टाउन और आरकेडिया ग्रांट क्षेत्र में ग्रामीणों की आपत्तियों और वन विभाग की भूमि पर प्रतिकर भुगतान की समस्या सामने आई। इस पर डीएम सविन बंसल ने एनएचएआई अधिकारियों को निर्देशित किया कि—
- एसडीएम सदर और एसडीएम विकासनगर के साथ मौका निरीक्षण किया जाए,
- विवादित बिंदुओं और प्रतिकर संबंधी अड़चनों का शीघ्र निस्तारण किया जाए,
- और ग्रामीणों की वैध मांगों का संवेदनशीलता के साथ समाधान सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि देहरादून–हरिद्वार रोड पर चल रहे सड़कीय सुधार कार्य में तेजी लाई जाए और मार्ग के किनारे किए गए अवैध अतिक्रमणों को पुलिस के सहयोग से तत्काल हटाया जाए, ताकि एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के अनुरूप यातायात के सुचारू संचालन की दिशा में काम आगे बढ़ सके।
एलिवेटेड कॉरिडोर के तकनीकी विवरण हुए सार्वजनिक
बैठक के दौरान लोनिवि (PWD) द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजना का अब तक का कार्य–व्यौरा प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों ने बताया कि—
रिस्पना एलिवेटेड कॉरिडोर
- कुल लंबाई: 10.365 किमी
- कुल प्रभावित भूमि: 49.04 हेक्टेयर
- सरकारी भूमि: 42.89 है
- निजी भूमि: 4.01 है
- वन भूमि: 2.10 है
- प्रभावित संरचनाएँ: 1022 (पक्की/कच्ची)
विंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर
- कुल लंबाई: 14.264 किमी
- कुल प्रभावित भूमि: 55.90 हेक्टेयर
- सरकारी भूमि: 31.07 है
- निजी भूमि: 15.67 है
- वन भूमि: 2.22 है
- रक्षा संपदा भूमि: 6.92 है
- प्रभावित संरचनाएँ: 1656 (पक्की/कच्ची)
इस प्रेजेंटेशन में यह भी बताया गया कि दोनों परियोजनाओं के अलाइनमेंट को तैयार कर NHAI को भेज दिया गया है, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद अगले चरणों पर तेजी से काम आगे बढ़ाया जाएगा।
ट्रैफिक–स्ट्रेस्ड देहरादून के लिए परिवर्तनकारी परियोजनाएँ
इन दोनों एलिवेटेड परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद—
- शहर के मुख्य मार्गों पर वाहनों का दबाव कम होगा,
- आईएसबीटी, क्लॉक टावर, राजपुर रोड और हरिद्वार रोड से जुड़ी प्रमुख यातायात समस्याओं में सुधार होगा,
- रिस्पना और बिंदाल नदी तटीय क्षेत्रों में व्यवस्थागत विकास सुनिश्चित होगा,
- और राजधानी की कनेक्टिविटी को एक नए, आधुनिक व सुरक्षित स्वरूप में ढाला जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन का पूरा फोकस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाने पर है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को समन्वयित और समयबद्ध कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में एसएलएओ स्मृता परमार, एसडीएम कुमकुम जोशी, एसडीएम सदर हरिगिरि, एसडीएम विनोद कुमार, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, NHAI के आरडी विशाल गुप्ता, लोनिवि के एसई ओपी सिंह, सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
देहरादून में एलिवेटेड रोड की ये दोनों परियोजनाएँ राजधानी के भविष्य की यातायात संरचना को निर्णायक रूप से बदलने वाली हैं। जिला प्रशासन का सख्त रुख और विभागों के बीच तेज समन्वय यह संकेत देता है कि आने वाले महीनों में परियोजनाओं की गति और तेज होगी। ट्रैफिक–प्रबंधित, सुगम, और आधुनिक देहरादून की दिशा में यह कदम शहर के नागरिकों के लिए बेहद राहतकारी सिद्ध हो सकता है।



