
चेन्नई, मंगलवार: देश की प्रमुख मेट्रो रेल सेवाओं में शामिल चेन्नई मेट्रो की ब्लू लाइन पर तड़के एक बड़ा तकनीकी संकट पैदा हो गया, जब एक मेट्रो ट्रेन शहर के व्यस्ततम सेंट्रल मेट्रो और हाई कोर्ट स्टेशन के बीच अचानक सुरंग में ही फंस गई। घटना के दौरान ट्रेन में बिजली भी गुल हो गई, जिससे यात्री अंधेरे और घुटन भरे वातावरण में घबराहट के साथ लगभग 10 मिनट तक फंसे रहे। इसके बाद यात्रियों को ट्रैक पर उतरकर लगभग 500 मीटर पैदल चलकर हाई कोर्ट स्टेशन तक पहुंचना पड़ा—जो किसी भी मेट्रो सिस्टम के लिए गंभीर सुरक्षा लापरवाही का संकेत माना जा रहा है।
घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिनमें यात्रियों को सुरंग की रेलिंग पकड़कर सावधानी से चलते हुए देखा जा सकता है। कई यात्री वेंटिलेशन न होने और ट्रेन के अनिश्चित रूप से रुक जाने को लेकर बेहद परेशान दिखे।
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार, यह मेट्रो ब्लू लाइन की वह ट्रेन थी जो विमको नगर डिपो से चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच संचालित होती है। तड़के करीब 5 बजे के आसपास यह ट्रेन अचानक तकनीकी खराबी या बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण सबवे में रुक गई। जैसे ही ट्रेन अंधेरी सुरंग में थमी, कोचों की रोशनी और वेंटिलेशन दोनों बंद हो गए।
यात्रियों के अनुसार, शुरू में उन्हें लगा कि यह सामान्य रुकावट है, लेकिन कुछ ही मिनटों में घुटन और बेचैनी बढ़ने लगी। कई यात्रियों ने दावा किया कि सूचना प्रणाली भी तुरंत सक्रिय नहीं हुई, जिसके चलते वे स्थिति समझ नहीं पाए।
करीब 10 मिनट बाद मेट्रो अधिकारियों की ओर से घोषणा की गई कि यात्री ट्रेन से उतरकर ट्रैक के किनारे पैदल चलते हुए हाई कोर्ट स्टेशन तक पहुंचें।
असाधारण दृश्य: सुरंग में पैदल चलते यात्री
घटना के बाद सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो कई सवाल खड़े करते हैं। इनमें देखा जा सकता है कि:
- यात्री सुरंग की दीवार पकड़े हुए पंक्ति में चल रहे हैं
- सुरंग में आपातकालीन लाइटिंग भी कई स्थानों पर पर्याप्त नहीं थी
- बच्चे और बुजुर्ग यात्री भी इस आपातकालीन निकासी प्रक्रिया में शामिल थे
- सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या शुरुआती मिनटों में बेहद सीमित दिखी
कई यात्रियों ने इसे “डरावना अनुभव” बताया और कहा कि अचानक अंधेरे में फंस जाना बेहद परेशानी भरा था।
चेन्नई मेट्रो की सफाई और सेवा बहाल
घटना के कुछ ही समय बाद चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (CMRL) ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपडेट देते हुए कहा कि ब्लू लाइन की सेवाएं पूरी तरह सामान्य कर दी गई हैं।
CMRL की ओर से जारी बयान में कहा गया—
“एयरपोर्ट–विमको नगर डिपो के बीच ब्लू लाइन की ट्रेन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। सभी मेट्रो ट्रेनों का संचालन सामान्य समयसारणी के अनुसार हो रहा है।”
लेकिन मेट्रो प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि खराबी का मूल कारण क्या था—बिजली कटौती, सिग्नल फेलियर या ओवरहेड सिस्टम में तकनीकी समस्या।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
घटना ने यात्रियों और सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच कई गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जिनमें मुख्यतः:
1. क्या ट्रेन में बैकअप पावर फेल हो गई थी?
सामान्यतः मेट्रो ट्रेनों में बैकअप ऊर्जा प्रणाली होती है जो रोशनी और वेंटिलेशन जारी रखती है। यात्रियों का दावा है कि अंदर काफी अंधेरा और हवा की कमी थी।
2. क्या सुरंग में आपातकालीन निकासी व्यवस्था पर्याप्त थी?
500 मीटर पैदल चलना, वह भी अंधेरे और संकरे वातावरण में, सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह असामान्य स्थिति है।
3. क्या यात्रियों को समय पर जानकारी दी गई?
कई लोगों ने कहा कि घोषणा देर से हुई और शुरू में सूचना का अभाव था।
4. क्या ट्रेन ऑपरेटर और केंद्रीय नियंत्रण का समन्वय ठीक था?
घटना ने CMRL की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
नियमित यात्रियों में बढ़ी चिंता
चेन्नई मेट्रो शहर के लाखों यात्रियों की जीवनरेखा है। ऐसे में सुरंग में ट्रेन फंसने और यात्रियों को पैदल निकालने की घटना ने भरोसे पर चोट पहुंचाई है। कई यात्रियों ने चिंता जताई कि:
- यदि किसी को स्वास्थ्य समस्या हो जाती, तो क्या प्रबंधन तैयार था?
- यदि ट्रेन अधिक दूरी पर फंसती, तो निकासी किस प्रकार होती?
- बिजली के अभाव में सुरंग में अधिक समय तक फंसे रहना अत्यंत खतरनाक हो सकता है।
क्या भविष्य में सख्त जांच होगी?
ऐसी घटनाओं पर आमतौर पर टेक्निकल ऑडिट, इलेक्ट्रिकल सिस्टम जांच, और सुरक्षा प्रक्रियाओं का मूल्यांकन किया जाता है। फिलहाल चेन्नई मेट्रो ने ऐसी किसी जांच की घोषणा नहीं की है, लेकिन लगातार बढ़ते जनदबाव के मद्देनज़र यह कदम उठाना आवश्यक माना जा रहा है। रेलवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स से जुड़े यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि—
“सुरंग में ट्रेन फंसना सामान्य खराबी नहीं है। यह सिस्टम फेलियर का संकेत हो सकता है। जांच अनिवार्य है।”
चेन्नई मेट्रो का अब तक का रिकॉर्ड
चेन्नई मेट्रो दक्षिण भारत में सबसे आधुनिक शहरी परिवहन नेटवर्क में से एक माना जाता है।
लेकिन पिछले कुछ महीनों में—
- तकनीकी खराबी
- ओवरहेड इलेक्ट्रिकल ट्रिपिंग
- सिग्नलिंग एरर
जैसी शिकायतें बढ़ी हैं, जिसने यात्रियों के भरोसे को प्रभावित किया है।
निष्कर्ष
चेन्नई मेट्रो की सुरंग में ट्रेन फंसना और यात्रियों को पैदल बाहर निकालना इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा और प्रबंधन की बड़ी परीक्षा साबित हुआ है। हालांकि सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन यह घटना आने वाले समय में मेट्रो सिस्टम की विश्वसनीयता, आपातकालीन व्यवस्था और तकनीकी दक्षता को लेकर नए सवाल खड़े कर रही है। यात्री अब सिर्फ एक चीज़ की उम्मीद कर रहे हैं—“ऐसी स्थिति दोबारा न दोहराई जाए और जांच पारदर्शी तरीके से हो।”



