
नई दिल्ली: देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है और इसी क्रम में चुनाव आयोग (ECI) की वरिष्ठ टीम सोमवार से तमिलनाडु के तीन दिवसीय महत्वपूर्ण दौरे पर जा रही है। बिहार के बाद अब 12 राज्यों में चल रही इस प्रक्रिया की प्रगति का आकलन करने के लिए आयोग के अधिकारी जमीनी स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण करेंगे। एसआईआर मतदाता सूची को अद्यतन, त्रुटिरहित और व्यापक बनाने का सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक अभियान है, जिसमें बूथ स्तर तक विस्तृत गणना और डिजिटाइजेशन कार्य शामिल है।
चेन्नई, कोयंबटूर और तिरुप्पुर में होगी गहन समीक्षा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और राज्य सरकार की सचिव अर्चना पटनायक ने बताया कि चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी एसआईआर के दूसरे चरण की समीक्षा और मीडिया समन्वय गतिविधियों के आकलन के लिए 24 से 26 नवंबर के बीच तमिलनाडु के कई जिलों में मैदानी दौरे करेंगे।
उप निदेशक पी. पवन तथा चुनाव आयोग के मीडिया प्रभाग के अधिकारी देवांश तिवारी चीफ इलेक्ट्रोल ऑफिस चेन्नई में बैठकों के साथ मीडिया आउटरीच, जागरूकता अभियानों और फॉर्म वितरण की समीक्षा करेंगे।
इसके बाद आयोग के मीडिया प्रभाग के अधिकारी अलग-अलग जिलों में माइक्रो इनस्पेक्शन करेंगे ताकि फॉर्म वितरण, BLO स्तर की गतिविधियों और आम जनता की भागीदारी की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।
जिला स्तर पर डिजिटाइजेशन की गहन फील्ड रिपोटिंग
चुनाव आयोग के निदेशक कृष्ण कुमार तिवारी कोयंबटूर और तिरुप्पुर जिलों में जमीनी स्तर पर एसआईआर की प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन करेंगे। उनका फोकस विशेष रूप से—
- बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा वितरण किए गए गणना प्रपत्र
- फॉर्म प्राप्ति की स्थिति
- फिजिकल फॉर्म को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने की प्रक्रिया
- और डिजिटाइजेशन की गति
पर रहेगा।
कहा जा रहा है कि इन जिलों में फॉर्म वितरण तो तेज़ी से हुआ है, लेकिन अपलोडिंग प्रक्रिया उम्मीद से पीछे चल रही है, जिसे ठीक करने के लिए आयोग सीधे हस्तक्षेप कर रहा है।
चेन्नई और चेंगलपट्टू में सचिव मधुसूदन गुप्ता करेंगे समग्र समीक्षा
भारत निर्वाचन आयोग के सचिव मधुसूदन गुप्ता चेन्नई और चेंगलपट्टू जिलों में अधिकारियों से बैठकें करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इन जिलों में शहरी और ग्रामीण दोनों हिस्सों में एसआईआर की प्रगति में गति है, लेकिन कुछ ब्लॉकों में फॉर्म वितरण और डेटा एंट्री में अंतर दिख रहा है। सचिव स्तर की यह समीक्षा आगे की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
तमिलनाडु में 95.96% फॉर्म वितरण पूरा — देश में शीर्ष राज्यों की लिस्ट में शामिल
चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में अब तक 95.96% कैलकुलेशन फॉर्म का वितरण पूरा हो चुका है। यह दर देश के बड़े राज्यों में तेज़ी से प्रगति करने वाले राज्यों में तमिलनाडु को शामिल करती है।
अन्य राज्यों की वितरण स्थिति—
- गोवा, लक्षद्वीप – 100% वितरण
- अंडमान-निकोबार – 99.98%
- मध्य प्रदेश – 99.82%
- पश्चिम बंगाल – 99.75%
- गुजरात – 99.67%
मतदाता संख्या के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने भी 99.60% वितरण पूरा कर लिया है, जो अपने आकार और जनसंख्या घनत्व के बावजूद एक उत्कृष्ट उपलब्धि मानी जा रही है। यूपी में कुल मतदाता 15.44 करोड़ से अधिक हैं।
पुडुचेरी (95.34%), केरल (97.23%) और तमिलनाडु (95.96%) भी प्रगति दर में आगे हैं।
कुल 50.97 करोड़ मतदाताओं में से 50.47 करोड़ को मिले फॉर्म
4 नवंबर से देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
अब तक—
- कुल मतदाता: 50.97 करोड़
- वितरित फॉर्म: 50.47 करोड़
यानी 98.99% से अधिक कवरेज पूरा किया जा चुका है। इतने बड़े पैमाने पर यह कार्य चुनाव आयोग की आक्रामक कार्ययोजना, डिजिटल सपोर्ट सिस्टम और राज्य निर्वाचन कार्यालयों की सक्रियता का परिचायक है।
डिजिटाइजेशन की रफ्तार धीमी, केवल 39.29% फॉर्म अपलोड
हालांकि फॉर्म वितरण की प्रगति प्रभावशाली है, लेकिन डिजिटाइजेशन यानी फॉर्म को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने की गति चिंता का विषय बनी हुई है।
अब तक—
- अपलोड फॉर्म: 20.02 करोड़
- कुल डिजिटाइजेशन दर: 39.29%
लक्षद्वीप 88.20% के साथ डिजिटाइजेशन में सबसे आगे है, जबकि केरल इस मामले में सबसे पीछे चल रहा है।
चुनाव आयोग अगले एक सप्ताह में डिजिटाइजेशन को दोगुना करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
क्यों महत्वपूर्ण है एसआईआर?
विशेष गहन पुनरीक्षण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से—
- नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है
- मृत/स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं
- डुप्लीकेशन और त्रुटियों को सुधारा जाता है
- नए पते और जनसांख्यिकीय बदलावों का रिकॉर्ड अपडेट किया जाता है
मतदाता सूची को “शत-प्रतिशत सटीक” और “जानकारी आधारित” बनाने के लिए यह प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यही कारण है कि चुनाव आयोग स्वयं उच्च-स्तरीय अधिकारियों को फील्ड विजिट पर भेज रहा है।
आगे की रणनीति: फॉर्म अपलोडिंग पर विशेष फोकस
आयोग सूत्रों के अनुसार अगले 10 दिनों में लक्ष्य है—
- सभी जिलों में फॉर्म अपलोड की गति बढ़ाना
- BLO को आवश्यक तकनीकी सहायता और स्टाफ सपोर्ट उपलब्ध कराना
- मोबाइल ऐप के जरिए फास्ट स्कैनिंग को प्राथमिकता देना
- ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्याओं को दूर करने के लिए वैकल्पिक अपलोड केंद्र बनाना



