देशफीचर्ड

लाल किला विस्फोट: प्रारंभिक जांच में ‘दुर्घटनावश’ धमाका होने की आशंका, पुलवामा के डॉक्टर पर नजर

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में ऐतिहासिक लाल किले के पास सोमवार को हुए विस्फोट को लेकर जांच एजेंसियों को प्रारंभिक जांच में ‘दुर्घटनावश विस्फोट’ (Accidental Explosion) के संकेत मिले हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह धमाका संभवतः उस समय हुआ जब एक अंतर-राज्यीय आतंकवादी मॉड्यूल (Inter-State Terror Module) का भंडाफोड़ होने के बाद उसके सदस्यों ने जल्दबाजी में बनाए गए विस्फोटक उपकरण (IED) को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की कोशिश की।


‘आतंकी साजिश’ की दिशा में जांच

दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ (Special Cell) ने इस मामले को संभावित आतंकी हमले के रूप में जांचना शुरू किया है। जांच का फोकस इस समय पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी पर है, जिसका नाम फरीदाबाद में हाल ही में पकड़े गए आतंकी नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, डॉक्टर उमर नबी के संबंध फरीदाबाद स्थित उस आतंकवादी मॉड्यूल से हैं, जिसका भंडाफोड़ कुछ दिन पहले किया गया था। उस कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बरामद किए गए थे।


कैसे हुआ था धमाका

सोमवार शाम करीब 6 बजे लाल किले के उत्तरी गेट के पास एक जोरदार धमाका हुआ, जिसकी आवाज कई मीटर दूर तक सुनी गई।
घटना के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस, एनएसजी (NSG) और एनआईए (NIA) की टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया।
हालांकि धमाके में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन करीब सौ मीटर के दायरे में धुआं और मलबा फैल गया था।

प्रारंभिक फॉरेंसिक जांच में यह सामने आया है कि विस्फोट एक अस्थायी विस्फोटक उपकरण (improvised explosive device) के कारण हुआ, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, तारों और बैटरी सेल के निशान मिले हैं।


‘फरीदाबाद मॉड्यूल’ से जुड़ी कड़ी

फरीदाबाद में पिछले सप्ताह हुई कार्रवाई में दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने कबूल किया था कि वे दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच सक्रिय एक नेटवर्क के लिए काम कर रहे हैं।
जांचकर्ताओं को संदेह है कि लाल किले के पास हुआ विस्फोट इसी नेटवर्क की गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:

“हम यह जांच रहे हैं कि कहीं यह विस्फोट उस वक्त तो नहीं हुआ जब आरोपी दिल्ली से विस्फोटक हटाने या सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। विस्फोट में जल्दबाजी और असावधानी की भूमिका नज़र आती है।”


डॉक्टर उमर नबी की भूमिका पर संदेह

जांच एजेंसियों ने पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर नबी के बारे में बताया कि वह पहले एक निजी अस्पताल में कार्यरत था, और कथित रूप से कुछ महीनों से ‘संदिग्ध संपर्कों’ में था।
उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा की जांच की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, वह फरीदाबाद मॉड्यूल के एक अहम सदस्य से टेलीग्राम और सिग्नल ऐप पर संपर्क में था।

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा:

“प्रारंभिक जांच से संकेत मिलते हैं कि डॉक्टर उमर नबी लॉजिस्टिक सपोर्ट और वित्तीय ट्रांजैक्शन से जुड़ा हुआ था। हालांकि, उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता की पुष्टि जांच के बाद ही की जा सकेगी।”


एनआईए और एनएसजी की संयुक्त जांच

दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ, एनएसजी (National Security Guard) और एनआईए (National Investigation Agency) ने संयुक्त रूप से घटनास्थल से बरामद साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच शुरू की है।
CCTV फुटेज, मोबाइल नेटवर्क लोकेशन और वाहन मूवमेंट डेटा को भी खंगाला जा रहा है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोटक के घटकों और टाइमिंग डिवाइस का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह विस्फोट योजनाबद्ध था या आकस्मिक


राजधानी की सुरक्षा बढ़ाई गई

घटना के बाद दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर कर दिया गया है।

  • लाल किला, इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन जैसे संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
  • मेट्रो स्टेशनों, बाजारों और रेलवे स्टेशनों पर संदिग्ध वस्तुओं की सघन जांच की जा रही है।
  • पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना 100 या 112 नंबर पर तुरंत दें।

पूर्व की घटनाओं से समानता

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना 2019 में दिल्ली के करोल बाग और सीमापुरी में पाए गए संदिग्ध IED मामलों से मिलती-जुलती है। सुरक्षा एजेंसियां यह जांच रही हैं कि क्या कोई एक ही नेटवर्क या प्रशिक्षण स्रोत इन घटनाओं के पीछे है।

हालांकि प्रारंभिक जांच में ‘दुर्घटनावश विस्फोट’ की संभावना जताई गई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां आतंकी साजिश की किसी भी दिशा को नजरअंदाज नहीं कर रही हैं। फिलहाल, दिल्ली पुलिस, एनआईए और एनएसजी की संयुक्त टीमें देश की राजधानी में इस संवेदनशील मामले की परतें खोलने में जुटी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button