
नयी दिल्ली / देहरादून, 11 नवम्बर। उत्तराखंड ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय की व्यापार सुधार कार्ययोजना (Business Reforms Action Plan – BRAP) 2024 के अंतर्गत राज्य को पाँच प्रमुख सुधार श्रेणियों में “टॉप अचीवर्स” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह देश के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश द्वारा प्राप्त सर्वाधिक श्रेणियों में सर्वोच्च उपलब्धि है।
यह सम्मान मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘उद्योग समागम 2025’ के दौरान प्रदान किया गया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तराखंड सरकार के उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे और महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग डॉ. सौरभ गहरवार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी उपस्थित थे।
पाँच सुधार क्षेत्रों में अग्रणी प्रदर्शन
BRAP 2024 के अंतर्गत उत्तराखंड को व्यवसाय प्रवेश (Business Entry), निर्माण परमिट सक्षमकर्ता (Construction Permit Enabler), पर्यावरण पंजीकरण (Environmental Registration), निवेश सक्षमकर्ता (Investment Enabler) और श्रम विनियमन सक्षमकर्ता (Labour Regulation Enabler) जैसी पाँच प्रमुख श्रेणियों में शीर्ष प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है।
इस उपलब्धि को राज्य की “Ease of Doing Business (EoDB)” यात्रा का मील का पत्थर माना जा रहा है। वर्ष 2015 में जहाँ उत्तराखंड इस सूची में 23वें स्थान पर था, वहीं अब वह राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में बड़ा परिवर्तन
पुरस्कार प्राप्त करते हुए उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल मार्गदर्शन और सतत निगरानी का परिणाम है। उन्होंने कहा,
“2015 में 23वें स्थान से लेकर आज राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त करना हमारी पारदर्शिता, दक्षता और निवेशक-केंद्रित शासन की दिशा में निरंतर प्रगति को दर्शाता है।”
पांडे ने बताया कि राज्य ने “अनुमोदन जीवनचक्र” (Approval Lifecycle) के पूर्ण डिजिटलीकरण के माध्यम से व्यवसायिक सुविधा प्रणाली को रूपांतरित किया है। आवेदन जमा करने, ऑनलाइन भुगतान, रीयल-टाइम ट्रैकिंग से लेकर अंतिम मंजूरी, नवीनीकरण और प्रोत्साहन वितरण — सभी प्रक्रियाएं अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं।
वर्तमान में 20 से अधिक विभागों की 200+ सेवाएँ “एकल खिड़की प्रणाली” के तहत ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इससे न केवल भौतिक संपर्क बिंदुओं में कमी आई है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
राजस्व, श्रम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विकास प्राधिकरण, वन, सिंचाई, जल संस्थान और विद्युत जैसे प्रमुख विभाग इस प्रणाली से एकीकृत हैं।
निवेशकों की सहायता के लिए नई संस्थागत पहल
निवेशकों को और अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने उत्तराखंड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप (UK-SPISE) की स्थापना की है। यह संस्था निवेशकों के लिए एक “वन-स्टॉप सुविधा केंद्र” की तरह काम कर रही है — परियोजना स्वीकृति से लेकर ग्राउंड सपोर्ट तक हर चरण में सहायता प्रदान करती है।
राज्य सरकार ने व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और उद्योगों के लिए “लालफीताशाही मुक्त वातावरण” तैयार करने पर विशेष जोर दिया है। साथ ही, सतत (Sustainable) और समावेशी विकास के सिद्धांतों को भी नीतिगत ढाँचे में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया गर्व
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सम्मान को उत्तराखंड की उद्योग नीति की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा,
“हमारा लक्ष्य राज्य को औद्योगिक निवेश के लिए देश का अग्रणी गंतव्य बनाना है। BRAP 2024 में सर्वाेच्च पुरस्कार मिलना हमारी नीतिगत पारदर्शिता, उद्योग-अनुकूल वातावरण और निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है। यह उपलब्धि प्रदेश की आर्थिक समृद्धि और युवाओं के लिए नए रोजगार अवसरों का माध्यम बनेगी।”
धामी ने यह भी कहा कि इस सफलता से निवेशकों का विश्वास और मजबूत होगा और उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश के “इंडस्ट्रियल ग्रोथ कॉरिडोर” के रूप में उभरेगा।
राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में उत्तराखंड की स्थिति
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तराखंड की इस उपलब्धि ने ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे अग्रणी राज्यों के समकक्ष इसे खड़ा कर दिया है।
राज्य ने अपने छोटे आकार के बावजूद प्रशासनिक तत्परता, डिजिटल सुधार और निवेश मित्र नीतियों के माध्यम से यह दिखा दिया है कि सही नीतिगत दृष्टि और अमल से पहाड़ी राज्य भी औद्योगिक नेतृत्व की दौड़ में अग्रणी बन सकते हैं।
व्यापार सुधार कार्ययोजना 2024 में पाँच श्रेणियों में “टॉप अचीवर्स” का खिताब जीतना न केवल उत्तराखंड की नीति और प्रशासनिक दक्षता की स्वीकृति है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि राज्य ने ‘गवर्नेंस’ से लेकर ‘ग्राउंड इम्पैक्ट’ तक, हर स्तर पर व्यवसाय को सुगम बनाने में ठोस प्रगति की है।
इस सम्मान के साथ उत्तराखंड अब उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है, जो सतत औद्योगिक विकास, निवेश आकर्षण और रोजगार सृजन के क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल के रूप में देखे जा रहे हैं।



