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उत्तर भारत में ठंड ने दी दस्तक, सिक्किम में भारी बर्फबारी का अलर्ट और दक्षिण में ‘मोंथा’ का कहर

नई दिल्ली: उत्तर भारत में अब ठंड ने औपचारिक रूप से दस्तक दे दी है। दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, देश के पूर्वोत्तर हिस्से—विशेषकर सिक्किम—में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने यहां रेड अलर्ट जारी किया है। इसके उलट, दक्षिण भारत के कई राज्य इस समय चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Montha) के प्रभाव से जूझ रहे हैं, जहां भारी बारिश और तेज़ हवाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।


उत्तर भारत में नवंबर की ‘गुलाबी ठंड’ शुरू

दिल्ली-एनसीआर में सुबह और देर रात की ठंड ने लोगों को गर्म कपड़ों की याद दिला दी है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो-तीन दिनों तक राजधानी और आसपास के इलाकों — नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद — में आंशिक बादल छाए रहेंगे।
अभी तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री कम है और अगले सप्ताह तक और गिरावट की संभावना जताई गई है। दिल्ली में “गुलाबी ठंड” का यह शुरुआती दौर फिलहाल सुहावना तो है, लेकिन प्रदूषण स्तर के साथ मिलकर हवा को थोड़ा भारी बना सकता है।


सिक्किम में बर्फबारी, रेड अलर्ट जारी

भारत-चीन सीमा के पास शुक्रवार को भारी बर्फबारी हुई, जिससे सिक्किम के तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई। नाथुला, कुपुप और त्सोम्गो (चांगू) झील समेत आसपास के ऊंचाई वाले इलाकों में कई इंच मोटी बर्फ की परत जम चुकी है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों में मौसम और खराब होने की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। फिलहाल प्रशासन ने पर्यटकों को ऊंचाई वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है, जबकि बर्फ हटाने के काम में सेना और BRO की टीमें जुटी हैं।


उत्तराखंड में साफ आसमान, पर सुबह रहेगी सर्द

उत्तराखंड में 1 नवंबर को मौसम सामान्य रूप से साफ रहने का अनुमान है।
राज्य के पहाड़ी इलाकों में सुबह और रात के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जा सकती है — कुछ क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है।
दिन में हल्की धूप निकलने से मौसम सुहावना रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और हल्द्वानी में सुबह ठंड का असर ज़्यादा रहेगा जबकि दोपहर में तापमान हल्का बढ़ सकता है।


दक्षिण भारत में ‘मोंथा’ का कहर

चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने दक्षिण भारत के कई राज्यों — आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल — में भारी तबाही मचाई है।
तेलंगाना में लगातार बारिश और तेज़ हवाओं के चलते अलग-अलग घटनाओं में कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं आंध्र प्रदेश में व्यापक नुकसान दर्ज किया गया है।
राज्य के ऊर्जा मंत्री के मुताबिक, तूफान के कारण लगभग 13,000 बिजली के खंभे, 3,000 किलोमीटर कंडक्टर लाइनें और 3,000 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
सरकारी एजेंसियाँ राहत और बहाली के काम में जुटी हैं, लेकिन कई इलाकों में अब भी बिजली और संचार सेवाएँ ठप हैं।


पूर्वी राज्यों में सतर्कता बढ़ाई गई

मौसम विभाग ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी अगले 48 घंटों तक भारी बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना जताई है।
कोलकाता, कटक, पुरी और गंजाम जिलों में प्रशासन ने आपात टीमों को अलर्ट पर रखा है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है, जबकि तटीय इलाकों में स्कूल-कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।


अगले 48 घंटे का अनुमान

  • उत्तर भारत: सुबह-शाम ठंड बढ़ेगी, कुछ इलाकों में कोहरा।
  • पूर्वोत्तर: सिक्किम और अरुणाचल के ऊँचे क्षेत्रों में बर्फबारी जारी।
  • मध्य भारत: मौसम सामान्य, दिन में हल्की गर्माहट।
  • दक्षिण भारत: मोंथा के अवशेष प्रभाव से बारिश जारी रहने की संभावना।

देश का मौसम फिलहाल दो विपरीत चरित्र दिखा रहा है —उत्तर और पहाड़ी राज्यों में ठंड व बर्फबारी, जबकि दक्षिण भारत में चक्रवाती वर्षा और तेज़ हवाएँ

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह परिवर्तन अक्तूबर-नवंबर संक्रमण काल का सामान्य हिस्सा है, लेकिन इस बार तापमान में तेजी से गिरावट और तूफान की तीव्रता औसत से अधिक है।

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