UP: अलीगढ़ में मंदिरों की दीवारों पर ‘I Love Mohammed’ लिखे जाने से बवाल, पुलिस ने 8 के खिलाफ किया केस दर्ज
घटना के बाद कई गांवों में तनाव, प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा – पुलिस बोली: माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में शनिवार को उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब लोधा थाना क्षेत्र के दो गांवों के पांच मंदिरों की दीवारों पर ‘I Love Mohammed’ लिखा मिला। घटना के सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। पुलिस ने इस मामले में आठ संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जबकि इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
यह घटना भगवानपुर और बुलाकीगढ़ गांवों की है, जहां स्थानीय लोगों ने शनिवार सुबह मंदिरों की दीवारों पर यह विवादित शब्द लिखे देखे। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद थाना लोधा पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर में घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
घटना के बाद गांवों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अलीगढ़ के एसएसपी अनिल यादव ने बताया कि “यह एक बेहद संवेदनशील मामला है, जिसे गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस टीमों को मौके पर तैनात किया गया है और संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जा सकती।
प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इलाके में क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम), पीएसी और स्थानीय पुलिस बल को तैनात किया है। मंदिरों के आसपास पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की अफवाह या साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा न हो।
स्थानीय लोगों में रोष, पुलिस की सतर्कता से टला बड़ा विवाद
ग्रामीणों ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिश बताया है। एक ग्रामीण ने कहा, “यह किसी की शरारत है जो गांव का माहौल बिगाड़ना चाहता है। यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय लंबे समय से मिलजुलकर रहते आए हैं।”
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गांवों में स्थिति अब नियंत्रण में है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए चौकसी बरती जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि मंदिरों की दीवारों पर लिखा गया संदेश एक ही तरह के मार्कर से लिखा गया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि यह काम एक ही व्यक्ति या समूह ने किया है। पुलिस अब ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है और इलाके के दुकानों के आसपास लगे कैमरों के फुटेज की जांच कर रही है।
पुलिस ने दर्ज की FIR, आठ संदिग्धों से पूछताछ जारी
अलीगढ़ पुलिस ने इस संबंध में आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि “अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन संदिग्धों से लगातार पूछताछ जारी है। कुछ स्थानीय युवकों की भूमिका पर पुलिस की नजर है।”
पुलिस के मुताबिक, मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 295A, 153A और 505(2) के तहत दर्ज किया गया है — जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और समाज में वैमनस्य फैलाने से जुड़ी धाराएं हैं।
एसएसपी ने कहा, “अलीगढ़ एक संवेदनशील जिला है, इसलिए ऐसी घटनाओं को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं। अगर किसी ने जानबूझकर माहौल खराब करने की कोशिश की है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।”
प्रशासन की अपील – अफवाहों से बचें, सोशल मीडिया पर न फैलाएं झूठी खबरें
अलीगढ़ प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि “सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह या भड़काऊ पोस्ट न डालें। पुलिस और प्रशासन की टीम पूरी तरह सतर्क है और दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि “अलीगढ़ की जनता समझदार है और ऐसी साजिशों में नहीं फंसेगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।”
धार्मिक सौहार्द पर हमला करने की कोशिश
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना त्योहारी मौसम के दौरान सामाजिक सौहार्द को तोड़ने की एक कोशिश हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस तरह की छिटपुट घटनाएं देखने को मिली हैं, जहां दीवारों या धार्मिक स्थलों पर जानबूझकर विवादित बातें लिखकर माहौल को भड़काने का प्रयास किया गया।
समाजशास्त्री डॉ. अर्चना सक्सेना का कहना है, “धार्मिक प्रतीकों या स्थलों को निशाना बनाना एक पुराना तरीका है ताकि लोगों में गुस्सा पैदा किया जा सके। लेकिन डिजिटल निगरानी और प्रशासन की सक्रियता से अब ऐसी साजिशें अधिक समय तक टिक नहीं पातीं।”
विपक्ष ने उठाए सवाल, तो प्रशासन ने दी सफाई
घटना के बाद कुछ स्थानीय राजनीतिक दलों ने भी प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए। विपक्षी नेताओं ने कहा कि “अगर पुलिस की गश्त व्यवस्था सख्त होती तो कोई इस तरह मंदिरों पर नारे नहीं लिख पाता।”
हालांकि, प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “घटना रात के अंधेरे में हुई है और जैसे ही जानकारी मिली, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।”
फिलहाल स्थिति शांत, जांच जारी
अलीगढ़ पुलिस के अनुसार, फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है। स्थानीय स्तर पर धर्मगुरुओं और सामाजिक संगठनों की बैठकें कराकर आपसी संवाद और सौहार्द बनाए रखने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “जांच पूरी होने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ उदाहरणीय कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह का दुस्साहस न कर सके।”
अलीगढ़ की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि धार्मिक स्थलों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही कितनी जल्दी बड़े विवाद का रूप ले सकती है। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई और प्रशासन की सजगता से फिलहाल स्थिति पर नियंत्रण है। अब निगाहें जांच एजेंसियों पर हैं कि वे इस साजिश के पीछे के असली चेहरों को कब बेनकाब करती हैं।



