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उत्तर-पूर्व में असम राइफल्स का ऑपरेशन ब्लिट्ज़: चांगलांग हमले की साजिश नाकाम, उग्रवादियों पर तगड़ा प्रहार

उत्तर-पूर्व में फिर दिखा भारत का सैन्य प्रभुत्व, एनएससीएन-के (YA) की साजिश को जवानों ने मिनटों में किया निष्फल

नई दिल्ली/ईटानगर: उत्तर-पूर्व भारत में सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और रणनीतिक श्रेष्ठता का एक और उदाहरण सामने आया है। असम राइफल्स ने 16 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग ज़िले में एनएससीएन-के (YA) के उग्रवादियों द्वारा किए गए स्टैंड-ऑफ हमले को नाकाम कर दिया। जवानों की तेज़, सटीक और पेशेवर प्रतिक्रिया ने इस हमले को विफल कर दिया, जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, उग्रवादियों ने देर रात चांगलांग के हेडमैन कैंप को निशाना बनाते हुए फायरिंग की। असम राइफल्स की अग्रिम चौकी ने तत्काल जवाबी कार्रवाई की और गोलाबारी को नियंत्रित करते हुए हमलावरों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान इलाके में सुरक्षा बलों ने त्वरित सर्च ऑपरेशन भी चलाया, जिसमें उग्रवादियों के ठिकानों से हथियार और विस्फोटक सामग्री के निशान मिले।

तेज़ प्रतिक्रिया बनी निर्णायक

असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “हमारे जवानों ने अत्यंत संयम और दक्षता से जवाबी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन ने स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा बल किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
इस सफलता के बाद क्षेत्र में गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी संभावित घुसपैठ या उग्रवादी गतिविधि को पहले ही रोका जा सके।

उत्तर-पूर्व में उग्रवाद पर लगातार शिकंजा

हाल के महीनों में असम राइफल्स ने मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील इलाकों में कई अभियानों के ज़रिए उग्रवादी संगठनों की साजिशों को विफल किया है। विशेष रूप से एनएससीएन-के (YA) जैसे समूहों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल उग्रवादियों के मनोबल पर चोट है, बल्कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में अहम कदम भी है।

स्थानीय जनसमर्थन भी बना बल की ताकत

असम राइफल्स ने स्थानीय समुदायों के सहयोग से सुरक्षा नेटवर्क को और मज़बूत किया है। गांवों में “जनसंवाद अभियान” चलाकर लोगों को सुरक्षा तंत्र का हिस्सा बनाया जा रहा है, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत मिल सके।

रणनीतिक संदेश स्पष्ट

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इस ऑपरेशन से यह संदेश गया है कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी भी आतंकी अथवा उग्रवादी गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा।
उत्तर-पूर्व के दूरस्थ इलाकों में असम राइफल्स की तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता (Quick Reaction Capability) ने एक बार फिर साबित किया है कि यह बल देश की सीमाओं पर शांति और स्थिरता का सबसे मज़बूत प्रहरी है।

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