
फिरोजपुर (पंजाब): पंजाब के फिरोजपुर जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। एक पिता ने अपनी ही 17 वर्षीय बेटी के हाथ दुपट्टे से बांधकर उसे नहर में धक्का दे दिया। घटना का सबसे भयावह पहलू यह है कि आरोपी पिता ने इस पूरी वारदात का वीडियो अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गोताखोरों की टीम पिछले कई दिनों से नहर में लड़की की तलाश में जुटी है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) भूपिंदर सिंह ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि लड़की की खोजबीन लगातार जारी है। “गोताखोरों की एक टीम नहर में सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अब तक लड़की का कोई पता नहीं चल पाया है,” उन्होंने कहा।
घटना का पूरा विवरण
पुलिस की जांच के अनुसार, यह दिल दहला देने वाली घटना मंगलवार रात करीब पौने नौ बजे की है। आरोपी व्यक्ति अपनी बेटी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर घर से निकला और उसे पास की नहर के किनारे ले गया। वहाँ उसने पहले तो बेटी से किसी बात को लेकर झगड़ा किया, फिर गुस्से में आकर उसका दुपट्टा निकालकर उससे हाथ बांध दिए और नहर में धक्का दे दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने यह पूरा कृत्य न सिर्फ योजना बनाकर किया, बल्कि इसे अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी को अपनी बेटी के चरित्र पर शक था और इसी शक ने उसे इतना अमानवीय कदम उठाने के लिए उकसाया।
चरित्र पर शक बना हत्या की वजह
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पिता अपनी बेटी पर पिछले कुछ महीनों से नजर रख रहा था। उसे शक था कि बेटी किसी युवक से बात करती है या उसके साथ संबंध में है। कई बार उसने बेटी के साथ मारपीट भी की थी। घरवालों और पड़ोसियों ने बताया कि पिता का स्वभाव बेहद गुस्सैल था और अक्सर छोटी-छोटी बातों पर बेटी को डांटता-पीटता रहता था।
मंगलवार को भी इसी तरह का विवाद हुआ और उसने घर में मौजूद लोगों से कहा कि वह बेटी को “समझाने” ले जा रहा है। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह उसे हमेशा के लिए खत्म कर देगा।
वीडियो बना सबूत, आरोपी गिरफ्तार
घटना के बाद जब आरोपी घर लौटा, तो उसने किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन उसके मोबाइल से वीडियो का पता चलने पर पूरा मामला खुल गया। लड़की के भतीजे ने पुलिस को शिकायत दी, जिसमें उसने बताया कि उसके चाचा ने खुद वीडियो बनाकर यह बताया कि उसने अपनी बेटी को नहर में धक्का दे दिया है।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या की कोशिश (IPC 307), सबूत मिटाने (IPC 201) और बाल संरक्षण कानून (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया है और फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
तलाश में जुटी पुलिस और गोताखोर
घटना के बाद से ही प्रशासन ने बचाव और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। फिरोजपुर के नहर इलाके में गोताखोरों की टीम, स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की मदद से लगातार खोजबीन कर रही है। लेकिन नहर में तेज बहाव और गहराई के कारण अब तक सफलता नहीं मिल सकी है।
एसएसपी भूपिंदर सिंह ने बताया कि सर्च ऑपरेशन को और व्यापक किया गया है और नहर के अगले 10 किलोमीटर क्षेत्र में निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि लड़की का शव बरामद हो सके, ताकि परिवार को न्याय मिल सके।”
ग्रामीणों में आक्रोश, समाज में उठे सवाल
इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। आसपास के गांवों में लोग इस अमानवीय कृत्य से गुस्से में हैं। ग्रामीणों ने कहा कि चाहे बेटी से कोई गलती भी हुई होती, पिता को ऐसा कदम उठाने का कोई अधिकार नहीं था।
स्थानीय महिला संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। महिला अधिकार कार्यकर्ता हरप्रीत कौर ने कहा, “यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के उस बीमार मानसिकता का प्रतिबिंब है जो औरतों के चरित्र को ‘सम्मान’ के नाम पर नियंत्रित करना चाहती है। ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए ताकि कोई और पिता ऐसा कदम न उठाए।”
सम्मान हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति
फिरोजपुर की यह घटना देश में बढ़ती “ऑनर किलिंग” की प्रवृत्ति की एक और कड़ी है। पिछले कुछ वर्षों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां परिवारों ने “इज़्ज़त” के नाम पर बेटियों या बेटों की हत्या तक कर दी।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश में 65 से अधिक “ऑनर किलिंग” के मामले दर्ज किए गए, जबकि कई मामलों में सामाजिक दबाव या डर के कारण शिकायतें दर्ज ही नहीं होतीं।
सामाजिक विश्लेषकों का कहना है कि आज भी भारत के कई हिस्सों में महिलाओं के फैसले और उनकी स्वतंत्रता को लेकर गहरी रूढ़िवादी सोच कायम है। ऐसे में जब कोई लड़की परिवार की अपेक्षाओं से हटकर कुछ करती है, तो उसे ‘इज़्ज़त’ का सवाल बना दिया जाता है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही है। आरोपी को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस अपराध में कोई और व्यक्ति शामिल था या किसी ने आरोपी को उकसाया था।
जिला प्रशासन ने लड़की के परिवार के अन्य सदस्यों को मनोवैज्ञानिक सहायता देने की बात कही है, ताकि वे इस सदमे से उबर सकें। प्रशासन ने यह भी बताया कि अगर लड़की का शव बरामद होता है, तो पोस्टमॉर्टम के बाद सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने एक बड़ा सवाल छोड़ती है —
क्या “सम्मान” के नाम पर किसी बेटी की जान ली जा सकती है?
क्या पिता का प्यार इतना कमजोर हो गया है कि शक के आधार पर वह अपनी ही औलाद को मौत के घाट उतार दे?
फिरोजपुर की यह घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज के उन हिस्सों की सच्चाई भी उजागर करती है जहां लड़कियों की स्वतंत्रता को अपराध माना जाता है।