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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: संसद में आज मतदान, एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय

इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी चुनौती दे रहे हैं, शाम तक आएगा नतीजा

नई दिल्ली: देश के 17वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज संसद भवन में मतदान हो रहा है। मुकाबला एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन तथा इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा और वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू होगी। परिणाम आने के साथ ही देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद हो रहा है।


नंबर गेम में एनडीए का पलड़ा भारी

राजनीतिक समीकरण साफ तौर पर एनडीए के पक्ष में नजर आ रहे हैं। वर्तमान में राज्यसभा में 239 और लोकसभा में 542 सांसद हैं। यानी जीत के लिए कुल 391 वोट चाहिए।

  • एनडीए के पास अपने दम पर 425 सांसद हैं।
  • वाईएसआरसीपी के 11 सांसदों (राज्यसभा 7, लोकसभा 4) के समर्थन के बाद यह संख्या 436 तक पहुंच गई है
  • आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल भी एनडीए के पक्ष में वोट कर सकती हैं।

ऐसे में सी. पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, एनडीए किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है, क्योंकि अतीत में हुई क्रॉस वोटिंग कई बार समीकरण बिगाड़ चुकी है।


विपक्ष की रणनीति और उम्मीदें

विपक्ष गठबंधन इंडिया ब्लॉक जानता है कि उसके पास पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन उसने आस पूरी तरह छोड़ी नहीं है।

  • विपक्ष के पास लगभग 324 वोट हैं।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लगातार निर्दलीय सांसदों और छोटी पार्टियों से समर्थन की कोशिश कर रहे हैं।
  • विपक्ष का मानना है कि अगर क्रॉस वोटिंग होती है, तो जीत का अंतर 100 से घटकर 125 से कम रह सकता है।

पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव (2022) में जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार विपक्ष का दावा है कि मुकाबला इतना एकतरफा नहीं रहेगा।


किस पाले में कौन सी पार्टी?

  • वाईएसआरसीपी: एनडीए को समर्थन का ऐलान, 11 सांसद।
  • बीआरएस: मतदान से गैरहाजिर रह सकती है, क्योंकि तेलंगाना में मुस्लिम मतदाताओं को साधना चाहती है।
  • बीजेडी: एनडीए का समर्थन करने की संभावना, 7 सांसद।
  • आम आदमी पार्टी: एक सांसद (स्वाति मालीवाल) का झुकाव एनडीए की ओर।
  • अकाली दल, जेडपीएम, वीओटीटीपी: 1-1 सांसद, रुख स्पष्ट नहीं।
  • निर्दलीय सांसद: लोकसभा के सात निर्दलीयों में से तीन के वोट अभी भी अनिश्चित।

गुप्त मतदान और क्रॉस वोटिंग की संभावना

उपराष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान प्रणाली से होता है। इसमें यह सार्वजनिक नहीं होता कि किस सांसद ने किसे वोट दिया। यही वजह है कि क्रॉस वोटिंग की संभावना हमेशा बनी रहती है।

भारत के इतिहास में पहली बार 1998 में उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई थी। उसके बाद ‘ओपन बैलेट’ का नियम लाया गया, जिसमें विधायक को अपनी पार्टी के मुखिया को मत दिखाना होता है। बावजूद इसके, संसदीय चुनावों में क्रॉस वोटिंग पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई है।


नतीजों पर टिकी निगाहें

आज शाम तक साफ हो जाएगा कि देश का नया उपराष्ट्रपति कौन होगा। हालांकि, मौजूदा समीकरण एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष को उम्मीद है कि यदि आखिरी समय में क्रॉस वोटिंग हुई तो तस्वीर बदल सकती है।

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