
देहरादून में रविवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक, वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक सर्जन एवं पद्मश्री सम्मानित प्रो. डॉ. बी. के. एस. संजय को एम्स गुवाहाटी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर दून ऑर्थोपीडिक समिति ने एक भव्य समारोह में उनका सम्मान किया। समारोह शहर के एक प्रतिष्ठित होटल में आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेशभर के वरिष्ठ डॉक्टर, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं।
समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने इसे उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण बताया और भारत सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त किया। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. संजय को यह जिम्मेदारी सौंपकर सरकार ने वास्तव में “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास” की नीति को मूर्त रूप दिया है।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। दून ऑर्थोपीडिक समिति के अध्यक्ष ने स्वागत भाषण में कहा कि डॉ. संजय ने अपने चिकित्सा कौशल और सेवा भाव से न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनके नेतृत्व में एम्स गुवाहाटी चिकित्सा शिक्षा, शोध और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल करेगा।
समारोह के दौरान समिति के वरिष्ठ सदस्यों ने उन्हें अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न और पुष्पगुच्छ भेंट किए। डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी जब डॉ. संजय मंच पर आए।
प्रो. डॉ. बी.के.एस. संजय का नाम आज ऑर्थोपीडिक सर्जरी की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उन्होंने अपने करियर में हजारों जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए हैं और चिकित्सा जगत में कई नए आयाम स्थापित किए हैं।
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वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जो अपने आप में देश के लिए गौरव की बात है।
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उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है, जो देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक है।
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उन्होंने चिकित्सा शिक्षा और शोध के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कई रिसर्च पेपर और पब्लिकेशन उनके नाम दर्ज हैं, जिनका हवाला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिया जाता है।
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देश-विदेश की कई यूनिवर्सिटीज़ और मेडिकल संस्थान उन्हें लेक्चर और ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित करते रहे हैं।
डॉ. संजय हमेशा से मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज देने और समाज के पिछड़े वर्ग तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें न सिर्फ डॉक्टर बल्कि “मानवता का सच्चा सेवक” कहा जाता है।
भारत सरकार द्वारा उन्हें एम्स गुवाहाटी का अध्यक्ष नामांकित किया गया है। यह नियुक्ति न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे उत्तर-पूर्वी भारत के लिए ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
उत्तर-पूर्वी राज्यों में लंबे समय से बेहतर चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी महसूस की जाती रही है। ऐसे में डॉ. संजय का अनुभव और नेतृत्व निश्चित ही वहां के लिए वरदान साबित होगा। समिति के सभी सदस्यों ने विश्वास जताया कि उनके मार्गदर्शन में एम्स गुवाहाटी जल्द ही देश के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में शामिल होगा।
डॉ. संजय ने अपने संबोधन में कहा:
“यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड और मेरे सभी गुरुओं, सहकर्मियों और मरीजों का है जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। मुझे जो नई जिम्मेदारी मिली है, मैं पूरी निष्ठा और समर्पण से उसका निर्वहन करूंगा। मेरा लक्ष्य है कि एम्स गुवाहाटी न सिर्फ चिकित्सा सेवाओं में, बल्कि शिक्षा और शोध में भी देश और विदेश में अपनी अलग पहचान बनाए।”
कार्यक्रम में वक्ताओं ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस सोच और विश्वास के साथ यह जिम्मेदारी डॉ. संजय को सौंपी है, वह आने वाले समय में न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर उपस्थित डॉक्टरों ने डॉ. संजय को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की शुभकामनाएँ दीं। कई डॉक्टरों ने अपने संबोधन में कहा कि संजय जी की सादगी, समर्पण और कार्यशैली नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
कार्यक्रम में शामिल सामाजिक संगठनों ने भी अपने विचार रखे। मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन (NGO) द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर डॉ. संजय को सम्मानित किया गया। एनजीओ प्रतिनिधियों ने कहा कि समाज सेवा और स्वास्थ्य सेवा का जो आदर्श डॉ. संजय ने प्रस्तुत किया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक रहेगा।
देहरादून और उत्तराखंड की जनता के लिए यह क्षण गर्व से भरा था। स्थानीय लोगों का कहना था कि जब राज्य का कोई बेटा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करता है, तो यह पूरे समाज की उपलब्धि होती है।
एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा:
“डॉ. संजय ने साबित किया है कि यदि समर्पण और लगन हो तो कोई भी व्यक्ति दुनिया में अपनी अलग पहचान बना सकता है। आज हम सबको उन पर गर्व है।”
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। सभी ने उम्मीद जताई कि डॉ. बी.के.एस. संजय के नेतृत्व में न केवल एम्स गुवाहाटी, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएँ नई ऊँचाइयाँ छुएंगी।
उनकी दूरदृष्टि और मानवीय दृष्टिकोण से चिकित्सा शिक्षा, शोध और रोगी सेवाओं का स्तर और भी ऊँचा होगा। उत्तराखंड के इस गौरवपुत्र से देश को बहुत उम्मीदें हैं।