
देहरादून, 13 जुलाई 2025 (सू.वि.) — ऋण का बीमा होने के बावजूद आश्रित परिवारों को मानसिक उत्पीड़न और आर्थिक परेशानी देने वाले बैंकों पर जिला प्रशासन ने सख़्त कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बुधवार को दो बैंकों के प्रबंधकों के खिलाफ बड़ी वित्तीय कार्यवाही करते हुए लाखों रुपये की आरसी जारी कर दी।
यह कार्रवाई विशेष रूप से उन मामलों में की गई है, जहां पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद बीमा राशि से ऋण माफ़ करने की बजाय बैंक आश्रितों से जबरन वसूली कर रहे थे। डीएम का यह निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली से प्रेरित प्रशासनिक सख़्ती और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण माना जा रहा है।
पहला मामला: एचडीएफसी बैंक
जीवनगढ़ क्षेत्र की निवासी उर्मिला देवी ने डीएम से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि उनके पति महिपाल सिंह ने वर्ष 2022 में एचडीएफसी बैंक से ऋण लिया था, जिसका बीमा भी कराया गया और प्रीमियम का भुगतान समय पर किया गया। दुर्भाग्यवश पति का निधन हो गया, लेकिन बैंक ने बीमा कंपनी से क्लेम करने की बजाय उनसे वसूली शुरू कर दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत संज्ञान लिया और एचडीएफसी बैंक प्रबंधक के खिलाफ ₹12.74 लाख की आरसी जारी की।
दूसरा मामला: कैनफिन होम्स लिमिटेड
दूसरी पीड़िता माला देवी, जिनके दो छोटे बेटे हैं, ने बताया कि उनके पति उदय शंकर ने कैनफिन होम्स लिमिटेड से ₹20 लाख का ऋण लेकर मकान खरीदा था। ऋण का बीमा और ₹12.22 लाख की किस्तों का भुगतान होने के बावजूद, 20 जनवरी 2025 को पति के निधन के बाद भी न तो बैंक और न ही बीमा कंपनी ने क्लेम की प्रक्रिया शुरू की।
परिवार को मकान के दस्तावेज सौंपने की बजाय उन्हें परेशान किया जा रहा था, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही थी। इस पर डीएम ने कैनफिन होम्स लिमिटेड, जीएमएस रोड शाखा के प्रबंधक पर ₹22 लाख की आरसी काट दी।
“कभी भी हो सकता है सील, नीलामी और संचालन बंद”
डीएम सविन बंसल ने साफ़ चेतावनी दी कि यदि बैंकों ने भविष्य में इस तरह का उत्पीड़न किया तो उनकी शाखाओं को सील करने, संपत्ति नीलाम करने और संचालन बंद करने जैसी कठोर कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा—
“निर्बल, असहाय और पीड़ित परिवारों का शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऋण बीमा का उद्देश्य ही संकट की घड़ी में परिवार को आर्थिक सहारा देना है, न कि उन्हें और परेशान करना।”
जिला प्रशासन की आक्रामक नीति
हाल के महीनों में जिलाधिकारी द्वारा ऐसे कई मामलों में सख़्त कदम उठाए गए हैं। प्रशासन की इस आक्रामक नीति से न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय मिल रहा है, बल्कि बैंकों में भी भय का माहौल है। बावजूद इसके, नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिन पर प्रशासन लगातार नकेल कस रहा है।
डीएम के इन निर्णयों से संदेश साफ है — जनमानस को उनका अधिकार दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और जो भी संस्था या व्यक्ति असहायों का शोषण करेगा, उसके खिलाफ तुरंत कठोर कार्रवाई होगी।