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नई दिल्ली : मेक इन इंडिया की जो बात की, वह एक अच्छा आइडिया है, लेकिन वे असफल रहे हैं

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी  ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था. साथ ही उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया की जो बात की, वह एक अच्छा आइडिया है, लेकिन वे असफल रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने महाराष्‍ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया तो चीन के साथ भारत की तुलना भी की.

संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी  ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था. साथ ही उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया की जो बात की, वह एक अच्छा आइडिया है, लेकिन वे असफल रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने महाराष्‍ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया तो चीन के साथ भारत की तुलना भी की.

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ की जो बात की, वह एक अच्छा आइडिया है. परिणाम आपके सामने है, साल 2014 में विनिर्माण जीडीपी 15.3 फीसदी से गिरकर आज जीडीपी के 12.6 फीसदी पर आ गया है, जो 60 वर्षों में विनिर्माण का सबसे कम हिस्सा है. मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा हूं, यह कहना उचित नहीं होगा कि उन्होंने प्रयास नहीं किया. मैं कह सकता हूं कि प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे हैं.”

राहुल गांधी ने कहा, “मैंने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना. मुझे कहना चाहिए कि मैंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए संघर्ष किया, जो कहा जा रहा था, मैंने पहले भी लगभग यही अभिभाषण सुना है, यह वही चीजें हैं, जो सरकार ने की हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यह राष्ट्रपति का वह अभिभाषण नहीं है, जिसकी मुझे उम्मीद थी. मेरे मन में सवाल आया कि ‘इंडिया गठबंधन’ की सरकार होती तो राष्ट्रपति का अभिभाषण कैसा होता. इस देश का भविष्य भारत के युवाओं द्वारा तय किया जाएगा. मुझे लगता है कि हम जो भी कहें, वह युवाओं को ध्यान में रखकर ही कहना चाहिए. हमारे सामने सबसे पहली बात यह है कि भले ही हम आगे बढ़े हैं और आगे भी बढ़ रहे हैं, लेकिन हम बेरोजगारी की सार्वभौमिक समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं. न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने इस देश के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब दिया है.”

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, “लोग एआई के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि एआई अपने आप में बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि एआई डेटा के ऊपर काम करता है. डेटा के बिना एआई का मतलब कुछ भी नहीं है और अगर हम आज डेटा को देखते हैं, तो एक बात है जो बहुत स्पष्ट है. प्रत्येक डेटा का एक टुकड़ा जो विश्व में उत्पादन प्रणाली से बाहर आता है. इस डेटा का फोन को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो कि इलेक्ट्रिक कारों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “आज धरती पर मूल रूप से सभी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला डेटा चीन के स्वामित्व में है. जबकि, खपत डेटा संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वामित्व में है. इस क्षेत्र में चीन, भारत से कम से कम 10 साल आगे है. चीन पिछले 10 सालों से बैटरी, रोबोट, मोटर, ऑप्टिक्स पर काम कर रहा है और हम पीछे हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी बैंकिंग प्रणाली पर दो-तीन कंपनियों द्वारा कब्जा न की जाए, जो मूल रूप से आपको उत्पादन प्रणाली बनाने की अनुमति नहीं देती हैं.”

राहुल गांधी ने विदेश नीति पर बात करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री को बुलाने के न्यौते के लिए अपने विदेश मंत्री को अमेरिका नहीं भेजते. इस पर किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. इसके बाद राहुल ने माफी मांगते हुए कहा कि विचलित हुए तो माफी मांगता हूं.

भारतीय विदेश मंत्री के अमेरिकी दौरे को लेकर राहुल गांधी ने कहा, ‘हम प्रोडक्‍शन में बहुत पीछे हैं, इसी का परिणाम है कि हम अपने प्रधानमंत्री को बुलाने का न्योता लाने अमेरिका नहीं भेजते. अमेरिका के राष्‍ट्रपति यहां हमारे प्रधानमंत्री को बुलाने खुद आते हैं.’

राहुल गांधी के इतने कहने पर किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई और कहा कि लीडर ऑफ अपोजिशन को कुछ जिम्‍मेदारी से अपनी बात कहनी चाहिए. विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. यह गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है. राहुल गांधी के पास अगर इसके बारे में कोई ठोस जानकारी है, तो उसे सामने रखें.

इस पर राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को तीन बार अमेरिका भेजा गया. इस सवाल से अगर आप परेशान हुए, तो मैं माफी चाहता हूं. मुझे माफ कीजिएगा.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, मुझे याद है कि चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) ‘400 पार’ कह रहे थे और कह रहे थे कि आप इसे (संविधान का हवाला देते हुए) बदल देंगे. फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और फिर उन्हें संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा. यह सभी कांग्रेसियों के लिए गर्व का क्षण था. मुझे पता है कि आरएसएस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली. उन्होंने कहा है कि यह निरर्थक है. हम आपके सपने को कभी पूरा नहीं होने देंगे. यह संविधान हमेशा भारत पर राज करने वाला है.”

राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच की कुछ महीनों की अवधि में ही राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर मतदाताओं की संख्या बढ़ गई और ऐसे में निर्वाचन आयोग को प्रदेश के विपक्षी दलों को मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए. उन्‍होंने कहा कि वह आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन आयोग को इस पर जवाब देना चाहिए.

राहुल गांधी ने कहा मैं इस सदन का ध्यान महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े कुछ डेटा की ओर खींचना चाहता हूं. लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच, हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या के बराबर लोगों को महाराष्ट्र की मतदान सूची में जोड़ा गया. लगभग 70 लाख नए वोटर अचानक आ गए.”

उनका कहना था कि महाराष्ट्र में जितने वोटर पांच साल में नहीं जुड़े, उससे ज्यादा वोटर पांच महीने में जुड़ गए. राहुल ने दावा किया, ‘‘शिरडी की एक इमारत में 7,000 वोटर जोड़े गए…दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जुड़े जहां भाजपा को बढ़त मिली.”

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