
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल करने की बात कही है। वे नीति आयोग की 27 जुलाई को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुकी है। ममता बनर्जी ने बीजेपी को ‘‘टुकड़े-टुकड़े मंच’’ करार दिया और कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण उत्पन्न स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि वह पड़ोसी देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संधि के अनुसार यदि शरणार्थी सीमा पर आते हैं तो उनके राज्य को उन्हें आश्रय देना होगा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने सरकार तो बना ली है, लेकिन उनके पास जनादेश नहीं है। 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब उन्होंने एकल पार्टी की सरकार नहीं बनाई है।’’ बनर्जी ने कहा कि अपनी ‘‘मजबूरियों’’ के कारण, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने ‘‘राजनीतिक रूप से बहुत पक्षपाती बजट’’ पेश किया है, जिसने विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों को उनके अधिकारों से ‘‘वंचित’’ कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि कम से कम एक साझा मंच पर इस आवाज को उठाना मेरा कर्तव्य है, हालांकि मुझे पता है कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘जब से नीति आयोग की योजना बनी, मैंने एक भी काम होते नहीं देखा है, क्योंकि उसके पास कोई शक्ति नहीं है।