
कांग्रेस ने नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के बाद राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की नौकरशाही में फेरबदल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदारी दूसरों पर डालने के बजाय सरकार के शीर्ष नेतृत्व को खुद लेनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को एक स्वायत्त निकाय बताया गया लेकिन असल में इसे भारतीय जनता पार्टी/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘‘कुटिल हितों’’ को पूरा करने के लिए बनाया गया। उन्होंने ‘एक्स’ में एक पोस्ट में कहा, ‘‘नीट घोटाले की जिम्मेदारी मोदी सरकार के शीर्ष नेतृत्व को लेनी चाहिए। नौकरशाही में फेरबदल करना भाजपा द्वारा बर्बाद की गयी शिक्षा प्रणाली की समस्या का समाधान नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने शनिवार को एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी। शिक्षा मंत्रालय ने नीट-पीजी परीक्षा भी स्थगित कर दी है जो हाल के दिनों में स्थगित होने वाली चौथी प्रतिस्पर्धी परीक्षा है। खरगे ने कहा कि नीट-पीजी परीक्षा स्थगित कर दी गयी है और पिछले 10 दिनों में सभी चार परीक्षाएं या तो रद्द कर दी गयीं या स्थगित कर दी गयीं।