
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दावा किया है कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब गांधी परिवार शराब घोटाले बाजों के लिए वोट करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि यह वह परिवार है जो राम मंदिर में भी खोट निकालता है. टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि भाई-बहन में आंतरिक कलह का नतीजा है कि राहुल गांधी को रायबरेली आना पड़ा. इन्हीं के कलह की वजह से कांग्रेस का कुनबा डूब रहा है. स्मृति ईरानी ने कहा कि चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही राहुल गांधी परिवार ने हार मान ली है, बोरिया बिस्तर बांध लिया है. इस सीट का और इस निर्णय पर पहुंचे होंगे कि न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि परिवार का कोई भी सदस्य अगर यहां से लड़ता हो तो चुनाव हार जाएगा. जो 50 साल से परिवार का गढ़ रहा है वहां पर 2019 में हमने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हराया. भारत की राजनीति में कभी भी सिटिंग कांग्रेस के प्रेसिडेंट को किसी ने नहीं हराया और दूसरा इतिहास तब रचा गया जब उन्होंने सीट छोड़ दी. आज मैं बहुत विनम्रता के भाव से बोल रही हूं कि इतिहास मिटाए नहीं जा सकते है.
मुझे लगता है कि यह राजनीति में विशेषज्ञों के लिए चर्चा का विषय होना चाहिए. अगर उन्हें वायनाड से ही लड़ना था तो उन्हें रायबरेली से पर्चा नहीं भरना चाहिए था क्योंकि अगर दोनों सिटी जीत रहे तो एक सीट पर चुनाव करना पड़ेगा. ऐसे में तो चुनाव तो टैक्स पेयर के पैसे से होता है. पूरी की पूरी मशीनरी जो है वह मात्र और चुनाव पर ही नहीं आ सकती है. जनता का काम उस क्षेत्र में कुछ समय के लिए थम सा जाता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस की छवि धूमिल हो रही है. आज कांग्रेस में कोलाहल है और लोग यह भी कह रहे हैं कि एक दूसरे को निपटाने की कवायद चल रही है. वह अपना पूरा का पूरा किला गिरा रहे हैं. जैसे कि मैंने कहा कि आप सोचिए एक परिवार का सदस्य चीख चीख कर पूरे देश को बता रहा है कि वह चुनाव लड़ना चाहता है. एक परिवार का सदस्य कहता है कि क्षेत्र के लिए समय नहीं है. मैं देश भर में बहुत घूम रहा हूं. तो आप अपना गढ़ मानते हुए यहां बैठ जाते हैं. निश्चित रूप से उस परिवार में खींचतान है जिसकी चर्चा उन्हीं के जनप्रतिनिधि, उन्हीं के नेता उन्हीं के सहयोगी कर रहे हैं. यह हम नहीं कर रहे हैं.