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एक बार ‘CM शरणम गये’ तो फिर वहीं के होकर रह गए IAS वी.के. पांडियन, जानिए पूरी खबर

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ओडिशा: IAS अधिकारी वी.के. पांडियन सीएम नवीन पटनायक के निजी सचिव के पद पर कार्यरत थे. वह 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय ने तैनात हुए और वह तब से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव रहे. वहीं पद से हटने के बाद पूर्व आईएएस अधिकारी को कैबिनेट मंत्री की दर्जा दिया गया है और 5टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह सीएम के सबसे करीबी माने जाते हैं. राज्य में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री के बेहद करीबी सहयोगी माने जाने वाले पूर्व आईएएस पांडियन अक्सर विवादों में भी रहे हैं. विपक्षी दलों का पांडियन पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक लाभ पाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.

ओडिशा सरकार के प्रशासनिक विभाग को लिखे एक पत्र में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने कहा कि पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित नोटिस अवधि की छूट के साथ स्वीकार कर लिया गया है. वहीं वीआरएस लेने के बाद राज्य में इस बात की भी चर्चा हो रही है कि वह मौजूदा सीएम के राजनीतिक वारिस हो सकते हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर उनके 10 लाख के करीब फॉलोअर्स वाले पांडियन ओडिशा कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 49 वर्षीय पांडियन तमिल हैं और पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. इन्होंने ओडिशा कैडर की आईएएस अधिकारी सुताजा रौत से शादी की है. शादी के बाद उनकी मांग पर उनका कैडर बदलकर ओडिशा कर दिया गया. उन्हें 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर के पद पर तैनात किया गया था. उन्हें 2005 में मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया था और फिर 2007 में पांडियन को गंजम का जिलाधिकारी बनाया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गंजम में तैनाती के दौरान ही वह सीएम के करीबी बन गए थे.

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