लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को स्थानांतरण नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी है। इसमें समूह क और ख के उन अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाएंगे, जिन्होंने जिले में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं। स्थानांतरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जाएगी। स्थानांतरण सत्र के बाद अब समूह क के साथ ही समूह ख के कार्मिकों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेकर ही हो सकेंगे। इस फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यह भी बताया कि स्थानांतरण सत्र में किसी भी तरह के तबादले विभागीय मंत्री की मंजूरी से ही होंगे।
समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग व घ के कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक की सीमा तक ही किए जा सकेंगे। समूह ग व घ के संवर्गवार 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किए जा सकेंगे। इसके तहत सर्वाधिक समय से कार्यरत कार्मिकों के स्थानांतरण प्राथमिकता पर किए जाएंगे।
साथ ही स्थानांतरण नीति में कहा गया है कि समूह ग के कार्मिकों के पटल या क्षेत्र परिवर्तन के लिए 13 मई 2022 को जारी शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट आधारित ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किए जाने की व्यवस्था की गई है।