
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा में कथित रूप से चयन का दावा करने वाले दो उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए थे. यह मामला आयशा मकरानी,मध्य प्रदेश से और तुषार हरियाणा से संबंधित है, इन दोनों ने फर्जी तरीके से दावा किया है कि आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 में वास्तव में अनुशंसित उम्मीदवारों के दो रोल नंबर के विरूद्ध चयन के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई है.
यूपीएससी द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, ‘‘दोनों व्यक्तियों के दावे झूठे हैं. उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं.” बयान में यह भी कहा गया है कि “ऐसा करके, मकरानी और तुषार दोनों ने केंद्र सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
बयान में कहा गया है कि, इसलिए परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है. बयान में कहा गया, ‘‘यूपीएससी की प्रणाली मजबूत होने के साथ-साथ पूरी तरह चाक चौबंद है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं.”