UP: बागपत के ढाबे में रोटी पर थूकने का वीडियो वायरल, आरोपी गिरफ्तार; ओडिशा में भी शर्मनाक हरकत की जांच
उत्तर प्रदेश और ओडिशा में सामने आए दो अलग-अलग मामले, पुलिस कर रही जांच

नई दिल्ली/बागपत/गजपति: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक ढाबे पर रोटी बनाते समय उस पर थूकने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वहीं, ओडिशा के गजपति जिले में एक जूनियर इंजीनियर को कथित तौर पर “मूत्र मिला पानी” दिए जाने के मामले ने भी हड़कंप मचा दिया है। दोनों मामलों में जांच जारी है और संबंधित विभागों व अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है।
बागपत में वायरल वीडियो के बाद कार्रवाई
बागपत के खेकड़ा थाना क्षेत्र के पाठशाला रोड स्थित एक ढाबे पर रोटी तैयार करते हुए एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह रोटी पर थूकता हुआ दिख रहा है। वीडियो के संज्ञान में आने के बाद खेकड़ा के पुलिस क्षेत्राधिकारी रोहन चौरसिया ने मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।
आरोपी की पहचान अनस निवासी बागपत के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
ओडिशा में इंजीनियर को कथित रूप से दी गई “मूत्र मिली” पानी की बोतल
एक अलग मामले में ओडिशा के गजपति जिले में ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग (RWSS) के कार्यालय में हाल ही में नियुक्त एक जूनियर इंजीनियर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, 23 जुलाई को उसे कार्यालय के एक सहायक द्वारा ऐसी पानी की बोतल दी गई, जिसमें कथित तौर पर मानव मूत्र मिला हुआ था।
जूनियर इंजीनियर ने आर.उदयगिरी थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने संबंधित सहायक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सहायक का कहना है कि उसने पानी प्यूरीफायर से भरकर बोतल रखी थी, लेकिन इसके बाद क्या हुआ, इसकी जानकारी उसे नहीं है।
गजपति के पुलिस अधीक्षक जतिंद्र कुमार पांडा ने जानकारी दी कि कथित दूषित बोतल को जब्त कर जांच के लिए लैब भेजा गया है। दोनों संबंधित व्यक्तियों के सैंपल भी लिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया कोई ठोस सबूत न मिलने पर अभी गिरफ्तारी नहीं की गई है।
सवाल उठते हैं सिस्टम की निगरानी पर
ये दोनों घटनाएं देश के अलग-अलग राज्यों में हुई हैं लेकिन एक सवाल खड़ा करती हैं — सार्वजनिक सेवाओं और खाने-पीने की वस्तुओं की शुद्धता को लेकर निगरानी व्यवस्था कितनी कारगर है? जहां बागपत की घटना भोजन से जुड़ी ज़िम्मेदारी और साफ-सफाई के सवाल उठाती है, वहीं ओडिशा की घटना कार्यस्थल की गरिमा और कर्मचारी सुरक्षा पर गंभीर सवाल छोड़ जाती है।