अमित शाह ने आज गुजरात के साणंद में शेला तालाब के पुनर्रूद्धार कार्य का शिलान्यास भी किया
नरेन्द्र मोदी ने दस–बारह सालों में दूरदर्शिता दिखाते हुए पानी के संकट को दूर करने का काम किया है
नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत तालाब बनाने की शुरुआत की है और इनके माध्यम से जल संचय होगा जिससे अनेक पीढ़ियों तक पूरे गुजरात की प्यास बुझा पाएंगे
यहां अतिरिक्त पानी जमा होगा और लैंड जोन, पब्लिक पार्क जोन में कई नई सुविधाएं होंगी, वृक्ष लगाए जाएंगे, इनफ्लो और आऊटफ्लो की डिजाइन में सीटी स्ट्रोम वाटर मैनेजमेंट को भी एकीकृत करके पूरे क्षेत्र में फ्लड कंट्रोलिंग डिवाइस भी लगाई जाएगी और ओवरफ्लो पॉइंट पर भूगर्भ जल के रिचार्ज की भी व्यवस्था की गई है
सरकार की ओर से गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं और कई उद्योग और कॉर्पोरेट इनमें मदद कर रहे हैं
अहमदाबाद और साणंद की बात करें तो यहां पर 4094 गर्भवती महिलाओं को हर 15 दिन में खाने के लिए पौष्टिक लड्डू देने की शुरुआत की गई है जिससे इन महिलाओं को पोषण मिलने के साथ जन्म लेने वाला बच्चा भी तंदुरुस्त होगा
इस योजना से माताओं में हीमोग्लोबिन की कमी के मामलों में 54 प्रतिशत और बच्चों में कम वजन के मामलों में 57 प्रतिशत
की कमी आई है
साणंद में आयुष्मान से लेकर, विधवा सहायक योजना और वृद्ध सहायक योजना के साथ-साथ कई और योजनाओं के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा सर्वेक्षण किया गया
केवल साणंद क्षेत्र में ही 75000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया है
साणंद विधानसभा क्षेत्र में 54536 लोगों को आयुष्मान भारत योजना कार्ड दिया गया है और पीएमकेवाई योजना के अंतर्गत 145 सरकारी अस्पताल और 110 प्राइवेट अस्पताल जुड़े हुए हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में जिस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की शुरुआत की और गुजरात के मुख्यमंत्री ने उनकी सभी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाया है, उसका परिणाम हमें दिख रहा है
गुजरात में नरेन्द्र मोदी जी के अनेक सालों तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक ऐसी व्यवस्था खडी हुई कि गुजरात के नागरिकों का काम सरकार स्वंय पूरा कर देती थी और यही लोकतंत्र का आदर्श उदाहरण है
पिछली सरकारों के राज में हमने देखा था कि योजनाएं सिर्फ़ क़ाग़ज़ पर ही रहीं
नरेन्द्र मोदी ने आठ साल मे हर घर में गैस का चूल्हा दिया, शौचालय पहुंचाया, हर गरीब के घर में बैंक खाता पहुंचाया, बिजली पहुंचाई और अब हर गरीब के घर में शुद्ध पीने का पानी पहुंच रहा है
नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले आठ सालों में गरीबों का जीवनस्तर ऊपर लाने के लिए अनेक योजनाएं ज़मीन पर उतारीं
पिछली सरकारों के राज में ग़रीबों तक कुछ भी नहीं पहुंचता था, लेकिन आज मोदी जी ने देश के करोडो लोगों तक इन सभी योजनाओं को पहुंचाया और इस नीति की शुरूआत उन्होंने गुजरात से की
ये गुजरात मॉडल देशभर में चर्चा में रहा और उसके कारण ही देश की जनता ने देश का शासन नरेन्द्र मोदी जी को सौंपा
आज मोदी जी ने समग्र देश के अंदर दूरदृष्टि, काम करने की शक्ति और परिवर्तन कैसे होता है उसका आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है
आज गुडा की चार परियोजनाएँ 81 करोड रूपए की और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की 15 परियोजनाएँ 193 करोड रुपए की, कुल 274 करोड रुपए के कामों की शुरूआत हो रही है
71 करोड के खर्च से गुडा भवन का निर्माण, 38 करोड के खर्च से 240 लोगों को मिडल इन्कम ग्रुप-1 के घर देना, 20 करोड से अडालज में नर्मदा का शुद्ध पानी पहुँचाने का काम हुआ है
13.52 करोड से सीवरेज नेटवर्क बिछाना, 34 करोड के खर्च से शुद्ध पानी और टैंक उपलब्ध कराना, 12 करोड के खर्च से झुंडाल गाँव तल के हिस्से में जल आपूर्ति का नेटवर्क डालना, 5.66 करोड से अमियापुर, झुंडाल, सुघड में गटर लाईन बिछाने का काम हो रहा है
4 करोड से सुघड गाँव तल में सिवरेज योजना, 6 करोड के खर्च से अमियापुर, झुंडाल और सुघड में पंम्पिग स्टेशन, 21 करोड से बडी गटर लाईन डालना, 3 करोड से कोटेश्वर गाँव तल में सीवरेज की योजना, 13 करोड से पंम्पिग स्टेशन, 22 करोड से कोटेश्वर, भाट, सुघड में पानी पहुँचाना और 20 करोड से पूरे खोरज में पंम्पिग स्टेशन का निर्माण कार्य
लगभग पिछले 3 साल में गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के 7 विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 8,624 करोड रूपए के काम गुजरात सरकार, कॉर्पोरेशन और जिला पंचायत द्वारा पूर्ण किए गए हैं
एक लोकसभा क्षेत्र के अंदर लगभग 8,624 करोड के काम, घाटलोडीया में 1984 करोड के काम, नारणपुरा में 1300 करोड के काम, वेजलपुर में 561 करोड के काम, साबरमती मे 634 करोड के काम, साणंद में 788 करोड के काम, गांधीनगर उत्तर में लगभग 2857 करोड के काम हुए हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने जो भी योजनाएं बनाईं उन्हें गुजरात सरकार ने नीचे तक पहुँचाने का काम किया है
चाहे कोरोनाकाल में किट वितरण हो, मास्क वितरण हो, ऑक्सीजन प्लान्ट लगाने हों या फिर हर एक व्यक्ति को वैक्सीन देनी हो
गरीब लोगों को दो साल तक हर व्यक्ति को पांच किलो अनाज मुफ्त में देने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है
नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आजादी के अमृत महोत्सव में पूरा देश दिन दोगुनी, रात चौगुनी प्रगति कर रहा है
चाहे सुरक्षा हो, अर्थतंत्र मजबूत करना हो, उद्योग लगाने हों, नई शिक्षा नीति लानी हो, शिक्षा को नीचे तक पहुँचाना हो, स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक योजनाओं से इन्फास्ट्रक्चटर के काम करने हों
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के साणंद में शेला तालाब के पुनर्रूद्धार कार्य का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर शाह ने कहा कि आज शेला गांव में लगभग साढ़े पांच हैक्टेयर के तालाब को पुनर्जीवित करके उसे लोगों के लिए उपयोगी बनाने के काम का भूमि पूजन हुआ है और इस तालाब को अगर संभालकर रखेंगे तो दशकों तक इस क्षेत्र को इससे लाभ होगा। नरेन्द्र मोदी जी ने दस-बारह सालों में दूरदर्शिता दिखाते हुए पानी के संकट को दूर करने का काम किया है। चाहे नर्मदा का पानी लाना हो, लाखों की संख्या में चेक डेम बनाने हों, नर्मदा के पानी से दस हजार नदी या तालाब भरने हों, सौनी योजना के माध्यम से तरस रहे सौराष्ट्र को पानी पहुंचाना हो या फिर भूगर्भ जल के संरक्षण के लिए सरकारी बजट देना हो, मोदी जी ने सभी के लिए कई प्रयास किए हैं और साथ ही समाज को जोड़ने का कार्य भी किया है। सभी सरकारी, धार्मिक संस्थाओं, उद्योगों, एनजीओ आदि को जोड़कर गुजरात को हरित प्रदेश बनाने का कार्य नरेंद्र मोदी जी ने किया है। आज गुजरात के विकास के लिए यदि कोई बड़ी संभावना है तो वह पानी है और इतना बड़ा परिवर्तन नरेंद्र मोदी ने दस-बारह साल में किया है।
अमित शाह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज जिस तालाब का पुनर्निमाण होने वाला है, उस तालाब को किसी ने तो बनाया ही होगा। लेकिन उसकी देखरेख नहीं की गई। गुजरात के गांव-गांव में तालाब बनवाए गए लेकिन हमने ध्यान नहीं दिया और उसके कारण वह तालाब मिट्टी और कचरे से भर गए। लेकिन चाहे कितना भी पानी आ जाए, उससे समस्या का अंत नहीं होगा क्योंकि जनसंख्या बढ़ती ही रहेगी। अब यह सारी जनसंख्या को कहां से पानी मिलेगा और इसीलिए नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत तालाब बनाने की शुरुआत की है।
75 अमृत तालाब और उसके माध्यम से जल संचय होगा जिससे अनेक पीढ़ियों तक पूरे गुजरात की प्यास बुझा पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें 75 नहीं बल्कि 80 तालाब बनाने हैं।
शाह ने कहा कि यहां अतिरिक्त पानी जमा होगा और लैंड जोन, पब्लिक पार्क जोन में कई नई सुविधाएं होंगी, वृक्ष लगाए जाएंगे, इनफ्लो और आऊटफ्लो की डिजाइन में सीटी स्ट्रोम वाटर मैनेजमेंट को भी एकीकृत करके पूरे क्षेत्र में फ्लड कंट्रोलिंग डिवाइस भी लगाई जाएगी और ओवरफ्लो पॉइंट पर भूगर्भ जल के रिचार्ज की भी व्यवस्था की गई है। यहां पर योग्य वनस्पति प्राणी और पक्षियों की सही देखभाल करने की व्यवस्था की गई है। मियाबाकी पद्धति से प्लांटेशन करके एक छोटा सा सुंदर वन शुरू करने की भी यहां पर व्यवस्था की जाएगी, जिसकी वजह से आसपास का तापमान कम रहेगा। खेतों के लिए बायोमास प्रोसेसिंग और कलेक्शन जोन शुरू होंगे। यहां लोगों के लिए शेड वाली बैठने की व्यवस्था और पिकनिक सेंटर भी बनाए जाएंगे। युवाओं और बच्चों के लिए खेल-कूद के साधन रखकर उनके स्वास्थ्य की देखभाल की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी यहां एक एरिया बनेगा, व्यायाम और योगा के लिए आउटडोर जिम्नेज़ियम बनेगा। पर्याप्त लाइटिंग होगी और खाने-पीने की भी यहां पर्याप्त व्यवस्था करके इस तालाब के सौंदर्यीकरण को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं और कई उद्योग और कॉर्पोरेट इनमें मदद कर रहे हैं। इसी प्रकार अगर अहमदाबाद और साणंद की बात करें तो यहां पर 4094 गर्भवती महिलाओं को हर 15 दिन में खाने के लिए पौष्टिक लड्डू देने की शुरुआत की गई है। इससे इन महिलाओं को पोषण मिलने के साथ जन्म लेने वाला बच्चा भी तंदुरुस्त होगा। इसके लिए एक सर्वे भी हुआ है, जिसमें पता चला है कि माताओं में हीमोग्लोबिन की कमी के मामलों में 54 प्रतिशत और बच्चों में कम वजन के मामलों में 57 प्रतिशत की कमी आई है। साणंद में आयुष्मान से लेकर, विधवा सहायक योजना और वृद्ध सहायक योजना के साथ-साथ कई और योजनाओं के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा सर्वेक्षण किया गया। केवल साणंद क्षेत्र में ही 75000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इन योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। साणंद विधानसभा क्षेत्र में 54536 लोगों को आयुष्मान भारत योजना कार्ड दिया गया है। इन लाभार्थियों को इलाज करवाने के लिए एक पैसा भी खर्च करने की जरूरत नहीं है। पीएमकेवाई योजना के अंतर्गत 145 सरकारी अस्पताल और 110 प्राइवेट अस्पताल जुड़े हुए हैं। हमारे सभी प्राथमिक आरोग्य केंद्रों का अपग्रेडेशन हो रहा है। साणंद क्षेत्र में अलग-अलग संस्थाओं के सहयोग से रक्त के सभी टेस्ट के लिए मोबाइल लेबोरेट्री की शुरुआत की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में जिस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की शुरुआत की और गुजरात के मुख्यमंत्री ने उनकी सभी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाया है, उसका परिणाम हमें दिख रहा है।
साणंद विधानसभा क्षेत्र में गरीबों को दो साल तक हर महीने पांच किलो अनाज देने की योजना नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू की और भूपेंद्र पटेल ने उस पर अमल किया है।
अमित शाह ने कहा कि किसानों को 6000 रुपए हर साल देने की योजना और प्राकृतिक खेती के लिए भी कलेक्टर और बीडीओ ने साणंद और बावला तहसील को गोद लिया है। लोगों में जागरुकता फैलाकर फर्टिलाइजर के इस्तेमाल के बिना खेती करने के लिए योजना बनाई गई है।
इससे पहले, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर में शहरी विकास प्राधिकरण और महानगर पालिका के 274 करोड़ रूपयों की लागत के अनेक विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी जी के अनेक सालों तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक ऐसी व्यवस्था खडी हुई कि गुजरात के नागरिकों का काम सरकार स्वंय पूरा कर देती थी और यही लोकतंत्र का आदर्श उदाहरण है। श्री शाह ने कहा कि पिछली सरकारों के राज में हमने देखा था कि योजनाएं सिर्फ़ क़ाग़ज़ पर ही रहीं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आठ साल मे हर घर में गैस का चूल्हा दिया, शौचालय पहुंचाया, हर गरीब के घर में बैंक खाता पहुंचाया, बिजली पहुंचाई और अब हर गरीब के घर में शुद्ध पीने का पानी पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले आठ सालों में गरीबों का जीवनस्तर ऊपर लाने के लिए अनेक योजनाएं ज़मीन पर उतारीं। पिछली सरकारों के राज में ग़रीबों तक कुछ भी नहीं पहुंचता था, लेकिन आज मोदी जी ने देश के करोडो लोगों तक इन सभी योजनाओं को पहुंचाया और इस नीति की शुरूआत उन्होंने गुजरात से की। श्री शाह ने कहा कि गुजरात का ये मॉडल देशभर में चर्चा में रहा और उसके कारण ही देश की जनता ने देश का शासन श्री नरेन्द्र मोदी जी को सौंपा। आज मोदी जी ने समग्र देश के अंदर दूरदृष्टि, काम करने की शक्ति और परिवर्तन कैसे होता है उसका आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।
अमित शाह ने कहा कि आज गुडा की चार परियोजनाएँ 81 करोड रूपए की और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की 15 परियोजनाएँ 193 करोड रुपए की, कुल 274 करोड रुपए के कामों की शुरूआत हो रही है। 71 करोड के खर्च से गुडा भवन का निर्माण, 38 करोड के खर्च से 240 लोगों को मिडल इन्कम ग्रुप-1 के घर देना, 20 करोड से अडालज में नर्मदा का शुद्ध पानी पहुँचाने का काम हुआ है। 13.52 करोड से सीवरेज नेटवर्क बिछाना, 34 करोड के खर्च से शुद्ध पानी और टैंक उपलब्ध कराना, 12 करोड के खर्च से झुंडाल गाँव तल के हिस्से में जल आपूर्ति का नेटवर्क डालना, 5.66 करोड से अमियापुर, झुंडाल, सुघड में गटर लाईन बिछाने का काम हो रहा है। इसके अलावा 4 करोड रूपए की लागत से सुघड गाँव तल में सिवरेज योजना, 6 करोड के खर्च से अमियापुर, झुंडाल और सुघड में पंम्पिग स्टेशन, 21 करोड से बडी गटर लाईन डालना, 3 करोड से कोटेश्वर गाँव तल में सीवरेज की योजना, 13 करोड से पंम्पिग स्टेशन, 22 करोड से कोटेश्वर, भाट, सुघड में पानी पहुँचाना और 20 करोड से पूरे खोरज में पंम्पिग स्टेशन का निर्माण कार्य हो रहा है।
शाह ने कहा कि पिछले लगभग 3 साल में गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के 7 विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 8,624 करोड रूपए के काम गुजरात सरकार, कॉर्पोरेशन और जिला पंचायत द्वारा पूर्ण किए गए हैं, जिनमें घाटलोडीया में 1984 करोड, नारणपुरा में 1300 करोड, वेजलपुर में 561 करोड, साबरमती मे 634 करोड, साणंद में 788 करोड और गांधीनगर उत्तर में लगभग 2857 करोड के काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो भी योजनाएं बनाईं उन्हें गुजरात सरकार ने नीचे तक पहुँचाने का काम किया है, चाहे कोरोनाकाल में किट वितरण हो, मास्क वितरण हो, ऑक्सीजन प्लान्ट लगाने हों या फिर हर एक व्यक्ति को वैक्सीन देनी हो। इसके अलावा गरीब लोगों को दो साल तक हर व्यक्ति को पांच किलो अनाज मुफ्त में देने का काम भी केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आजादी के अमृत महोत्सव में पूरा देश दिन दोगुनी, रात चौगुनी प्रगति कर रहा है, फिर चाहे सुरक्षा हो, अर्थतंत्र मजबूत करना हो, उद्योग लगाने हों, नई शिक्षा नीति लानी हो, शिक्षा को नीचे तक पहुँचाना हो या फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक योजनाओं से इन्फास्ट्रक्चटर के काम करने हों।