
देहरादून, 21 जुलाई: उत्तराखंड में अब मरीजों को सरकारी अस्पतालों से अनावश्यक रूप से रेफर करने पर जवाबदेही तय होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सोमवार को सचिवालय में सभी जिलों के CMO और CMS के साथ समीक्षा बैठक की और रेफरल सिस्टम में पारदर्शिता व जवाबदेही के निर्देश दिए।
हर रेफरल पर CMO-CMS की काउंटर साइन अनिवार्य
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि मरीजों को रेफर करने की हर प्रक्रिया को वैध, कारणयुक्त और काउंटर साइन युक्त बनाना अनिवार्य होगा। बिना ठोस कारण के रेफर करने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य महानिदेशक को जल्द एकरूप SOP तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
108 नहीं तो स्थानीय संसाधनों से मिले मदद
आपातकालीन सेवाओं के लिए डॉ. कुमार ने निर्देश दिया कि यदि 108 या विभागीय एंबुलेंस समय पर उपलब्ध न हो, तो स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। हर अस्पताल को स्थानीय एंबुलेंस नेटवर्क और संसाधनों की सूची तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
शव वाहन नहीं, तो भी न झेले परिवार कष्ट
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि किसी मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों को शव ले जाने में कठिनाई न हो। यदि शव वाहन उपलब्ध नहीं है, तो प्रशासन स्वयं संसाधन जुटाकर शव को सम्मानपूर्वक परिजनों तक पहुंचाए। इसे प्रशासनिक और मानवीय जिम्मेदारी बताया गया।
ज्वाइनिंग से बच रहे डॉक्टरों को नोटिस
बैठक में डॉ. कुमार ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि जिन डॉक्टरों को 13 जून को स्थानांतरित किया गया था और अब तक उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। सेवा शर्तों की अवहेलना पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपागी, डॉ. सी.पी. त्रिपाठी, अनुसचिव अनूप मिश्रा सहित विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।