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नई दिल्ली : ईशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘मिट्टी बचाओ’ कार्यक्रम को प्रधानमंत्री मोदी ने किया संबोधित

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“पिछले 8 वर्षों के प्रमुख कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हैं”

“प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर एक कार्यक्रम में भाग लिया”

“पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब क्लाइमेट चेंज में भारत की भूमिका न के बराबर है”

“भारत मिट्टी को बचाने के लिए पांच प्रमुख बातों पर फोकस कर रहा है”

“भारत आज बायोडायवर्सिटी और वाइल्डलाइफ से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है”

“आज भारत ने तय समय से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है”

“2014 में इथेनॉल सम्मिश्रण 1.5 प्रतिशत पर था”

“10 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण से कार्बन उत्सर्जन 27 लाख टन कम हुआ है, 41 हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और हमारे किसानों को पिछले 8 वर्षों में 40 हजार 600 करोड़ की कमाई हुई है”

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत में विश्व पर्यावरण दिवस पर उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दीं। ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब राष्ट्र आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान नए संकल्प ले रहा है, ऐसे आंदोलनों को एक नया महत्व प्राप्त होता है। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों के प्रमुख कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हैं। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भारत द्वारा बहुआयामी प्रयासों के उदाहरण के रूप में स्वच्छ भारत मिशन या कचरे से कंचन संबंधी कार्यक्रम, सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी, एक सूर्य एक पृथ्वी या इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम का हवाला दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के प्रयास बहुआयामी हैं।  भारत यह प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है। दुनिया के बड़े आधुनिक देश न केवल पृथ्वी के अधिक से अधिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि अधिकतम कार्बन उत्सर्जन उनके खाते में जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 0.5 टन की तुलना में दुनिया का औसत कार्बन फुटप्रिंट लगभग 4 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे स्थापित संगठन के सहयोग से दीर्घकालिक दृष्टि पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 2070 तक भारत के नेट-जीरो के लक्ष्य को दोहराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है। पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग सॉइल ऑर्गेनिक मैटर कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा-  मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें। और पांचवां, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।

उन्होंने कहा कि मिट्टी की समस्या को दूर करने के लिए कृषि क्षेत्र में मुख्य प्रयास किए जा रहे हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रही है। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि इससे 7400 वर्ग किमी का वन क्षेत्र जुड़ जाएगा जो भारत में 20 हजार वर्ग किमी वन क्षेत्र में वृद्धि करेगा जो कि पिछले 8 वर्षों में जोड़ा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज बायोडायवर्सिटी और वाइल्डलाइफ से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज चाहे बाघ हो, शेर हो, तेंदुआ हो या हाथी, सभी की संख्या देश में बढ़ती ही जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, पहली बार स्वच्छता, ईंधन में आत्मनिर्भरता से संबंधित पहल शुरू की गई। किसानों की आय बढ़ाने और मृदा स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आपस में जोड़े गए। उन्होंने गोवर्धन योजना का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती से हमारी अनेक बड़ी-बड़ी समस्याओं का बड़ा समाधान होता है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को दुरुस्त करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीएस VI मानदंडों को अपनाने, एलईडी बल्ब अभियान पर जोर दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म आधारित स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता में 18 गुना वृद्धि हुई है और हाइड्रोजन मिशन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था से संबंधित नीतियां, स्क्रैपेज नीति जैसी नीतियां पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने खुलासा करते हुए कहा कि आज भारत ने तय समय से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10  प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। उपलब्धि की व्यापकता के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में इथेनॉल मिश्रण 1.5 प्रतिशत था। उन्होंने समझाया, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के तीन स्पष्ट लाभ हैं। सबसे पहले, इससे 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। दूसरा, इसने 41 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत की है और तीसरा, देश के किसानों ने पिछले 8 वर्षों में इथेनॉल मिश्रण में वृद्धि के कारण 40 हजार 600 करोड़ रुपये कमाए हैं। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि पर देश के लोगों, किसानों और तेल कंपनियों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम राष्ट्रीय गतिशक्ति मास्टर प्लान के कारण लॉजिस्टिक सिस्टम और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाएगा और इससे प्रदूषण में कमी आएगी। 100 से अधिक जलमार्गों पर मल्टी- मोडल कनेक्टिविटी कार्य भी प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने ग्रीन जॉब के पहलू पर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर भारत की गति बड़ी संख्या में ग्रीन जॉब के अवसर पैदा कर रही है। उन्होंने पर्यावरण और मिट्टी संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा और अंत में हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए एक जन आंदोलन का आह्वान किया।

‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’  बिगड़ती मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे सुधारने के लिए जागरूक पहल शुरू करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन है। सद्गुरु ने मार्च 2022 में इस आंदोलन की शुरुआत की थी, जिन्होंने 27 देशों से गुजरते हुए 100 दिन की मोटरसाइकिल यात्रा शुरू की थी। 5 जून इस 100 दिन की यात्रा का 75वां दिन है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की भागीदारी भारत में मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए साझा चिंताओं और प्रतिबद्धता को दर्शाएगी।

PM at the ‘Save Soil’ programme organised by Isha Foundation, in New Delhi on June 05, 2022.
PM addressing at the ‘Save Soil’ programme organised by Isha Foundation, in New Delhi on June 05, 2022.
PM addressing at the ‘Save Soil’ programme organised by Isha Foundation, in New Delhi on June 05, 2022.
PM addressing at the ‘Save Soil’ programme organised by Isha Foundation, in New Delhi on June 05, 2022.
Gathering at the ‘Save Soil’ programme organised by Isha Foundation, in New Delhi on June 05, 2022. PM addressing on the occasion.
Gathering at the ‘Save Soil’ programme organised by Isha Foundation, in New Delhi on June 05, 2022. PM addressing on the occasion.

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