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दिल्लीफीचर्ड

दिल्ली में यमुना उफान पर: खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा जलस्तर, निचले इलाकों में बढ़ा खतरा

प्रशासन अलर्ट पर, मयूर विहार और एक्सप्रेसवे किनारे लगाए गए टेंट, बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका

नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और सोमवार सुबह यह पुराने रेलवे पुल पर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया। स्थिति गंभीर होती देख प्रशासन सतर्क हो गया है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद तेज कर दी गई है। अधिकारियों ने साफ कहा है कि नदी के जलस्तर में आगे भी वृद्धि हो सकती है, ऐसे में सभी संबंधित एजेंसियों को फुल अलर्ट मोड पर रखा गया है।


यमुना का जलस्तर क्यों चिंता का विषय?

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर पर, खतरे का निशान 205.3 मीटर पर और निकासी का स्तर 206 मीटर पर तय है। सोमवार को नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है। ऐसे में पुराने रेलवे पुल को, जो नदी की प्रवाह स्थिति मापने का सबसे अहम अवलोकन बिंदु है, लगातार मॉनिटर किया जा रहा है।


निचले इलाकों में बढ़ी मुश्किलें

नदी का जलस्तर बढ़ने से सबसे पहले असर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मयूर विहार और यमुना के किनारे बसे निचले इलाकों पर पड़ता है। प्रशासन ने यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए अस्थायी टेंट और राहत शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं।

स्थानीय लोगों को लगातार अलर्ट मैसेज भेजे जा रहे हैं और पुलिस के साथ-साथ आपदा प्रबंधन की टीमें भी चौकसी में जुटी हैं।


पिछले वर्षों की बाढ़ का अनुभव

दिल्ली हर साल मॉनसून में यमुना की बाढ़ से जूझती रही है।

  • साल 2023 में जलस्तर ने 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था और राजधानी के कई हिस्सों में भारी जलभराव व बाढ़ की स्थिति बन गई थी।
  • साल 2013 और 2019 में भी पानी के उफान से यमुना किनारे की बस्तियां खाली करानी पड़ी थीं।

इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहर के लिए यमुना का उफान किसी बड़े संकट से कम नहीं है।


प्रशासनिक चुनौतियाँ और तैयारियां

दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों ही स्तरों पर प्रशासनिक एजेंसियां लगातार हालात की निगरानी कर रही हैं।

  • आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट पर रखा गया है।
  • राहत शिविरों में खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है।
  • संभावित जलभराव वाले इलाकों में पंप सेट और बचाव नौकाएं तैयार रखी गई हैं।

हालांकि सबसे बड़ी चुनौती है कि शहर के बीच बहने वाली यमुना का बढ़ता जलस्तर सड़क यातायात, जल आपूर्ति और बिजली आपूर्ति जैसी मूलभूत सेवाओं को प्रभावित कर सकता है।


विशेषज्ञों की राय

जल विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना का जलस्तर बढ़ने की मुख्य वजह ऊपरी राज्यों से छोड़ा गया पानी और लगातार बारिश है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का सीधा असर दिल्ली में जलस्तर पर पड़ता है।


जनता के लिए अपील

अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि:

  • अफवाहों पर ध्यान न दें।
  • प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
  • यमुना के निचले इलाकों से दूर रहें।
  • बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

इस समय राजधानी दिल्ली की नज़रें यमुना नदी के जलस्तर पर टिकी हैं। प्रशासन की ओर से लगातार राहत और बचाव कार्य की तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन अगर जलस्तर और बढ़ता है तो दिल्लीवासियों को बीते वर्षों जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

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