
नई दिल्ली, ब्यूरो रिपोर्ट: दिल्ली सरकार ने राजधानी में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की आंशिक पाबंदी को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अब महिलाएं दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में 24×7 यानी रातभर भी काम कर सकेंगी, बशर्ते कि नियोजक संस्थान उनकी सुरक्षा और सुविधा से जुड़े जरूरी प्रावधानों का अनुपालन करें।
यह फैसला न केवल दिल्ली की महिला कार्यबल की भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजधानी को 24×7 बिजनेस हब के रूप में स्थापित करने के विज़न को भी सशक्त करता है।
🔹 क्या बदला है कानून में?
अब तक दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954 की धाराएं 14, 15 और 16 महिलाओं को रात के समय काम करने की अनुमति नहीं देती थीं —
- गर्मियों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक,
- सर्दियों में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक।
सरकार ने अब इस प्रावधान में छूट देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जो उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू होगा।
🔹 किन शर्तों पर मिलेगी नाइट शिफ्ट की अनुमति?
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कंपनियों के लिए कई कड़े दिशा-निर्देश तय किए हैं:
- महिला कर्मचारियों की लिखित सहमति जरूरी होगी।
- कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और सुरक्षित परिवहन की अनिवार्य व्यवस्था करनी होगी।
- संस्थानों को POSH एक्ट के तहत आंतरिक शिकायत समिति गठित करनी होगी।
- रेस्ट रूम, टॉयलेट, लॉकर जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी।
- वेतन भुगतान केवल बैंक/ईसीएस के माध्यम से होगा।
- सभी वैधानिक लाभ — ईएसआई, पीएफ, बोनस, ओवरटाइम, वीकऑफ आदि — देना अनिवार्य होगा।
🔹 दिल्ली को क्या होगा फायदा?
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह फैसला दिल्ली को ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में अग्रणी बनाने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी नई मिसाल स्थापित करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में यह सुविधा पहले से लागू है, और अब दिल्ली भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
यह फैसला महिलाओं को रात के समय भी सुरक्षित, सम्मानजनक और कानूनी संरक्षण के साथ कार्य करने की आज़ादी देता है — जो एक प्रगतिशील समाज की पहचान है।