
ढाका/गोपालगंज: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता ने हिंसक रूप ले लिया है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों के बीच टकराव के चलते गोपालगंज में भीषण हिंसा भड़क उठी है। झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि 9 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। हालात पर काबू पाने के लिए सेना के टैंक सड़कों पर तैनात कर दिए गए हैं और पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
हिंसा का केंद्र: गोपालगंज
हिंसा की शुरुआत गोपालगंज में नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (NCP) की एक रैली से हुई, जिसे शेख हसीना की पार्टी ‘आवामी लीग’ की छात्र इकाई—बांग्लादेश छात्र लीग के कार्यकर्ताओं ने रोकने की कोशिश की। इसी दौरान दोनों पक्षों में झड़प शुरू हो गई, जो कुछ ही घंटों में पथराव, गोलीबारी और आगजनी में बदल गई।
मारे गए लोगों की पहचान
गोपालगंज सिविल अस्पताल के मुताबिक, तीन मृतकों की पहचान कर ली गई है:
- दीप्तो साहा (25 वर्ष)
- रमजान काजी (18 वर्ष)
- सोहेल मोल्ला (41 वर्ष)
हॉस्पिटल प्रशासन ने पुष्टि की है कि सभी 9 घायल प्रदर्शनकारियों को गोली लगी है। स्थानीय पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में कई लोगों को हिरासत में लिया है।
सेना की तैनाती और कर्फ्यू
स्थिति के बेकाबू होते ही बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के 200 जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, लेकिन जब हालात नहीं सुधरे, तो टैंक सड़कों पर उतारने पड़े। इसके बाद गोपालगंज में कर्फ्यू लागू कर दिया गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: NCP बनाम आवामी लीग
यह टकराव केवल सड़कों तक सीमित नहीं है, इसके पीछे गहरी राजनीतिक खाई है। जानकारी के अनुसार, 28 फरवरी 2025 को नाहिद इस्लाम ने नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (NCP) का गठन किया था, जो मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का समर्थन प्राप्त कर रही है।
NCP की यह रैली, दरअसल, ‘क्रांतिकारी आंदोलन’ की सालगिरह मनाने के लिए आयोजित की गई थी। लेकिन रैली के दौरान NCP के छात्रों द्वारा ‘शेख मुजीबुर्रहमान विरोधी नारेबाज़ी’ की गई — जो कि शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक माने जाते हैं। यह नारेबाज़ी झड़प की चिंगारी बन गई।
मोहम्मद यूनुस ने क्या कहा?
अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया पर इस हिंसा की निंदा करते हुए लिखा:
“युवाओं की शांतिपूर्ण रैली पर हमला करना उनके मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। हम उन छात्रों के साहस की सराहना करते हैं जिन्होंने धमकियों के बावजूद लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखा। दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दी जाएगी।“
आवामी लीग ने क्या आरोप लगाए?
वहीं शेख हसीना की पार्टी ‘आवामी लीग’ ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि NCP कार्यकर्ताओं द्वारा उकसाने और हसीना समर्थकों पर सुनियोजित हमला किया गया। पार्टी प्रवक्ता ने यूनुस सरकार पर “राजनीतिक पक्षपात” का भी आरोप लगाया।
राजनीतिक तनाव चरम पर
गोपालगंज, जो कि शेख हसीना का पैतृक ज़िला और ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर्रहमान का स्मारक स्थल है, अब राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बन चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हिंसा संकेत देती है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और पुरानी राजनीतिक ताकतों के बीच तनाव जल्द खत्म होने वाला नहीं है।