
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन अरुण हलदर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को चिट्ठी लिखकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि उनकी अध्यक्षता में आयोग की टीम ने 15 फरवरी को संदेशखाली का दौरा किया। इस टीम में डॉ. अनुज बाला और सुभाष रामनाथ प्रार्धी शामिल थे। वहां जो रिपोर्ट मिली वह दिल को दहलानेवाली है। संदेशखाली में शाहजहां शेख और उसके गुर्गों के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के साथ रेप, प्रताड़ाना और जमीन कब्जा करने की बातें सामने आई हैं। ऐसा लगता है जैसे पश्चिम बंगाल की सरकार ने इन बातों को दबाने की कोशिश की है। शासन और प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।
उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि संदेशखाली के पीड़ित डर और भय के माहौल में जी रहे हैं। संदेशखाली में 80 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति और जनजातियों की है। इसलिए सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और राज्य में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए। बता दें कि संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। तृणमूल नेता शाहजहां शेख से जुड़े लोगों ने राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला किया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार है। महिलाएं शाहजहां को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं।