Uttrakhand : अब इतिहास बन जाएगी यह कॉलोनी! शेष बचे घर भी होंगे जमींदोज
Uttrakhand : अब इतिहास बन जाएगी यह कॉलोनी! शेष बचे मकान भी होंगे जमींदोज

The remaining houses will be completely razed to the ground in the next days.
लालकुआं से गौरव गुप्ता: हाईकोर्ट के फरमान के बाद जिस प्रकार से रेलवे पुलिस जीआरपी सिविल पुलिस के अलावा बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी चार जेसीबी की मदद से नगीना कॉलोनी को हटा रहे हैं, उससे जल्दी ही अब नगीना कॉलोनी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, और यह सिर्फ इतिहास बनकर रह जाएगा।
आज पहले दिन चले अतिक्रमण हटाओ अभियान में रेलवे की भूमि बसे डेढ़ सौ के लगभग कच्चे-पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया गया है। शेष बचे मकानों को अगले दिनों में पूरी तरह से जमींदोज कर दिया जाएगा।
ऐसे में अब लोग यही कहते नजर आएंगे कि कभी नगीना कॉलोनी हुआ करती थी। नगीना कॉलोनी पर जिस प्रकार से आज पहले दिन जेसीबी का कहर बरपा, उसके बाद बड़ी संख्या में बेघर हुए लोग खुद से यही सवाल करते रहे कि अब जाएंगे तो आखिर कहां.?
हालांकि प्रशासन किसी तरह की हमदर्दी दिखाने के मूड में नहीं है, लेकिन उनके रहने और खाने की ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अक्सर अपने कंधे पर राजनीतिक बंदूक रखकर राजनीतिक जमीन सींचने वाले नेता भी पूरी तरह नदारद हैं। कुल मिलाकर बेघर हुए लोग एक नए संघर्ष की राह पर आगे बढ़ चुके हैं।
नगीना कॉलोनी के बाशिंदों ने रेलवे के फरमान को बेहद हल्के में लिया। रेलवे द्वारा कई बार उनको अन्यत्र चले जाने की अपील की गई और चेतावनी भी दी गई लेकिन इन लोगों ने ना ही रेलवे की अपील का महत्व समझा और ना ही उनकी चेतावनी के खौफ को समझा।
बहरहाल रेलवे की हिदायत को नजरअंदाज करना इन्हें भारी पड़ा। आज अपनी आंखों के सामने अपने बनाए हुए घर को जमींदोज होते हुए देखना पड़ा बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी से पूरा नगीना कॉलोनी क्षेत्र चलती फिरती छावनी में तब्दील रहा जेसीबी की गरजती आवाज लोगों का हुजूम और बेघर हो गए परिवारों की बेबसी यह सब तो नजारा आने वाले दिनों में भी देखने को मिलेगा।