
एक रिटायर्ड फौजी को उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग में नौकरी का झांसा देकर आरोपियों ने 95 लाख रुपए की ठगी कर डाली. एक आरोपी ने पीड़ित को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सतपाल महाराज उसके घर आते जाते हैं. पीड़ित द्वारा पुलिस महानिदेशक को शिकायत देने के बाद थाना नेहरू कॉलोनी में 7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
आपको बता दें देहरादून निवासी व्यक्ति ने डीजीपी दीपम सेठ को शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उन्होंने सेना में 24 साल नौकरी करके साल 2020 में रिटायर्ड हो कर आया . इसके बाद वह नौकरी की तलाश करने लगे. इसके लिए पीड़ित ने परिचित राहुल सैनी से संपर्क किया. राहुल सैनी ने अंकित रावत, पूजा चमोली और सत्यम शर्मा से मिलवाया.
अंकित रावत ने पीड़ित को बताया कि वह शासन में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के साथ काम करता है और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सतपाल महाराज का उसके घर खूब आना जाना है. इसके बाद एक दिन अंकित रावत ने पीड़ित को मसूरी रोड स्थित घर बुलाया. जहां तीन अन्य लोग मिले. जिसमें से एक व्यक्ति ने अपना नाम अमर सिंह बताया और कहा कि वह अंकित की सिक्योरिटी में तैनात है. अमर सिंह ने पीड़ित का फोन और अन्य सामान अपने पास रखते हुए अंकित से मिलने के लिए अंदर कमरे में भेजा. अंकित रावत से मिलने पर उसने बताया कि केंद्र सरकार ने उसे सुरक्षा प्रदान की है
उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग और उत्तराखंड सरकार के पशुपालन और पर्यटन विभाग में नियुक्तियों के लिए राज्य सरकारों से मनोनीत कर रखा है. ऐसे में अंकित रावत ने पीड़ित को पर्यटन विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया. इसके बाद 23 मार्च 2020 को अंकित रावत ने 55 हजार रुपए, 24 मार्च को 90 हजार रुपए और 25 मार्च को 40 हजार रुपए कुल एक लाख 85 हजार रुपए लिए. उन दिनों कोरोना काल चल रहा था तो अंकित रावत ने बताया कि फिलहाल काम दिलाना मुश्किल है. कुछ दिन बाद अंकित रावत ने पीड़ित को घर पर बुलाया और कहा कि एक बहुत बड़ा काम मिला है. जिसके लिए उसे एक करोड़ रुपए की सख्त जरूरत है. और 50 लाख रुपए मांगे. पीड़ित ने 50 लाख रुपए देने के बाद अंकित रावत ने 19 सितंबर 2020 को नौकरी दिलाने संबंधी तैयार अनुबंध पत्र दिया.
अंकित ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन विभाग में 10 रिक्तियां भरने का काम दिया है. जिसके एवज में 10-10 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से नौकरी लगवा दूंगा. पीड़ित ने इसके लिए 10 लोगों को तैयार किया. अंकित रावत को फॉर्म के साथ 50 लाख रुपए एडवांस दिए. अंकित ने सभी को नियुक्ति पत्र दिए जिसमें एक आईएएस अधिकारी के हस्ताक्षर थे. 16 अप्रैल 2021 को अंकित रावत ने पूजा चमोली के साथ उदयपुर राजस्थान में एक होटल में शादी की. लेकिन वहां वीआईपी के नहीं आने से पीड़ित को शक हुआ. उसके बाद पीड़ित ने अपने रुपए वापस मांगे तो उसे धमकी देनी शुरू कर दी. इस मामले में पीड़ित ने सीओ सदर को प्रार्थना पत्र दिया और सीओ सदर ने 6 लाख रुपए वापस दिलवाएं. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. आरोपियों ने पीड़ित के साथ कुल 95 लाख 85 लाख रुपए की ठगी की है.